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सपा सांसद डिंपल यादव का बड़ा आरोप: यूपी में स्कूल बंद करने के फैसले का किया विरोध, DM से मांगे जवाब

सपा सांसद डिंपल यादव का बड़ा आरोप: यूपी में स्कूल बंद करने के फैसले का किया विरोध, DM से मांगे जवाब

समाजवादी पार्टी (सपा) की सांसद डिंपल यादव ने योगी सरकार द्वारा यूपी के स्कूलों के विलय के फैसले का कड़ा विरोध जताया है। डिंपल यादव ने इस फैसले को लेकर साफ कहा कि इससे हजारों बच्चों और उनके परिवारों पर सीधा असर पड़ेगा।

UP Politics: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के स्कूलों के विलय (School Merger) और बंद करने के फैसले का समाजवादी पार्टी (सपा) सांसद डिंपल यादव ने कड़ा विरोध जताया है। डिंपल यादव ने इस फैसले को जनविरोधी और गरीब तबके के बच्चों के खिलाफ बताया है। उन्होंने इस मुद्दे पर मैनपुरी के जिलाधिकारी (DM) को पत्र लिखकर कई अहम सवालों के जवाब मांगे हैं।

डिंपल यादव का कहना है कि इस फैसले से हजारों गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों के बच्चे प्रभावित होंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने बिना अभिभावकों की सहमति के यह निर्णय लिया है, जो पूरी तरह से तानाशाही रवैया है। डिंपल यादव ने जिलाधिकारी से तत्काल इस संबंध में विस्तृत जानकारी सार्वजनिक करने की मांग की है।

943 स्कूलों पर संकट, 341 पहले ही बंद या मर्ज

सपा सांसद डिंपल यादव ने अपने पत्र में लिखा है कि उन्हें सूचना मिली है कि मैनपुरी जनपद में कुल 943 विद्यालयों को चिन्हित किया गया है, जिनमें से 341 स्कूलों को या तो बंद कर दिया गया है या अन्य विद्यालयों में विलय (Merger/Pairing) कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले का सीधा असर बच्चों की शिक्षा, भविष्य और उनके परिवारों पर पड़ेगा।

उन्होंने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर साफ कहा कि इस पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं बरती गई है और सरकार को जनहित में जल्द से जल्द सभी तथ्य जनता के सामने रखने चाहिए।

डिंपल यादव ने उठाए ये 7 बड़े सवाल

डिंपल यादव ने अपने पत्र में मैनपुरी के जिलाधिकारी से नीचे दी गई 7 जानकारियां तुरंत सार्वजनिक करने की मांग की है:

  1. आय वर्ग के आधार पर वर्गीकरण: इस आदेश से प्रभावित विद्यार्थियों का निम्न आय वर्ग, मध्यम आय वर्ग और उच्च आय वर्ग के आधार पर विभाजन कर पूरी जानकारी दी जाए।
  2. जातिगत वर्गीकरण: अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) और सामान्य वर्ग (General) के कितने विद्यार्थी प्रभावित हुए हैं, इसका स्पष्ट और विस्तृत ब्यौरा।
  3. कुल प्रभावित बच्चों की संख्या: ग्रामवार और ब्लॉकवार प्रभावित बच्चों की सूची उपलब्ध कराई जाए ताकि यह स्पष्ट हो कि किन क्षेत्रों के बच्चों पर इसका सीधा असर पड़ा है।
  4. वैकल्पिक परिवहन व्यवस्था: विद्यालय बंद करने के बाद बच्चों के लिए वैकल्पिक परिवहन व्यवस्था का क्या प्रावधान किया गया है, इसकी जानकारी सार्वजनिक की जाए।
  5. अभिभावकों की सहमति या आपत्ति: क्या इस निर्णय पर अभिभावकों से लिखित सहमति या आपत्ति ली गई? यदि हां, तो उन सभी दस्तावेजों की प्रतियां उपलब्ध कराई जाएं।
  6. शिक्षकों और कर्मचारियों का स्थानांतरण: जिन स्कूलों को मर्ज किया गया है, वहां के शिक्षकों, अनुदेशकों, शिक्षामित्रों, रसोइयों और अन्य कर्मचारियों को किस विद्यालय में नियुक्त किया गया है, इसकी पूरी सूची जारी की जाए।
  7. चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की पोस्टिंग: चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों में से कितने कर्मचारियों को ब्लॉक संसाधन केंद्रों (BRC) पर तैनात किया गया है, उसकी सूची भी सार्वजनिक की जाए।

'बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ बंद हो' - डिंपल यादव का सरकार पर सीधा हमला

डिंपल यादव ने कहा कि यह निर्णय सीधे तौर पर ग्रामीण और गरीब तबके के बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार को इस फैसले से पहले जनप्रतिनिधियों, शिक्षकों और सबसे अहम बच्चों के अभिभावकों से राय लेनी चाहिए थी। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के नाम पर संख्या बढ़ाने के बजाय लगातार स्कूल बंद कर रही है, जो शिक्षा के अधिकार कानून और बच्चों के भविष्य के साथ अन्याय है।

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