पूर्वी चंपारण में तुषार गांधी के साथ कार्यक्रम में बदसलूकी हुई। तेजस्वी यादव ने बिहार की जनता की ओर से माफी मांगी। तुषार ने एनडीए पर सवाल उठाए।
Bihar Politics: बिहार की राजनीति में उस समय हलचल मच गई जब महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी के साथ पूर्वी चंपारण के एक कार्यक्रम में कथित रूप से बदसलूकी की गई। यह घटना उस समय घटी जब तुषार गांधी पूर्वी चंपारण के तुरकौली गांव में एक पंचायत भवन में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। यह स्थान ऐतिहासिक रूप से महात्मा गांधी के पहले सत्याग्रह से जुड़ा है।
भाजपा समर्थक बताए जा रहे व्यक्ति ने की तीखी बहस
कार्यक्रम के दौरान एक व्यक्ति ने तुषार गांधी से तीखी बहस की। उसने तुषार गांधी से कहा कि मोदी सरकार और नीतीश सरकार अच्छा काम कर रही हैं और यह बात उन्हें स्वीकार करनी चाहिए क्योंकि वह गांधी जी के वंशज हैं। वीडियो में यह व्यक्ति यह भी कहता दिखाई दे रहा है कि तुषार को शर्म आनी चाहिए कि वह यह बात नहीं मानते।
आरजेडी (RJD) का दावा है कि यह व्यक्ति भाजपा से जुड़ा हुआ है और वह खुद को गांधी जी की जाति से संबंधित बताता है। घटना के बाद तुषार गांधी को पंचायत भवन से बाहर जाना पड़ा और उन्होंने बाहर एक जनसभा को संबोधित किया।
तेजस्वी यादव ने जताई नाराजगी, मांगी माफी
इस घटना के बाद बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने एक वीडियो साझा करते हुए तुषार गांधी से हाथ जोड़कर माफी मांगी और कहा कि यह गांधीवादी विचारधारा का अपमान है। तेजस्वी ने कहा कि बिहार की जनता की ओर से वह क्षमा याचना करते हैं और यह घटना बेहद निंदनीय है।
तुषार गांधी ने साधा NDA सरकार पर निशाना
तुषार गांधी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि बिहार को बदलाव की जरूरत है। उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार ने जो वादे किए थे, उन्हें पूरा नहीं किया गया है। साथ ही उन्होंने कहा कि महागठबंधन एक विकल्प हो सकता है, लेकिन सत्ता में आने के बाद वह उसे भी जवाबदेह बनाएंगे।
नीतीश कुमार की राजनीति पर तंज
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर टिप्पणी करते हुए तुषार गांधी ने कहा कि उन्होंने चंपारण के नाम में 'सत्याग्रह' जोड़ने का सुझाव दिया था जिसे नीतीश ने स्वीकार किया था, लेकिन अब वे उसे भूल चुके हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की राजनीति में विचार बदलना और पलटी मारना आम बात हो गई है।
'गोडसे की विचारधारा अब भी जिंदा है'
अपने भाषण में तुषार गांधी ने कहा कि बापू को मरे हुए बहुत समय हो गया है लेकिन गोडसे की विचारधारा आज भी जीवित है। उन्होंने कहा कि आज असहमति की हर आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने इसे लोकतंत्र के लिए खतरा बताया।