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बजाज फाइनेंस के मुनाफे में 22% उछाल, फिर भी गिरा शेयर, जानिए वजह

बजाज फाइनेंस के मुनाफे में 22% उछाल, फिर भी गिरा शेयर, जानिए वजह

शुक्रवार 25 जुलाई को शेयर बाजार में उस वक्त हलचल मच गई जब देश की बड़ी नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी बजाज फाइनेंस का शेयर तगड़ी गिरावट के साथ ट्रेड करता दिखा। शुरुआती सत्र में ही यह 6 फीसदी से ज्यादा गिरकर 897.65 रुपये तक लुढ़क गया, जबकि पिछला बंद भाव 959 रुपये था। यानी मजबूत तिमाही नतीजों के बावजूद बाजार ने कंपनी को झटका दे दिया। सुबह 10:03 बजे तक शेयर 4.87 फीसदी की गिरावट के साथ 912.25 रुपये पर ट्रेड करता दिखा।

मजबूत Q1 FY26 के नतीजे, फिर भी दबाव क्यों?

बजाज फाइनेंस ने गुरुवार को वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही के नतीजे घोषित किए थे। कंपनी ने इस दौरान शानदार प्रदर्शन किया है। एक्सचेंज को दी गई जानकारी के अनुसार, अप्रैल-जून तिमाही में कंपनी का शुद्ध मुनाफा साल-दर-साल आधार पर 22 फीसदी बढ़कर 4,765 करोड़ रुपये पहुंच गया, जो कि पिछले साल इसी तिमाही में 3,912 करोड़ रुपये था।

इसी तरह शुद्ध ब्याज आय (NII) में भी 22.3 फीसदी का इजाफा हुआ और यह 10,227 करोड़ रुपये रही, जबकि पिछले साल यह 8,365 करोड़ रुपये थी। कंपनी की प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां (AUM) भी 25 फीसदी की दर से बढ़कर 441,450 करोड़ रुपये हो गईं।

नतीजों के बाद क्यों टूटा स्टॉक?

बाजार में यह सवाल लगातार उठ रहा है कि जब कंपनी का प्रदर्शन इतना अच्छा रहा तो फिर शेयर में गिरावट क्यों आई। विश्लेषकों के मुताबिक, इसका कारण है निवेशकों की हाई एक्सपेक्टेशन और मैनेजमेंट की सतर्क कमेंट्री।

मैनेजमेंट की ओर से MSME सेगमेंट में चुनौतियों की बात कही गई है, साथ ही आगे के ग्रोथ आउटलुक को लेकर थोड़ा संतुलित रुख अपनाया गया है। यही बात कुछ निवेशकों को चुभ गई और उन्होंने मुनाफा वसूली शुरू कर दी।

मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट में क्या कहा गया

ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल ने बजाज फाइनेंस को लेकर ‘न्यूट्रल’ रेटिंग दी है। रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी की ग्रोथ स्थिर है लेकिन MSME पोर्टफोलियो पर दबाव बना रह सकता है। हालांकि ऋण लागत अभी ऊपरी दायरे से नीचे बनी हुई है जिससे राहत की उम्मीद की जा रही है।

ब्रोकरेज ने कंपनी के AUM में 24 प्रतिशत CAGR और मुनाफे में 25 प्रतिशत CAGR की उम्मीद जताई है। वहीं, ROA (रिटर्न ऑन एसेट) करीब 4.1 फीसदी और ROE (रिटर्न ऑन इक्विटी) वित्त वर्ष 2027 तक 21 फीसदी तक पहुंचने का अनुमान है। इसके साथ ही, मोतीलाल ओसवाल ने शेयर का टारगेट 1,000 रुपये तय किया है, जो मौजूदा भाव से लगभग 80 रुपये ऊपर है।

AUM और डिपॉजिट्स में दिखा दमदार ग्रोथ

बजाज फाइनेंस की नई लोन बुकिंग की बात करें तो इस तिमाही में यह 13.49 मिलियन रही, जो पिछले साल की तुलना में 23 फीसदी ज्यादा है। वहीं कंपनी के डिपॉजिट भी 15 फीसदी बढ़कर 72,100 करोड़ रुपये तक पहुंच गए हैं।

इस डेटा से यह साफ होता है कि कंपनी का लोन वितरण और डिपॉजिट बेस लगातार मजबूत हो रहा है। इसके अलावा, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और कंज्यूमर सेगमेंट पर फोकस के चलते कंपनी की लोन रिकवरी की क्षमता भी अच्छी बनी हुई है।

बाजार की उम्मीदें और वैल्यूएशन का दबाव

बाजार में कुछ विश्लेषकों का मानना है कि बजाज फाइनेंस का शेयर पहले से ही महंगे वैल्यूएशन पर ट्रेड कर रहा था। ऐसे में शानदार नतीजों के बावजूद शेयर में गिरावट सिर्फ एक तकनीकी करेक्शन हो सकता है। निवेशकों ने नतीजों से पहले ही रैली में प्रॉफिट बुकिंग का मन बना लिया था।

बाजार में कमजोर सेंटीमेंट का असर भी दिखा

शुक्रवार को शेयर बाजार में समग्र रूप से कमजोरी देखी गई, जिसका असर बजाज फाइनेंस जैसे हाई बीटा स्टॉक्स पर साफ नजर आया। सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट का असर एनबीएफसी शेयरों पर ज्यादा दिखा।

ऐसे माहौल में जब ग्लोबल मार्केट से मिले-जुले संकेत मिल रहे हैं और घरेलू मोर्चे पर भी रिजर्व बैंक की अगली पॉलिसी को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है, तो निवेशक थोड़ा सतर्क रुख अपना रहे हैं।

बाजाज फाइनेंस की अगली चाल पर सबकी नजर

इस तिमाही के दमदार नतीजों के बाद अब निवेशकों की नजर बजाज फाइनेंस के अगले कदम पर है। कंपनी की AUM, NII और PAT के मोर्चे पर बेहतरीन परफॉर्मेंस ने उम्मीदें तो बढ़ाई हैं, लेकिन बाजार का मिजाज कब पलट जाए, इसका कोई भरोसा नहीं।

शेयर 900 रुपये के नीचे लुढ़कने के बाद अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या इसमें कोई तकनीकी रिकवरी आती है या फिर यह दबाव कुछ और समय तक बना रहता है। एक्सपर्ट्स की मिली-जुली राय और मैनेजमेंट की भाषा को देखते हुए आने वाले हफ्तों में यह स्टॉक निवेशकों के फोकस में रहेगा।

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