भारत सरकार की स्टार्टअप इंडिया सीड फंड स्कीम युवाओं और उद्यमियों को नया बिजनेस शुरू करने के लिए फंड मुहैया कराती है। इसके तहत शुरुआती चरण में स्टार्टअप्स को प्रोटोटाइप और प्रोडक्ट टेस्टिंग के लिए 20 लाख रुपये तक की नॉन-डाइल्यूटिव ग्रांट मिलती है। आवेदन स्टार्टअप इंडिया पोर्टल के जरिए किया जाता है।
Startup india scheme: भारत सरकार ने 2021 में स्टार्टअप इंडिया सीड फंड स्कीम लॉन्च की थी, ताकि नए और इनोवेटिव आइडियाज वाले स्टार्टअप्स को शुरुआती चरण में आर्थिक मदद मिल सके। इस योजना के तहत चयनित स्टार्टअप्स को प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट, प्रोटोटाइप डेवलपमेंट और प्रोडक्ट टेस्टिंग के लिए 20 लाख रुपये तक फंड मिलता है। आवेदन स्टार्टअप इंडिया पोर्टल पर किया जा सकता है, जहां स्टार्टअप्स इनक्यूबेटर्स के जरिए फंडिंग, ट्रेनिंग और मेंटरशिप जैसी सुविधाएं भी प्राप्त कर सकते हैं। यह योजना उन स्टार्टअप्स के लिए है जो दो साल से पुराने न हों और जिनमें भारतीय प्रमोटर्स की हिस्सेदारी कम से कम 51% हो।
कैसे काम करती है यह योजना
इस योजना का फायदा लेने के लिए सबसे पहले इच्छुक उम्मीदवार को स्टार्टअप इंडिया पोर्टल पर जाकर आवेदन करना होता है। यहां पर साल भर आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं। यानी कोई भी व्यक्ति जब चाहे तब अप्लाई कर सकता है। स्टार्टअप्स एक ही समय में तीन इनक्यूबेटरों में आवेदन करने के लिए स्वतंत्र होते हैं। इनक्यूबेटर वह संस्था होती है जो नए स्टार्टअप्स को ट्रेनिंग, फंडिंग, ऑफिस स्पेस और मेंटरशिप जैसी सुविधाएं देकर आगे बढ़ने में मदद करती है।
कितना फंड मिलता है
स्टार्टअप इंडिया सीड फंड स्कीम के तहत चयनित स्टार्टअप्स को शुरुआती चरण में 20 लाख रुपये तक का फंड मिल सकता है। यह पैसा प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट को वेलिडेट करने, प्रोटोटाइप बनाने या प्रोडक्ट को टेस्ट करने के लिए दिया जाता है। खास बात यह है कि यह फंड नॉन-डाइल्यूटिव होता है। यानी इसके बदले में आपको अपनी कंपनी के शेयर सरकार को नहीं देने पड़ते।
एलिजिबिलिटी से जुड़ी शर्तें
इस योजना का फायदा हर कोई नहीं ले सकता। इसके लिए कुछ शर्तें तय की गई हैं।
- स्टार्टअप अप्लाई करते समय दो साल से ज्यादा पुराना नहीं होना चाहिए।
- स्टार्टअप के पास ऐसा प्रोडक्ट या सर्विस का आइडिया होना चाहिए जो मार्केट में टिक सके और स्केल करने की क्षमता रखता हो।
- स्टार्टअप को अपने प्रोडक्ट या सर्विस में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके किसी बड़ी समस्या का हल निकालना चाहिए।
- ऐसे स्टार्टअप्स को प्राथमिकता दी जाती है जो इनोवेटिव हों और जिनका काम सोशल इम्पैक्ट, वाटर मैनेजमेंट, वेस्ट मैनेजमेंट, फाइनेंशियल इनक्लूजन, एजुकेशन, हेल्थकेयर, एनर्जी, बायोटेक्नोलॉजी, मोबिलिटी, डिफेंस, स्पेस, रेलवे, टेक्सटाइल और एग्रीकल्चर जैसे क्षेत्रों से जुड़ा हो।
किन्हें नहीं मिलेगा फायदा
अगर किसी स्टार्टअप को पहले से किसी और सेंट्रल या स्टेट गवर्नमेंट स्कीम से 10 लाख रुपये से ज्यादा की फाइनेंशियल हेल्प मिल चुकी है तो वे इस योजना का लाभ नहीं ले सकते। हालांकि अगर स्टार्टअप को सिर्फ सस्ता वर्कस्पेस, फाउंडर का मंथली अलाउंस, लैब एक्सेस या प्रोटोटाइपिंग फैसिलिटी मिली है तो वह अप्लाई कर सकता है।
भारतीय इकाई होना जरूरी
योजना का फायदा उठाने के लिए स्टार्टअप का भारतीय होना जरूरी है। यानी अप्लाई करते समय उसमें भारतीय प्रमोटर्स की शेयरहोल्डिंग कम से कम 51 प्रतिशत होनी चाहिए। इसके अलावा स्टार्टअप केवल एक बार ग्रांट और लोन या कन्वर्टिबल डिबेंचर के रूप में शुरुआती सपोर्ट ले सकता है।
युवाओं के लिए बड़ा अवसर
स्टार्टअप इंडिया सीड फंड स्कीम उन युवाओं के लिए खास अवसर है जिनके पास कोई नया और अनोखा आइडिया है लेकिन फंडिंग की वजह से वे अपना काम शुरू नहीं कर पा रहे। इस योजना के जरिए उन्हें शुरुआती पूंजी मिलती है जिससे वे अपना प्रोडक्ट बना सकें और मार्केट में उसे टेस्ट कर सकें। सरकार का उद्देश्य है कि ज्यादा से ज्यादा लोग रोजगार लेने वाले से रोजगार देने वाले बनें।