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Textile Stocks: ट्रंप के टैरिफ का असर, 15% तक उछले टेक्सटाइल शेयर

Textile Stocks: ट्रंप के टैरिफ का असर, 15% तक उछले टेक्सटाइल शेयर

अमेरिका ने बांग्लादेश पर 35% टैरिफ लगाया, जिससे भारत के टेक्सटाइल शेयरों में जबरदस्त तेजी आई। अगर भारत ट्रेड डील में टैरिफ राहत हासिल करता है, तो निर्यात में प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त मिल सकती है।

Textile Stocks: 8 जुलाई को टेक्सटाइल सेक्टर के शेयरों में जबरदस्त तेजी देखी गई। वर्धमान टेक्सटाइल्स, गोकलदास एक्सपोर्ट्स, सियाराम सिल्क मिल्स, आलोक इंडस्ट्रीज, इंडो काउंट, संगम इंडिया और नाहर स्पिनिंग मिल्स जैसे स्टॉक्स इंट्रा-डे में 15% तक चढ़े। बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स के टॉप 5 शेयरों में से 4 टेक्सटाइल सेक्टर से थे। इसके उलट, बीएसई सेंसेक्स लगभग सपाट रहा।

अमेरिकी टैरिफ से भारत को मिला अप्रत्यक्ष फायदा

हाल ही में अमेरिका ने वियतनाम के साथ ट्रेड डील करते हुए उसके निर्यात पर 20% और ट्रांसशिप्ड सामान पर 40% टैरिफ लगा दिया है। साथ ही बांग्लादेश से होने वाले आयात पर भी अब 35% टैरिफ लागू किया गया है। एनालिस्ट्स मानते हैं कि इन टैरिफ्स से भारत को अमेरिका में निर्यात के लिहाज से प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त मिल सकती है।

ट्रेड डील से बढ़ सकती है भारत की हिस्सेदारी

आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में रेडीमेड गारमेंट एक्सपोर्ट में बांग्लादेश की हिस्सेदारी 9% और वियतनाम की 19% है। भारत की हिस्सेदारी अभी 6% के आसपास है। यदि भारत अमेरिका के साथ अनुकूल ट्रेड डील करता है, तो यह हिस्सेदारी और बढ़ सकती है क्योंकि भारत पर फिलहाल केवल 10% टैरिफ है जबकि अन्य पर 26% तक।

टेक्सटाइल सेक्टर का आउटलुक पॉजिटिव

ब्रोकरेज रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत और अमेरिका के बीच जल्द ही एक मिनी-ट्रेड डील साइन हो सकती है। इससे प्रमुख सेक्टर्स पर टैरिफ रिवाइज हो सकते हैं। इस संभावित समझौते से भारतीय टेक्सटाइल कंपनियों को बड़ा फायदा हो सकता है। हालांकि कुछ कंपनियों जैसे गोकलदास एक्सपोर्ट्स और वेलस्पन लिविंग ने FY26 की पहली छमाही में मार्जिन पर दबाव की आशंका जताई है, लेकिन अधिकांश कंपनियों का मानना है कि मौजूदा कमजोरी अस्थायी है।

UK-FTA से भी मिलेगी मजबूती

भारत और यूके के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (UK-FTA) के चलते टेक्सटाइल कंपनियों को ब्रिटिश बाजार में भी नया स्पेस मिलेगा। इससे अमेरिकी बाजार पर निर्भरता कम होगी। जेएम फाइनेंशियल का मानना है कि भारत की स्केलेबिलिटी, कम लागत और बेहतर एग्जीक्यूशन क्षमता, वियतनाम जैसी उच्च लागत वाली अर्थव्यवस्थाओं पर बढ़त दिलाएगी।

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