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सूरत में गरबा कार्यक्रम में विवाद: मुस्लिम ढोल कलाकारों की भागीदारी पर वीएचपी-बजरंग दल ने जताई आपत्ति

सूरत में गरबा कार्यक्रम में विवाद: मुस्लिम ढोल कलाकारों की भागीदारी पर वीएचपी-बजरंग दल ने जताई आपत्ति

सूरत के वेसु इलाके में नवरात्रि गरबा कार्यक्रम विवादों में घिर गया, जब मंच पर मुस्लिम ढोल वादकों की मौजूदगी का विरोध हुआ। विवाद के बाद आयोजकों और कलाकारों ने माफी मांगी और आश्वासन दिया कि आगे मुस्लिम कलाकार नहीं बुलाए जाएंगे।

सूरत: नवरात्रि गरबा कार्यक्रम एक बार फिर विवादों में घिर गया है। दक्षिणपंथी संगठनों ने मुस्लिम कलाकारों की मौजूदगी पर आपत्ति जताते हुए कार्यक्रम को लगभग एक घंटे तक रुकवा दिया। मामला बढ़ने के बाद आयोजकों ने माफ़ी मांगी और आश्वासन दिया कि आने वाले वर्षों में किसी भी मुस्लिम कलाकार को गरबा कार्यक्रम में शामिल नहीं किया जाएगा। इस घटना ने धार्मिक सौहार्द और सांस्कृतिक आयोजनों की प्रकृति पर नए सवाल खड़े कर दिए हैं।

गरबा खेलते समय मैदान में झगड़ा

सोमवार रात सूरत के वेसु इलाके में खुले लॉन में भव्य गरबा कार्यक्रम आयोजित किया गया था। यह आयोजन स्थानीय इवेंट मैनेजर धवल मुंजानी और प्रिंस पटेल द्वारा किया गया था। आयोजन में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए थे। माहौल उत्सवमय था, लेकिन तभी अचानक बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के सदस्य स्थल पर पहुंचे और मंच पर चढ़कर आपत्ति दर्ज कराई।

उनका आरोप था कि मुंबई से आए बैंड में तीन मुस्लिम ढोल वादक शामिल हैं, जो परंपरा के विपरीत है। इसी दौरान आयोजकों और दक्षिणपंथी नेताओं के बीच बहस तेज हो गई। विवाद इतना बढ़ा कि पुलिस को भी मौके पर पहुंचना पड़ा। हालांकि हालात बिगड़ने से पहले ही आयोजकों ने माफ़ी मांग ली और माहौल को शांत किया गया।

आयोजकों ने विवाद पर मांगी माफी

आयोजकों ने बताया कि उनका मुंबई के एक बैंड से सालाना अनुबंध है, जिसमें हिंदू और मुस्लिम दोनों कलाकार शामिल हैं। पिछले कई वर्षों से यही समूह सूरत में नवरात्रि कार्यक्रमों में प्रस्तुति देता आ रहा है। आयोजकों के मुताबिक, उनका उद्देश्य केवल सांस्कृतिक कार्यक्रम को सफल बनाना है, न कि किसी को आहत करना।

लेकिन दक्षिणपंथी नेताओं की आपत्ति और विवाद बढ़ने के बाद आयोजकों ने मंच से माफ़ी मांगी। उन्होंने सार्वजनिक रूप से आश्वासन दिया कि आगामी वर्षों में गरबा कार्यक्रम में मुस्लिम कलाकारों को आमंत्रित नहीं किया जाएगा। आयोजकों ने यह भी कहा कि वे भविष्य में ऐसे विवादों से बचने की पूरी कोशिश करेंगे।

पुलिस की मौजूदगी में सुलझा विवाद 

इस पूरे घटनाक्रम के दौरान पुलिस की मौजूदगी ने हालात को नियंत्रित करने में बड़ी भूमिका निभाई। पुलिस कमिश्नर अनुपम सिंह गहलोत ने कहा कि विवाद को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझा लिया गया और किसी भी व्यक्ति के साथ दुर्व्यवहार या हिंसा नहीं हुई। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रशासन चाहता है कि सूरत के सभी नवरात्रि आयोजन बिना किसी तनाव के संपन्न हों।

गहलोत ने यह भी कहा कि पुलिस बल को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे हर आयोजन पर कड़ी नज़र रखें और ऐसे किसी भी तत्व को रोकें जो माहौल बिगाड़ने की कोशिश करे। पुलिस की इस सख्ती का उद्देश्य है कि सांस्कृतिक आयोजनों में किसी तरह की रुकावट न आए और लोग सुरक्षित माहौल में त्योहार का आनंद ले सकें।

धार्मिक संगठनों ने मुस्लिम कलाकारों पर आपत्ति जताई

दक्षिण गुजरात के बजरंग दल प्रांत प्रचारक नीलेश अकबरी ने कहा कि पिछले साल भी मुस्लिम कलाकारों को चेतावनी दी गई थी, लेकिन आयोजकों ने इस बार फिर उन्हें बुलाया। उनका कहना था कि गरबा हिंदू धार्मिक परंपरा से जुड़ा हुआ आयोजन है और इसमें मुस्लिम कलाकारों की भागीदारी स्वीकार्य नहीं है।

वहीं, वीएचपी नेताओं का भी यही रुख रहा। उनका मानना है कि आयोजकों को स्थानीय धार्मिक भावनाओं का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने आयोजकों द्वारा दी गई माफ़ी को स्वीकार किया, लेकिन साथ ही यह भी दोहराया कि भविष्य में यदि ऐसा दोबारा हुआ तो और कड़े कदम उठाए जाएंगे। इस बयान से साफ है कि आने वाले दिनों में भी इस मुद्दे पर विवाद थमने की संभावना कम है।

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