Suzlon Energy ने Q2FY26 में शानदार प्रदर्शन किया। 565MW उत्पादन पूरा हुआ, EBITDA 145% बढ़ा और PAT रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा। बावजूद इसके, नुवामा इंस्टीट्यूशनल ने शेयर पर HOLD रेटिंग जारी रखते हुए टारगेट ₹66 रखा।
Suzlon Energy Stock: सुजलॉन एनर्जी (Suzlon Energy) ने दूसरी तिमाही (Q2FY26) के नतीजे जारी किए हैं, जो रिकॉर्ड प्रदर्शन को दर्शाते हैं। कंपनी ने बाजार की उम्मीदों से बेहतर काम किया है, लेकिन ब्रोकरेज हाउस नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने इस शेयर पर HOLD रेटिंग बरकरार रखी है।
नुवामा ने अगले 12 महीनों के लिए इस शेयर का टारगेट प्राइस ₹66 तय किया है। वर्तमान में शेयर ₹60 पर है, जिससे निवेशकों को लगभग 10% रिटर्न का अनुमान मिलता है। इसका मतलब है कि कंपनी के शेयर में अभी और बड़ी तेजी आने की संभावना सीमित मानी जा रही है, इसलिए निवेशकों को जल्दबाजी में निर्णय लेने से बचना चाहिए।
Q2FY26 में सुजलॉन का शानदार प्रदर्शन
दूसरी तिमाही में सुजलॉन ने 565 मेगावाट का काम पूरा किया, जबकि बाजार अनुमान केवल 375 मेगावाट का था। इस उच्च प्रदर्शन से ऑपरेटिंग मार्जिन बढ़कर 18.6% हो गया, जबकि पहले अनुमान 16.2% था।
EBITDA यानी ऑपरेटिंग मुनाफा पिछले साल की तुलना में 145% बढ़कर ₹7,200 करोड़ तक पहुंच गया। शुद्ध मुनाफा (PAT) में भी रिकॉर्ड वृद्धि हुई और यह ₹12,800 करोड़ पर पहुंच गया। इसमें सबसे बड़ा योगदान ₹7,200 करोड़ के “डिफर्ड टैक्स एसेट (DTA)” का रहा। इसका मतलब है कि FY26 में कंपनी को लगभग टैक्स का बोझ नहीं उठाना पड़ेगा, जबकि FY27 में टैक्स का भुगतान बढ़ सकता है। कंपनी ने यह भी कहा कि FY28 तक और ₹20,000 करोड़ का DTA बनाया जा सकता है, जो पुराने घाटों को कवर करेगा।
इस प्रदर्शन से यह साफ है कि सुजलॉन एनर्जी की कमाई और मुनाफे की क्षमता मजबूत बनी हुई है। कंपनी ने न केवल उत्पादन में वृद्धि की, बल्कि लागत नियंत्रण और संचालन दक्षता में भी सुधार किया।
बिक्री और ऑर्डर बुक की मजबूती
सुजलॉन एनर्जी की कुल कमाई Q2 में लगभग ₹38,700 करोड़ रही, जो पिछले साल की तुलना में 84% अधिक है। कंपनी के पास फिलहाल 6.2 गीगावाट का ऑर्डर बुक है। इसका मतलब है कि आने वाले 2 से 2.5 साल तक सुजलॉन के पास काम की कोई कमी नहीं है और इसकी आय मजबूत रहने की संभावना है।
कंपनी का लक्ष्य FY26 में 2.75GW काम पूरा करना है। अगले दो वित्तीय वर्षों FY27 और FY28 में हर साल लगभग 3.2GW डिलीवरी का लक्ष्य रखा गया है। यह दर्शाता है कि सुजलॉन न केवल वर्तमान परियोजनाओं में सफलता पा रही है, बल्कि भविष्य की मांग को ध्यान में रखते हुए योजना भी बना रही है।
मैनेजमेंट में बदलाव
सुजलॉन ने घोषणा की है कि राहुल जैन 15 दिसंबर 2025 से कंपनी के नए मुख्य वित्त अधिकारी (CFO) के रूप में पदभार संभालेंगे। उनके पास 20 वर्षों से अधिक का अनुभव है।
मैनेजमेंट के इस बदलाव से उम्मीद है कि वित्तीय रणनीति और कॉर्पोरेट गवर्नेंस और मजबूत होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि नए CFO की नियुक्ति से कंपनी के निर्णय लेने की प्रक्रिया तेज और प्रभावी होगी, जिससे लंबे समय में सुजलॉन की स्थिरता और प्रदर्शन में मदद मिलेगी।
बाजार में हिस्सेदारी
नुवामा का मानना है कि सुजलॉन एनर्जी भविष्य में सरकारी और हाइब्रिड प्रोजेक्ट्स से अच्छा फायदा उठा सकती है। कंपनी के पास कॉमर्शियल और इंडस्ट्रियल ग्राहकों का मजबूत आधार है, जो लगभग 54% हिस्सा बनाता है।
हालांकि, नुवामा यह भी मानता है कि सुजलॉन की कुल बाज़ार हिस्सेदारी 30–35% के स्तर पर ही टिक सकती है। इसका कारण यह है कि आने वाले वर्षों में सोलर और बैटरी स्टोरेज (BESS) परियोजनाओं में कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिलेगी। ऐसे में कंपनी को अपनी बढ़त बनाए रखने के लिए लगातार नवाचार और दक्षता में सुधार करना होगा।
टारगेट प्राइस
नुवामा ने कहा कि सुजलॉन एनर्जी में फिलहाल सीमित अपसाइड (limited upside) दिख रहा है। इसलिए उन्होंने HOLD रेटिंग बरकरार रखी है।
टारगेट प्राइस को पहले ₹67 था, जिसे अब ₹66 पर संशोधित किया गया है। इसका मतलब है कि शेयर में थोड़ी बढ़त की संभावना है, लेकिन बड़े रिटर्न की उम्मीद फिलहाल कम है। नुवामा के अनुसार मुख्य जोखिम यह है कि यदि पवन ऊर्जा क्षेत्र की वृद्धि उम्मीद से तेज होती है और सुजलॉन हर साल 3.5GW से अधिक डिलीवरी करने में सफल रहती है, तो इसके शेयर में और बढ़त देखने को मिल सकती है।













