पश्चिम बंगाल में 2026 विधानसभा चुनाव से पहले मुस्लिम मतदाताओं की मदद के लिए SIR फॉर्म भरने का राज्यव्यापी अभियान शुरू किया गया। मस्जिदों में प्रशिक्षण, सहायता डेस्क और 500 शिविरों के माध्यम से नागरिकों को सुरक्षित और सही मार्गदर्शन दिया जा रहा है।
SIR: पश्चिम बंगाल में अल्पसंख्यक संगठनों और इमामों ने मतदाता सूची के पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) में मुस्लिम समुदाय की मदद के लिए राज्यव्यापी अभियान शुरू किया है। यह पहल 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले लोगों में संभावित भ्रम और डर को कम करने के उद्देश्य से की जा रही है। अभियान के तहत मस्जिदों और सामाजिक समूहों ने नागरिकों से अपील की है कि वे शांति बनाए रखें और SIR फॉर्म को सावधानीपूर्वक भरें।
इमाम और सामाजिक समूहों की सक्रिय भूमिका
कोलकाता में रेड रोड पर वार्षिक नमाज पढ़ाने वाले इमाम-ए-दीन काजी फजलुर रहमान ने बताया कि धार्मिक नेता नागरिकों का मार्गदर्शन करने में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। मस्जिद समितियां और वरिष्ठ मौलवी नियमित रूप से लोगों से मिल रहे हैं और उन्हें SIR प्रक्रिया समझा रहे हैं। लोगों को डराने या गलत जानकारी फैलाने की बजाय उन्हें सही दिशा दिखाने पर जोर दिया जा रहा है।
नखोदा मस्जिद में विशेष प्रशिक्षण
कोलकाता की नखोदा मस्जिद के इमाम मौलाना शफीक कासमी ने बताया कि नखोदा मस्जिद और राज्य की कई प्रमुख मस्जिदों ने नमाज कक्षों के बाहर दैनिक प्रशिक्षण सत्र आयोजित करना शुरू कर दिया है। इन सत्रों में नागरिकों को SIR फॉर्म भरने की प्रक्रिया समझाई जाती है और सहायता डेस्क स्थापित किया गया है ताकि लोग अपनी समस्याओं का समाधान तुरंत प्राप्त कर सकें।
जमीयत उलेमा-ए-हिंद का व्यापक अभियान
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री सिद्दीकुल्लाह चौधरी के नेतृत्व में जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने भी राज्यव्यापी जागरूकता अभियान शुरू किया है। संगठन अपने 16 लाख सदस्यों, 22 जिलों में 625 इकाइयों, 1,100 मदरसों, 1.65 लाख छात्रों और 25,000 शिक्षकों के नेटवर्क के जरिए लोगों तक सही जानकारी पहुंचा रहा है। इसका मकसद मतदाता सूची में नाम न कटने की आशंका को दूर करना और लोगों को सुरक्षित महसूस कराना है।
मुस्लिम बहुल इलाकों में 500 शिविर चलाए
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मोहम्मद कमरुज्जमां ने बताया कि भ्रम दूर करने और लोगों को मदद देने के लिए मुस्लिम बहुल इलाकों में रोजाना लगभग 500 शिविर लगाए जा रहे हैं। पश्चिम बंगाल भारत में जम्मू-कश्मीर और असम के बाद सबसे अधिक मुस्लिम मतदाता वाला राज्य है। राज्य के कुल मतदाताओं में लगभग 30 प्रतिशत अल्पसंख्यक हैं और ये 294 विधानसभा सीट में से लगभग 100 पर प्रभाव डालते हैं।
इस बीच तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि SIR प्रक्रिया के कारण मतदाता सूची से नाम कटने का डर लोगों में फैल गया, जिससे 17 लोगों की मौत हो गई। तृणमूल ने इसे चुनावी भय और तनाव के कारण मानते हुए राज्य सरकार और चुनाव आयोग पर सवाल उठाए।













