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टाटा कंज्यूमर की जबरदस्त छलांग, तिमाही मुनाफा 334 करोड़ रुपये के पार

टाटा कंज्यूमर की जबरदस्त छलांग, तिमाही मुनाफा 334 करोड़ रुपये के पार

टाटा ग्रुप की कंज्यूमर यूनिट, टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स ने वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही के नतीजे जारी कर दिए हैं। कंपनी ने बताया कि अप्रैल से जून 2025 के बीच उसका नेट प्रॉफिट 334 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की इसी तिमाही के मुकाबले करीब 15 प्रतिशत ज्यादा है। वहीं कंपनी की कुल आय यानी ऑपरेशनल रेवेन्यू भी 10 प्रतिशत बढ़कर 4,778.91 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।

मुनाफा बढ़ा लेकिन अनुमान से थोड़ा पीछे रहा प्रदर्शन

टाटा कंज्यूमर ने पिछले साल की पहली तिमाही में 290 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया था। इस बार बढ़ोतरी जरूर हुई है, लेकिन यह स्ट्रीट के अनुमान से थोड़ी कम रही। विशेषज्ञों का मानना था कि कंपनी का मुनाफा और रेवेन्यू दोनों ही कुछ अधिक हो सकते हैं। लेकिन कच्चे माल की कीमतें और मौसम से जुड़ी चुनौतियों ने कंपनी के मार्जिन पर दबाव बनाया।

कंपनी का रेवेन्यू 4,849 करोड़ रुपये के अनुमान से थोड़ा कम रहा, लेकिन पिछली तिमाही के 4,352 करोड़ रुपये के मुकाबले अच्छी बढ़त देखने को मिली।

स्टैंडअलोन प्रॉफिट में जबरदस्त छलांग, डिविडेंड इनकम बनी सहारा

30 जून को समाप्त तिमाही में कंपनी का स्टैंडअलोन नेट प्रॉफिट 714 करोड़ रुपये दर्ज किया गया, जो एक साल पहले इसी अवधि में 185 करोड़ रुपये था। इस जबरदस्त बढ़त के पीछे कंपनी को उसकी सहायक कंपनियों से मिले 464 करोड़ रुपये के डिविडेंड का बड़ा योगदान रहा।

स्टैंडअलोन रेवेन्यू भी 10 प्रतिशत बढ़कर 3,529 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। कंपनी ने बताया कि घरेलू बाजार में चाय और नमक की बिक्री बढ़ने से यह आंकड़ा हासिल हुआ।

बिजनेस पर बढ़ती लागत का असर, EBITDA में गिरावट

कंपनी का EBITDA यानी अर्निंग बिफोर इंटरेस्ट, टैक्स, डिप्रिशिएशन और अमोर्टाइजेशन इस तिमाही में 615 करोड़ रुपये रहा। यह पिछले साल की तुलना में करीब 8 प्रतिशत कम है। कंपनी ने बताया कि भारत में चाय की कीमतों में तेजी और कॉफी के अनब्रांडेड कारोबार में कीमतों की गिरावट से यह असर पड़ा है।

इनपुट कॉस्ट में इजाफा कंपनी के ब्रांडेड प्रोडक्ट्स जैसे टाटा टी और टाटा कॉफी के प्रदर्शन पर असर डाल रहा है। इंटरनेशनल मार्केट में भी चाय और कॉफी की बढ़ती कीमतों से मार्जिन पर दबाव बना है।

भारतीय कारोबार में मुनाफा गिरा, इंटरनेशनल सेगमेंट भी कमजोर

कंपनी ने बताया कि भारत में उसका शुद्ध मुनाफा इस तिमाही में 291 करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले की तुलना में 10 प्रतिशत कम है। वहीं अंतरराष्ट्रीय कारोबार का मुनाफा भी 11 प्रतिशत गिरकर 156 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।

इस दौरान टाटा कंज्यूमर ने अपनी चाय ब्रांड कैटेगरी में 80 बेसिस प्वाइंट की बाजार हिस्सेदारी भी खो दी। हालांकि कंपनी का कहना है कि चाय की कीमतें अब स्थिर हैं और डिमांड में सुधार की उम्मीद है।

चाय और नमक की बिक्री से भारतीय कारोबार को मिला सहारा

कंपनी की ओर से जारी प्रेस रिलीज के अनुसार, भारत में पैकेज्ड बेवरेज और स्टेपल प्रोडक्ट्स की बिक्री में अच्छी बढ़त दर्ज की गई। खासकर चाय और नमक की कैटेगरीज में दो अंकों की वृद्धि देखी गई। कंपनी के फूड ब्रांड 'टाटा संपन्न' की परफॉर्मेंस भी संतोषजनक रही।

रेडी टू ड्रिंक यानी आरटीडी सेगमेंट में बिक्री थोड़ी प्रभावित रही, जिसका कारण मौसम में अनियमित बारिश को बताया गया। इसके बावजूद कंपनी ने 3 प्रतिशत की वॉल्यूम ग्रोथ दर्ज की।

कॉफी सेगमेंट में जबरदस्त छलांग, इंटरनेशनल मार्केट में भी ग्रोथ

टाटा कंज्यूमर ने बताया कि भारत के भीतर कॉफी सेगमेंट में 67 प्रतिशत की रेवेन्यू ग्रोथ दर्ज की गई है। कंपनी का मानना है कि लोगों की लाइफस्टाइल में बदलाव और प्रीमियम ब्रांड्स की ओर रुझान इसके पीछे बड़ी वजह है।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी कंपनी ने सीसी (कंसटैंट करंसी) टर्म में 5 प्रतिशत की रेवेन्यू ग्रोथ हासिल की है। कंपनी का मानना है कि टाटा और टेटली ब्रांड्स की वजह से विदेशी बाजारों में उपस्थिति मजबूत बनी हुई है।

मल्टीब्रांड रणनीति और विस्तार योजनाएं बनी रहेंगी जारी

कंपनी ने इस दौरान यह भी साफ किया कि उसका फोकस मल्टीब्रांड पोर्टफोलियो को आगे बढ़ाने पर रहेगा। टाटा टी, टाटा कॉफी, हिमालया, टाटा संपन्न और टेटली जैसे ब्रांड्स पर कंपनी लगातार निवेश कर रही है। इसके साथ ही ग्रामीण बाजारों और छोटे शहरों में पहुंच बढ़ाने की योजना भी जारी है।

कंपनी अपने ई-कॉमर्स और डायरेक्ट टू कस्टमर चैनल्स को भी मजबूत करने में जुटी है, ताकि बदलते उपभोक्ता व्यवहार के साथ तालमेल बैठाया जा सके।

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