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Infosys shares: कंपनी के शेयर बायबैक की तैयारी ने बढ़ाई निवेशकों की उम्मीदें, जानें पुरी डिटेल

Infosys shares: कंपनी के शेयर बायबैक की तैयारी ने बढ़ाई निवेशकों की उम्मीदें, जानें पुरी डिटेल

इंफोसिस के शेयर 9 सितंबर को 3% से ऊपर उछलकर 1,481 रुपये पर पहुंचे। यह तेजी कंपनी के 11 सितंबर को प्रस्तावित शेयर बायबैक के ऐलान के बाद आई। बायबैक की मंजूरी से निवेशकों का भरोसा बढ़ सकता है और निफ्टी आईटी इंडेक्स में भी तेजी देखी गई।

Infosys shares: देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इंफोसिस के शेयरों में 9 सितंबर को 3% से अधिक तेजी दर्ज की गई और वे 1,481 रुपये तक पहुंच गए। यह उछाल कंपनी के बोर्ड द्वारा 11 सितंबर 2025 को अपने शेयरों का बायबैक प्रस्ताव पर विचार करने के ऐलान के बाद आया। अगर बायबैक मंजूर होता है, तो यह पिछले तीन सालों में इंफोसिस का पहला बायबैक होगा। शेयरों में तेजी से निफ्टी आईटी इंडेक्स 1.7% बढ़कर 34,892 पर पहुंच गया और इंफोसिस ने जून तिमाही में 6,921 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया।

शेयर बायबैक प्रस्ताव को मंजूरी

अगर इंफोसिस का बोर्ड इस प्रस्ताव को मंजूरी देता है तो यह पिछले तीन सालों में कंपनी का पहला शेयर बायबैक होगा। इससे पहले साल 2022 में कंपनी ने 9,300 करोड़ रुपये के शेयर बायबैक का ऐलान किया था। उस समय न्यूनतम बायबैक प्राइस 1,850 रुपये प्रति शेयर तय किया गया था।

HDFC सिक्योरिटीज के हेड ऑफ प्राइम रिसर्च देवर्ष वकील ने कहा कि "इंफोसिस का यह बायबैक निवेशकों के भरोसे को मजबूत करेगा। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब आईटी सेक्टर कई चुनौतियों का सामना कर रहा है।" उन्होंने कहा कि शेयर बायबैक से शेयरों को भी मजबूती और सपोर्ट मिलेगा।

इंफोसिस बायबैक खबर से शेयरों में तेजी

शेयर बायबैक के प्रस्ताव की जानकारी सोमवार 8 सितंबर को शेयर बाजार बंद होने के बाद दी गई। इसके बाद मंगलवार 9 सितंबर को शुरुआती कारोबार में इंफोसिस के शेयरों में तेजी आई। इस तेजी के साथ पिछले पांच दिनों से जारी गिरावट का सिलसिला टूट गया।

इंफोसिस के शेयरों में तेजी का असर निफ्टी आईटी इंडेक्स पर भी दिखा। इंडेक्स 1.7% बढ़कर 34,892 के स्तर पर पहुंच गया। इस दौरान इंफोसिस का शेयर निफ्टी और सेंसेक्स दोनों पर टॉप गेनर रहा।

हालिया शेयर प्रदर्शन

पिछले छह महीनों में इंफोसिस के शेयर लगभग 13% नीचे आ चुके हैं। वहीं, साल 2025 की शुरुआत से अब तक यह शेयर 21% से अधिक गिर चुका है। यह गिरावट अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कड़े टैरिफ और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के कारण आई।

इंफोसिस का हालिया जून तिमाही का कंसॉलिडेटेड नेट प्रॉफिट सालाना आधार पर 8.7% बढ़कर 6,921 करोड़ रुपये रहा। इसी दौरान कंपनी का रेवेन्यू 7.5% बढ़कर 42,279 करोड़ रुपये हो गया।

कंपनी ने वित्त वर्ष 2026 के लिए रेवेन्यू ग्रोथ का अनुमान बढ़ाकर 1-3% कर दिया है, जो पहले 0-3% था। वहीं, ऑपरेटिंग मार्जिन का गाइडेंस 20-22% पर बरकरार रखा गया है।

शेयरहोल्डर्स की वैल्यू मजबूत

विशेषज्ञों का कहना है कि शेयर बायबैक से इंफोसिस की लिक्विडिटी मजबूत होगी और निवेशकों को लाभ मिलने की संभावना बढ़ जाएगी। यह कदम आईटी सेक्टर के अन्य खिलाड़ियों के शेयरों पर भी सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

विश्लेषकों के अनुसार, बायबैक निर्णय कंपनी की वित्तीय स्थिति को दर्शाता है। इससे इंफोसिस के शेयरहोल्डर्स की वैल्यू मजबूत होगी और बाजार में कंपनी की स्थिति और स्थिर होगी।

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