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जीएसटी बचत उत्सव को बिहार में 'विजयोत्सव' बनाना चाहती है बीजेपी, चुनावी रणनीति में बड़ा प्लान

जीएसटी बचत उत्सव को बिहार में 'विजयोत्सव' बनाना चाहती है बीजेपी, चुनावी रणनीति में बड़ा प्लान

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) जीएसटी दरों में हालिया कटौती का राजनीतिक लाभ उठाने के लिए सक्रिय हो गई है। पार्टी इस दिशा में राष्ट्रव्यापी अभियान चला रही है, जिसमें बड़े नेताओं से लेकर सभी सांसदों तक को जिम्मेदारी दी गई है। 

पटना: सोमवार से शुरू हुए जीएसटी 2.0 को लेकर बीजेपी बिहार विधानसभा चुनावों में इसे अपने चुनावी लाभ के लिए भुनाने की रणनीति बना रही है। पार्टी ने 'जीएसटी बचत उत्सव' के नाम से पूरे देश में अभियान शुरू किया है, लेकिन बिहार के लिए एक खास टीम बनाई गई है। इस टीम को राज्य में अपने सहयोगी जेडीयू का भी समर्थन मिलने की संभावना है।

बिहार में गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले लोगों की संख्या कुल आबादी का एक-तिहाई से अधिक है। पार्टी का मानना है कि जीएसटी दरों में कटौती का लाभ सही तरीके से जनता तक पहुंचाने से चुनावों में उन्हें फायदा हो सकता है।

जीएसटी 2.0: बिहार में विशेष रणनीति

सोमवार से शुरू हुए जीएसटी 2.0 के तहत आम लोगों के जीवन में संभावित बदलावों को बिहार विधानसभा चुनावों में भुनाने की तैयारी की जा रही है। पार्टी ने इसे देशभर में 'जीएसटी बचत उत्सव' के नाम से लॉन्च किया है। बिहार के लिए विशेष टीम बनाई गई है, जिसमें बीजेपी के सहयोगी जेडीयू का सहयोग मिलने की संभावना भी है।

बिहार में गरीबी रेखा के नीचे (BPL) रहने वाले लोग कुल आबादी का लगभग 34.13 प्रतिशत हैं। ऐसे में बीजेपी को उम्मीद है कि जीएसटी दरों में कटौती का लाभ सही तरह से इस वर्ग तक पहुंचाने पर चुनावी फायदा मिल सकता है।

पांच सदस्यीय टीम का गठन

बीजेपी ने बिहार के लिए 'जीएसटी बचत उत्सव' को सफल बनाने के लिए पांच नेताओं की टीम बनाई है। इस टीम का संयोजन बीजेपी विधायक संजीव चौरसिया के नेतृत्व में होगा। सह-संयोजक के रूप में सुरेश रूंगटा, अमृता भूषण, मनन मिश्रा और नितिन अभिषेक शामिल हैं। इन नेताओं की जिम्मेदारी है कि वे जनता के बीच जाएं और जीएसटी कटौती से आम लोगों, खासकर बीपीएल परिवारों, को मिलने वाले लाभ की जानकारी साझा करें।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया और कहा कि जीएसटी दरों में सुधार बिहार के हर वर्ग के लोगों को लाभ पहुंचाएगा। इस कदम को जनता तक पहुंचाने के लिए बीजेपी ने विशेष रणनीति बनाई है।

राष्ट्रव्यापी अभियान और 10 प्रमुख नेता

बीजेपी ने इसी तरह का अभियान राष्ट्रीय स्तर पर भी लॉन्च किया है। इसके निगरानी के लिए 10 वरिष्ठ नेताओं की टीम बनाई गई है। इसमें बीजेपी मुख्यालय के प्रभारी और राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह, वरिष्ठ नेता तरुण चुघ, और आठ अन्य नेताओं को शामिल किया गया है। हर नेता को तीन से पांच राज्यों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। ये सभी नेता जीएसटी कटौती से लोगों को मिलने वाले फायदे के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने वाले अभियान की निगरानी करेंगे। इससे न सिर्फ जनता में जागरूकता बढ़ेगी, बल्कि पार्टी को भी राजनीतिक लाभ मिलने की संभावना बढ़ेगी।

बीजेपी की ओर से 'जीएसटी बचत उत्सव' को लेकर सांसदों को एक चिट्ठी भी जारी की गई है। इसमें सांसदों से आग्रह किया गया है कि वे 22 से 27 सितंबर तक सात दिनों तक चलने वाले इस उत्सव में भाग लें। सांसदों से कहा गया है कि वे अपने निर्वाचन क्षेत्रों में प्रतिदिन दो पदयात्रा (march/padyatra) निकालें, जिसमें उनके चुनाव क्षेत्र के दो प्रमुख बाजार शामिल हों।

इस अभियान का उद्देश्य न केवल जनता तक जीएसटी बचत की जानकारी पहुंचाना है, बल्कि पार्टी की चुनावी पकड़ मजबूत करना भी है। बिहार में चुनाव की संभावित तारीखों की घोषणा अगले महीने की शुरुआत में हो सकती है। ऐसे में बीजेपी की रणनीति को समय रहते अमल में लाना जरूरी है।

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