अमेरिका में ट्रंप प्रशासन के रेसिप्रोकल टैरिफ विवाद में सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है। अगर टैरिफ अवैध ठहराए गए तो अरबों डॉलर लौटाने होंगे। वित्त मंत्री स्कॉट बेसेन्ट ने संभावित योजना का भी जिक्र किया।
Trump Tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले कुछ वर्षों में दुनिया के 180 से अधिक देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ (reciprocal tariff) लगाकर अमेरिका के लिए अरबों डॉलर जुटाए हैं। हालांकि, अमेरिकी फेडरल कोर्ट ने इसे अवैध ठहराया है और अब मामला अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट तक पहुँच गया है। अगर सुप्रीम कोर्ट भी ट्रंप के अधिकार को अवैध ठहराती है तो ट्रंप प्रशासन को वसूले गए अरबों डॉलर वापस करने पड़ सकते हैं।
अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेन्ट ने हाल ही में इस मामले पर खुलासा करते हुए कहा कि यदि सुप्रीम कोर्ट फेडरल कोर्ट के फैसले को बरकरार रखता है तो आधे टैरिफ को वापस करना पड़ेगा, जो अमेरिका के राजकोष (treasury) के लिए गंभीर चुनौती साबित होगा।
ट्रंप प्रशासन का प्लान और संभावित परिणाम
फेडरल कोर्ट ने यह स्पष्ट किया था कि ट्रंप द्वारा लगाए गए रेसिप्रोकल टैरिफ राष्ट्रपति के अधिकार का उल्लंघन हैं। इसका मतलब है कि ट्रंप सरकार ने बिना संसद की अनुमति के व्यापक आयात शुल्क लगाए। वित्त मंत्री स्कॉट बेसेन्ट ने कहा कि यदि सुप्रीम कोर्ट ने ट्रंप प्रशासन के टैरिफ को अवैध घोषित किया तो अमेरिका को लगभग आधे टैरिफ पर रिफंड देना पड़ेगा।
उन्होंने यह भी कहा कि ट्रंप प्रशासन ने इस स्थिति के लिए पहले से कोई विस्तृत योजना नहीं बनाई है, लेकिन टैरिफ लौटाने के बजाय अन्य विकल्पों पर काम किया जा सकता है। हालांकि, इससे राष्ट्रपति ट्रंप की वैश्विक व्यापार नीति और उनकी 'तो़ल-मोल (bargaining) की ताकत' कमजोर हो सकती है।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की प्रक्रिया
ट्रंप प्रशासन ने 4 सितंबर 2025 को सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की है। इसमें अनुरोध किया गया कि IEEPA (International Emergency Economic Powers Act) के तहत लगाए गए टैरिफ को वैध ठहराया जाए। सॉलिसिटर जनरल डी. जॉन सॉयर ने कोर्ट से कहा कि इस मामले की सुनवाई नवंबर 2025 के पहले सप्ताह में शुरू हो सकती है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने अभी तक सुनवाई की अंतिम तारीख की पुष्टि नहीं की है।
इससे पहले अगस्त में फेडरल कोर्ट ने कहा था कि राष्ट्रपति ट्रंप के टैरिफ लगाने के अधिकार को IEEPA कानून के तहत मान्यता प्राप्त नहीं है। कोर्ट ने यह भी कहा कि 'हमें IEEPA के तहत इतने बड़े टैरिफ लगाने का कोई स्पष्ट संसदीय प्राधिकार नहीं दिखता।'
ट्रंप सरकार ने कितने टैरिफ वसूले?
ट्रंप प्रशासन ने 180 से अधिक देशों पर 10% से 50% तक के टैरिफ लागू किए हैं। भारत, चीन, कनाडा और ब्राजील जैसे देश इसका प्रमुख लक्ष्य रहे हैं। भारत पर 7 अगस्त 2025 से 25% और 27 अगस्त 2025 से 50% टैरिफ लगाया गया।
एक रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त 2025 में ही ट्रंप प्रशासन ने टैरिफ के रूप में 31 अरब डॉलर की कमाई की। यह राशि अगर सुप्रीम कोर्ट द्वारा अवैध घोषित की जाती है तो अमेरिका को इसका आधा हिस्सा वापस करना पड़ सकता है।
वित्त मंत्री स्कॉट बेसेन्ट ने क्या कहा?
NBC न्यूज के साथ एक इंटरव्यू में वित्त मंत्री स्कॉट बेसेन्ट ने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट फेडरल कोर्ट के फैसले को बरकरार रखता है तो उन्हें लगभग आधे टैरिफ को रिफंड करना होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह अमेरिका के राजकोष के लिए बड़ा झटका होगा।