नवरात्रि के दौरान सोने की मांग बढ़ने से 24 सितंबर को सोना 1,14,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच गया। प्रमुख शहरों में चेन्नई में सबसे महंगा और दिल्ली में सबसे कम भाव रिकॉर्ड किया गया। अमेरिकी फेड के संभावित ब्याज दर कटौती और त्योहारी मांग के चलते सोने की कीमत में तेजी देखी जा रही है।
Gold Price Today: 24 सितंबर 2025 को नवरात्रि सीजन में सोने की कीमत लगातार तीसरे दिन चमकदार रही, और देशभर में प्रति 10 ग्राम सोना 1,14,000 रुपये के आसपास बिक रहा है। इंडियन बुलियन एसोसिएशन के मुताबिक दिल्ली में 1,13,960 रुपये, मुंबई में 1,14,160 रुपये, बेंगलुरू में 1,14,250 रुपये और चेन्नई में सबसे अधिक 1,14,490 रुपये प्रति 10 ग्राम का भाव है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व के संभावित ब्याज दर कटौती और त्योहारी मांग ने सोने की चमक को बढ़ाया है, जबकि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता और डॉलर-रुपया विनिमय दर में बदलाव भी कीमतों पर असर डाल रहे हैं।
पिछले हफ्ते की गिरावट और फिर उछाल
पिछले हफ्ते अमेरिकी केंद्रीय बैंक यूएस फेडरल रिजर्व की बैठक के बाद सोने की कीमतों में गिरावट देखी गई थी। 15 सितंबर को सोना 1,10,000 रुपये प्रति ग्राम के पार जा चुका था। हालांकि फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में संभावित कटौती के संकेत ने सोने की चमक को दोबारा तेज कर दिया। विशेषज्ञों का कहना है कि फेड के फैसलों के बाद सोने की कीमतों में बढ़त और सुरक्षित निवेश की संभावना बढ़ गई है।
शहरवार सोने का ताजा भाव
देश के प्रमुख शहरों में सोने की कीमतों में मामूली अंतर देखने को मिल रहा है। दिल्ली में प्रति 10 ग्राम सोना 1,13,960 रुपये, मुंबई में 1,14,160 रुपये, बेंगलुरू में 1,14,250 रुपये और कोलकाता में 1,14,010 रुपये के हिसाब से बिक रहा है। चेन्नई में सोने का भाव सबसे अधिक 1,14,490 रुपये प्रति 10 ग्राम दर्ज किया गया है।
चांदी की कीमत में भी तेजी रही है। इंडियन बुलियन एसोसिएशन के अनुसार, आज चांदी का भाव 1,34,990 रुपये प्रति किलो हो गया है। निवेश के लिहाज से 24 कैरेट सोना खरीदा जाता है, जबकि ज्वैलरी बनाने के लिए 22 कैरेट और 18 कैरेट सोना उपयोग में आता है।
सोने और चांदी की कीमतें कैसे तय होती हैं
सोने और चांदी की कीमतें रोजाना आधार पर तय होती हैं। इसके पीछे कई कारक जिम्मेदार होते हैं। वैश्विक बाजार में अनिश्चितता जैसे युद्ध, आर्थिक मंदी, या ब्याज दरों में बदलाव सोने की कीमत पर असर डालते हैं। जब बाजार में अस्थिरता बढ़ती है, निवेशक शेयर या अन्य जोखिम भरी संपत्तियों की बजाय सोने जैसे सुरक्षित विकल्प चुनते हैं।
महंगाई बढ़ने या शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव होने पर सोने की मांग और कीमतें तेजी से बढ़ती हैं। यही कारण है कि त्योहारी सीजन में सोने की कीमतें अक्सर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच जाती हैं।
अंतरराष्ट्रीय बाजार और डॉलर का असर
अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने और चांदी की कीमतें अमेरिकी डॉलर में तय होती हैं। डॉलर-रुपया विनिमय दर में बदलाव का सीधा असर भारतीय बाजार में इन धातुओं की कीमतों पर पड़ता है। यदि डॉलर मजबूत होता है या रुपया कमजोर होता है, तो भारत में सोने की कीमतें बढ़ जाती हैं।
भारत में सोने का अधिकांश हिस्सा आयात किया जाता है। इस वजह से आयात शुल्क, जीएसटी और अन्य स्थानीय टैक्स भी सोने की कीमतों को प्रभावित करते हैं। यही कारण है कि सोने का भाव अलग-अलग शहरों में थोड़ा बहुत बदलता रहता है।
निवेशकों और खरीदारों के लिए माहौल
नवरात्रि और त्योहारी मौसम में सोने की मांग परिपक्व रहती है। निवेशक सुरक्षित विकल्प के रूप में सोना खरीदते हैं, जबकि ज्वैलरी खरीदार त्योहारी शॉपिंग के लिए इसे चुनते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि सोने का यह उछाल त्योहारी मांग और सुरक्षित निवेश की भावना दोनों से प्रेरित है।