उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में श्रीरामस्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी (SRMU) के छात्रों पर हुए पुलिस लाठीचार्ज का मामला अब गंभीर रूप ले चुका है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना का संज्ञान लेते हुए सख्त कदम उठाए हैं।
Barabanki: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से सटे बाराबंकी में श्रीरामस्वरूप यूनिवर्सिटी में छात्रों पर हुई लाठीचार्ज की घटना का संज्ञान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लिया है। मुख्यमंत्री ने छात्रों पर हुई इस कार्रवाई पर नाराजगी जताई है और तुरंत सीओ को निलंबित करने के आदेश जारी किए हैं। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने मंडलायुक्त अयोध्या को संबंधित कॉलेज की डिग्री की वैधता की जांच करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने यह भी आदेश दिया है कि IG अयोध्या प्रवीण कुमार छात्रों के साथ हुई घटना की विस्तार से जांच करें और रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
मामला कैसे शुरू हुआ?
1 सितंबर को विश्वविद्यालय के छात्रों ने प्रदर्शन किया था। छात्रों का आरोप था कि उन्हें ऐसे कानून (Law) पाठ्यक्रम में दाखिला दिलाया गया है, जिसे बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) से मान्यता प्राप्त नहीं है। छात्रों ने कहा कि इससे उनका भविष्य खतरे में पड़ गया है। प्रदर्शन के दौरान स्थिति बिगड़ गई और छात्रों की पुलिस से झड़प हो गई। इस बीच, पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज किया। घटना में कई छात्र घायल हो गए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।
प्रशासन की कार्रवाई
CO सिटी हर्षित चौहान को निलंबित कर दिया गया है। नगर कोतवाल राम किशुन राना, चौकी इंचार्ज गजेंद्र सिंह और गदिया चौकी के सभी पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर किया गया है। मुख्यमंत्री ने IG अयोध्या को घटना की गहन जांच करने का आदेश दिया है। साथ ही, मंडलायुक्त को विश्वविद्यालय की डिग्री की वैधता की जांच करने के निर्देश दिए गए हैं।
पुलिस अधीक्षक अर्पित विजयवर्गीय ने कहा कि विश्वविद्यालय के कुछ छात्रों और प्रबंधन के बीच विवाद से स्थिति बिगड़ी। पुलिस का दावा है कि छात्रों ने पास की एक चौकी और विश्वविद्यालय परिसर में तोड़फोड़ की, जिसके बाद भीड़ को काबू करने के लिए हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। अपर पुलिस अधीक्षक (उत्तर) विकास चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि फिलहाल स्थिति शांतिपूर्ण है।
छात्रों और संगठनों का आरोप
प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि उन्हें मान्यता रहित पाठ्यक्रम में दाखिला दिलाकर धोखा दिया गया। उनका आरोप है कि पुलिस ने उन्हें बर्बरता से पीटा।इस घटना पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने भी नाराजगी जताई। एबीवीपी के पदाधिकारी आकाश शुक्ला ने आरोप लगाया कि अपने अधिकारों की मांग करने वाले छात्रों को पुलिस ने बेरहमी से पीटा। कई घायल छात्रों को मेयो अस्पताल और जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।
ABVP के अवध प्रांत सचिव पुष्पेंद्र बाजपेयी ने कहा कि जब तक विश्वविद्यालय के कुलपति छात्रों से सीधी बातचीत नहीं करते और लॉ डिग्री की मान्यता को लेकर स्पष्ट स्थिति सामने नहीं आती, तब तक विरोध जारी रहेगा। उन्होंने कहा, “हम छात्र हितों के खिलाफ किसी अन्याय को बर्दाश्त नहीं करेंगे।”
विश्वविद्यालय की रजिस्ट्रार प्रो. नीरजा जिंदल ने छात्रों के आरोपों को खारिज किया। उनका कहना है कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने 2022–23 के लिए SRMU के लॉ पाठ्यक्रम को मंजूरी दी है और इसका दस्तावेज BCI की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है। विश्वविद्यालय ने 2027 तक संबद्धता शुल्क का भुगतान भी कर दिया है।