दुनिया की सबसे बड़ी पैकेज्ड फूड बनाने वाली कंपनी नेस्ले अब अपने प्रोडक्ट्स की कीमतें फिर से बढ़ाने की तैयारी में है। इसकी वजह है कॉफी और कोको की कीमतों में रिकॉर्ड स्तर की बढ़त। कंपनी ने साफ कर दिया है कि आने वाले महीनों में किटकैट चॉकलेट्स और नेस्प्रेस्सो कॉफी पॉड्स की कीमतों में इजाफा हो सकता है।
नेस्ले के सीईओ लॉरेंट फ्रेइक्स ने जानकारी दी कि 2024 की पहली छमाही में कीमतें पहले ही काफी हद तक बढ़ा दी गई थीं, लेकिन साल के दूसरे हिस्से में कंपनी को एक और राउंड प्राइस हाइक करने की जरूरत पड़ सकती है।
कॉफी और कोको ने तोड़ी रिकॉर्ड सीमाएं
2023 की शुरुआत से अब तक अरेबिका कॉफी की कीमतें दोगुनी हो चुकी हैं, वहीं कोको की कीमतें तीन गुना तक बढ़ गई हैं। ये दोनों ही नेस्ले के मुख्य कच्चे माल हैं, जिनका इस्तेमाल चॉकलेट और कॉफी प्रोडक्ट्स में बड़े पैमाने पर होता है।
इतना ही नहीं, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले स्विस फ्रैंक के मजबूत होने से भी कंपनी की कमाई पर असर पड़ा है, क्योंकि नेस्ले का हेडक्वार्टर स्विट्जरलैंड में है।
अमेरिका के नए टैरिफ से बढ़ी परेशानी
नेस्ले को एक और झटका अमेरिका की नई टैरिफ नीतियों से लग सकता है। कंपनी का मानना है कि फिलहाल इनका असर छोटा है, लेकिन 2024 की दूसरी छमाही में इनका असर बड़े स्तर पर दिखाई दे सकता है। अमेरिकी टैरिफ के चलते नेस्ले के एक्सपोर्ट प्रोडक्ट्स की लागत और बढ़ सकती है, जिससे मुनाफे में और गिरावट संभव है।
कंपनी की रणनीति में बड़ा बदलाव: Fewer, Bigger, Better
नेस्ले अब अपने पूरे प्रोडक्ट पोर्टफोलियो की दिशा बदल रही है। कंपनी अब "कम लेकिन मजबूत" प्रोडक्ट्स पर ध्यान दे रही है। CEO फ्रेइक्स ने कहा कि अब हम उन्हीं उत्पादों पर ध्यान केंद्रित करेंगे जो मुनाफा दे रहे हैं और जिनकी मांग वैश्विक स्तर पर बनी हुई है।
नेस्ले की छह बड़ी प्राथमिकता वाली कैटेगरी को चिन्हित कर लिया गया है, जिनमें कंपनी अब ज्यादा निवेश करेगी:
- शिशु फॉर्मूला (Infant Formula)
- नेस्कैफे एस्प्रेसो कंसन्ट्रेट
- मैगी एयर फ्रायर रेंज
- चोकोबेकरी
- प्यूरिना गॉरमेट (कैट फूड)
- नेस्कैफे डोल्से गुस्टो नियो
इन प्रोडक्ट्स को कंपनी ग्लोबल स्तर पर विस्तार देने की योजना में है।
कमज़ोर ब्रांड्स होंगे बाहर
नेस्ले अब अपने हेल्थ सप्लिमेंट सेक्टर में भी कटौती की तैयारी कर रही है। कंपनी अपनी दो बड़ी लेकिन कमज़ोर ब्रांड्स – Nature’s Bounty और Osteo Bi-Flex – की रणनीतिक समीक्षा कर रही है। अगर सब कुछ योजना के अनुसार चला तो आने वाले महीनों में इन ब्रांड्स को बेचा भी जा सकता है।
नेस्ले का यह कदम संकेत देता है कि कंपनी अपने व्यापार को सरल, प्रभावशाली और फोकस्ड बनाना चाहती है, जिससे भविष्य में उसे स्थिर और मजबूत ग्रोथ मिल सके।
सेल्स और मुनाफे के आंकड़ों में गिरावट
हाल ही में आए तिमाही आंकड़े भी नेस्ले की चिंताओं को बढ़ा रहे हैं।
- ऑर्गेनिक सेल्स ग्रोथ रही 2.9 प्रतिशत (जहां 2.8 प्रतिशत का अनुमान था)
- कीमतों में वृद्धि रही 2.7 प्रतिशत (अनुमान 2.5 प्रतिशत)
- कुल बिक्री घटी 1.8 प्रतिशत, रही 44.2 अरब स्विस फ्रैंक
- प्रॉफिट मार्जिन में 0.9 प्रतिशत की गिरावट, अब 16.5 प्रतिशत
इन आंकड़ों से साफ है कि नेस्ले को कच्चे माल की कीमतें, वैश्विक टैरिफ और मुद्रा उतार-चढ़ाव की वजह से आर्थिक दबाव झेलना पड़ रहा है।
कंज्यूमर्स को झेलनी पड़ सकती है महंगाई
इन तमाम परिस्थितियों के चलते अब उपभोक्ताओं को और महंगी किटकैट, कॉफी पॉड्स, चॉकलेट्स और अन्य फूड प्रोडक्ट्स के लिए तैयार रहना होगा। नेस्ले का कहना है कि वह लागत के असर को पूरी तरह खुद नहीं झेल सकती, इसलिए उसका एक हिस्सा ग्राहकों तक ट्रांसफर किया जाएगा।
नेस्ले की ओर से पहले ही यह संकेत दे दिया गया है कि उसके पैकेज्ड फूड प्रोडक्ट्स की कीमतें एक बार फिर ऊपर जा सकती हैं।
प्रीमियम सेगमेंट में भी होगा फोकस
नेस्ले अब अपने प्रीमियम प्रोडक्ट्स सेगमेंट को भी मजबूत करने में जुटी है। चॉकलेट्स की नई 'चोकोबेकरी' लाइन, स्पेशलिटी कॉफी रेंज और कैट फूड ब्रांड 'प्यूरिना गॉरमेट' जैसे प्रोडक्ट्स को कंपनी आगे ले जाने की रणनीति बना रही है।
इन प्रोडक्ट्स में मुनाफा ज्यादा है और ग्राहकों का भरोसा भी अधिक। ऐसे प्रोडक्ट्स को हाई इनकम वाले बाजारों में प्रमोट कर कंपनी मुनाफा बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है।