अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से इंडोनेशिया जैसी ट्रेड डील की बात कही। 1 अगस्त तक समझौता न हुआ तो 35% टैरिफ लागू करने की चेतावनी दी गई है।
Trump India Trade Deal: अमेरिका के राष्ट्रपति और रिपब्लिकन नेता डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के साथ संभावित ट्रेड डील को लेकर बड़ा बयान दिया है। ट्रंप ने कहा है कि भारत अमेरिका के साथ एक ऐसी व्यापारिक समझौते पर काम कर रहा है, जैसा इंडोनेशिया के साथ हुआ था। इस डील से अमेरिकी कंपनियों को भारत के बड़े बाजार तक पहुंच मिलने की संभावना जताई गई है।
इंडोनेशिया मॉडल की तर्ज पर भारत के साथ डील की तैयारी
ट्रंप ने वॉशिंगटन में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि भारत इंडोनेशिया जैसे ही मॉडल पर एक ट्रेड डील की दिशा में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि अगर यह डील तय समय सीमा यानी 1 अगस्त तक नहीं होती, तो भारत को भारी टैरिफ का सामना करना पड़ सकता है। ट्रंप के मुताबिक, यह डील अमेरिकी कारोबार के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगी।
ट्रंप ने बताया कि इंडोनेशिया के साथ डील के तहत अमेरिका में इंडोनेशिया से आयात होने वाले उत्पादों पर 19% टैरिफ लगाया जाएगा। जबकि अमेरिकी कंपनियों को इंडोनेशिया के बाजार में बिना किसी शुल्क के पहुंच मिलेगी। यह अमेरिका के लिए एकतरफा फायदेमंद डील है। ट्रंप चाहते हैं कि भारत के साथ भी इसी तरह का समझौता हो।
भारत के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है यह समझौता
हालांकि, भारत के लिए ऐसी शर्तों पर ट्रेड डील करना आसान नहीं होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि 19% टैरिफ भारत के निर्यात पर प्रतिकूल असर डाल सकता है। अगर अमेरिका से आने वाले सामान पर टैरिफ न लगाया जाए, तो भारतीय कंपनियों की प्रतिस्पर्धा कमजोर हो सकती है। यही कारण है कि भारत इस डील को लेकर सावधानी बरत रहा है।
रूस से तेल खरीद पर भी अमेरिका की नाराजगी
ट्रंप ने इस दौरान रूस और यूक्रेन के युद्ध का भी ज़िक्र किया। उन्होंने दो टूक कहा कि अगर रूस 50 दिनों के अंदर यूक्रेन के साथ शांति समझौता नहीं करता, तो जो देश रूस से तेल और गैस खरीद रहे हैं, उन पर 100 फीसदी टैरिफ लगाया जाएगा। इसमें भारत भी शामिल है। ट्रंप का मानना है कि इससे रूस पर दबाव बनेगा और युद्ध खत्म करने की दिशा में मजबूरी पैदा होगी।
500 फीसदी टैरिफ वाला बिल फिलहाल अटका
रिपब्लिकन पार्टी के सीनेट नेता जॉन थ्यून ने इस बीच बताया कि रूस से ऊर्जा आयात करने वाले देशों पर 500% टैरिफ लगाने वाला विधेयक फिलहाल रोक दिया गया है। ट्रंप ने इस बिल की उपयोगिता पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनकी अपनी टैरिफ नीति इससे कहीं अधिक प्रभावी है।
भारत में अमेरिकी कंपनियों को चाहिए और ज्यादा जगह
ट्रंप का कहना है कि अमेरिका भारत के साथ ऐसे समझौते की उम्मीद करता है जिससे वहां की कंपनियों को भारत में विस्तार का अवसर मिले। खासकर टेक्नोलॉजी, मेडिसिन, फार्मा और रक्षा जैसे क्षेत्रों में अमेरिकी निवेश को भारत में अधिक स्वीकृति मिलनी चाहिए।
ट्रंप के मुताबिक, अगर भारत समय रहते डील नहीं करता, तो 35% तक टैरिफ लगाए जा सकते हैं। इससे भारत के निर्यात उद्योग को बड़ा नुकसान हो सकता है। उन्होंने जोर देकर कहा, “हम भारतीय बाजार में समानता चाहते हैं। अगर अमेरिकी कंपनियों को वहां बाधाएं मिलेंगी, तो हम भी भारत से आने वाले उत्पादों को रोकने के उपाय करेंगे।”
ट्रंप ने इंडोनेशिया के साथ हुई डील को अमेरिकी नीति की जीत बताया। उन्होंने कहा कि इंडोनेशिया के पास उच्च गुणवत्ता वाला तांबा, कोबाल्ट और अन्य दुर्लभ खनिज हैं, जो अमेरिका के तकनीकी और सैन्य उद्योग के लिए जरूरी हैं। इस समझौते से अमेरिकी कंपनियों को इन संसाधनों तक सीधी पहुंच मिली है।