चीन ने ट्रंप द्वारा NATO देशों को भेजे पत्र का जवाब दिया। विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि बीजिंग न तो युद्ध की साजिश रचता है और न ही इसमें भाग लेता है। चीन सहयोग पर जोर देता है।
US-China: चीन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा NATO के सदस्य देशों को लिखे गए पत्र के बाद अपना जवाब स्पष्ट किया है। चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने स्लोवेनिया दौरे के दौरान कहा कि बीजिंग न तो किसी युद्ध की साजिश रचता है और न ही इसमें हिस्सा लेता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि युद्ध किसी भी समस्या का समाधान नहीं है और आर्थिक प्रतिबंध केवल जटिलताओं को बढ़ाते हैं।
वांग यी ने कहा कि चीन हमेशा एक शांतिप्रिय और स्थिर विदेश नीति का पालन करता रहा है। उनका यह बयान इस समय आया है जब अंतरराष्ट्रीय राजनीति में रूस-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि में कई देशों के बीच तनाव बढ़ा हुआ है।
ट्रंप का पत्र
डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में NATO के सदस्य देशों को एक पत्र लिखा। यह पत्र उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर भी साझा किया। इस पत्र में उन्होंने NATO के सभी सदस्य देशों से अपील की कि वे चीन पर 50 से 100 प्रतिशत तक टैरिफ लगाएं।
इसके साथ ही ट्रंप ने सभी सदस्य देशों से आग्रह किया कि वे रूस से तेल खरीदना बंद करें। उनका कहना था कि इस तरह से रूस की आर्थिक स्थिति कमजोर होगी और यूक्रेन में जारी युद्ध को समाप्त किया जा सकेगा। ट्रंप ने यह भी लिखा कि यह कदम युद्ध खत्म होने के बाद हटा दिया जाएगा।
चीन की कूटनीति
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने स्लोवेनिया दौरे के दौरान यह भी कहा कि चीन ने हमेशा सभी देशों को समान माना है। चाहे देश बड़े हों या छोटे, चीन की कूटनीति की एक सतत परंपरा रही है कि सभी देशों के साथ समान व्यवहार किया जाए।
वांग यी ने कहा कि चीन ने स्लोवेनिया के साथ राजनयिक संबंध स्थापित करने वाले पहले देशों में से एक होने का गौरव रखा है। 30 से अधिक वर्षों में चीन ने अपनी विदेश नीति में निरंतरता और स्थिरता बनाए रखी है। चीन ने हमेशा मित्रता, सहयोग और पारस्परिक लाभ को बढ़ावा दिया है, जो दिखाता है कि विभिन्न आकार और सामाजिक व्यवस्था वाले देश कैसे सद्भाव में सह-अस्तित्व में रह सकते हैं।
प्रतिस्पर्धा नहीं बल्कि सहयोग की जरूरत
वांग यी ने वर्तमान अंतरराष्ट्रीय परिस्थिति में अराजकता और लगातार संघर्षों का जिक्र किया। उनका मानना है कि चीन और यूरोप को प्रतिद्वंदी के बजाय मित्र होने की जरूरत है। दोनों पक्षों को सामना करने के बजाय सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सही चुनाव करना सदी के सबसे बड़े बदलावों के बीच इतिहास और जनता के प्रति जिम्मेदारी दर्शाता है।
ट्रंप ने NATO देशों की आर्थिक भूमिका पर ध्यान
ट्रंप ने पत्र में NATO देशों की रूस से तेल खरीदने की स्थिति पर भी ध्यान दिलाया। उन्होंने कहा कि तुर्की रूस से तेल खरीदने वाले देशों में चीन और भारत के बाद तीसरे स्थान पर है। इसके अलावा हंगरी और स्लोवाकिया भी रूसी तेल की खरीद में शामिल हैं। ट्रंप ने रूस पर प्रतिबंध लगाने और तेल खरीदारों पर द्वितीयक प्रतिबंध लगाने की चेतावनी पहले भी दे चुकी हैं।
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने स्पष्ट किया कि युद्ध किसी भी समस्या का हल नहीं है। उन्होंने कहा कि आर्थिक प्रतिबंध केवल देशों के बीच जटिलताओं को बढ़ाते हैं और अंतरराष्ट्रीय सहयोग में रुकावट पैदा करते हैं। चीन हमेशा शांतिपूर्ण तरीके से विवाद सुलझाने और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने का पक्षधर रहा है।