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Bihar Eletion: क्या केजरीवाल मॉडल अपनाएंगे प्रशांत किशोर? 243 सीटों पर जन सुराज का ऐलान

Bihar Eletion: क्या केजरीवाल मॉडल अपनाएंगे प्रशांत किशोर? 243 सीटों पर जन सुराज का ऐलान

प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज बिहार चुनाव में सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी। पीके के राघोपुर या बक्सर से चुनाव लड़ने के संकेत हैं। क्या वे तेजस्वी के खिलाफ उतरकर केजरीवाल मॉडल अपनाएंगे?

Bihar Eletion 2025: बिहार में अक्टूबर-नवंबर 2025 तक विधानसभा चुनाव संभावित हैं। एनडीए और महागठबंधन के बीच सीधी टक्कर मानी जा रही है। लेकिन इस बार मैदान में एक नया खिलाड़ी भी पूरी ताकत के साथ उतरने को तैयार है—प्रशांत किशोर की पार्टी 'जन सुराज'। चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने पहले ही साफ कर दिया है कि उनकी पार्टी सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और किसी भी पार्टी से गठबंधन नहीं करेगी।

क्या खुद चुनाव लड़ेंगे प्रशांत किशोर

अब बड़ा सवाल यह है कि क्या पीके खुद भी विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। मार्च 2025 में पीके ने कहा था कि अगर पार्टी कहेगी तो वे राघोपुर सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। यह वही सीट है जहां से नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव विधायक हैं। हालांकि इसके बाद राजनीतिक बहस तेज हो गई। आरजेडी ने पीके पर बीजेपी की बी टीम होने का आरोप लगाना शुरू कर दिया।

प्रशांत किशोर ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वे तेजस्वी ही नहीं, बल्कि नरेंद्र मोदी के खिलाफ भी चुनाव लड़ने को तैयार हैं। इससे संकेत मिला कि वे केवल रणनीतिकार की भूमिका में नहीं रहेंगे, बल्कि खुद भी चुनावी मैदान में उतर सकते हैं।

क्या केजरीवाल मॉडल अपनाएंगे पीके

जब पीके ने तेजस्वी यादव के खिलाफ राघोपुर से चुनाव लड़ने की बात कही, तो राजनीतिक हलकों में इसे 'केजरीवाल मॉडल' से जोड़ा जाने लगा। 2013 में जब अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ा था, तब उन्होंने सीधे तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को उनकी सीट नई दिल्ली पर चुनौती दी थी। बाद में 2014 के लोकसभा चुनाव में केजरीवाल ने नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी से भी चुनाव लड़ा।

ऐसे में अगर पीके राघोपुर से चुनाव लड़ते हैं, तो यह रणनीति भी उसी तरह की मानी जाएगी। चूंकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विधान परिषद के सदस्य हैं और विधानसभा चुनाव नहीं लड़ते, इसलिए विपक्ष के मुख्यमंत्री पद के चेहरे तेजस्वी यादव को चुनौती देना राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हो सकता है।

बक्सर से भी चुनाव लड़ सकते हैं पीके

राघोपुर के अलावा बक्सर सीट से भी पीके के चुनाव लड़ने की अटकलें हैं। बक्सर से पीके की व्यक्तिगत और शैक्षणिक जुड़ाव रहा है। उन्होंने अपनी स्कूली पढ़ाई बक्सर से की है और वहां उनका पुश्तैनी घर भी है। जातीय समीकरण भी उनके पक्ष में हो सकते हैं। 2020 के विधानसभा चुनाव में बक्सर सीट कांग्रेस के मुन्ना तिवारी ने जीती थी, जो सामान्य वर्ग से आते हैं। ऐसे में पीके यहां से चुनाव लड़ने पर विचार कर सकते हैं।

जन सुराज की चुनावी रणनीति

प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज बिहार में खुद को एनडीए और महागठबंधन के विकल्प के रूप में पेश कर रही है। पार्टी शिक्षा, स्वास्थ्य, पलायन और रोजगार जैसे बुनियादी मुद्दों को केंद्र में रखकर काम कर रही है। पीके का फोकस साफ छवि वाले नए चेहरों को सामने लाने पर है।

उन्होंने घोषणा की है कि जन सुराज 90 प्रतिशत टिकट उन उम्मीदवारों को देगी जो पहली बार चुनाव लड़ रहे होंगे। यानी यह पार्टी पारंपरिक राजनीति से अलग एक नई शुरुआत का दावा कर रही है। पीके लगातार बिहार भर में यात्रा कर रहे हैं और स्थानीय लोगों से संवाद कर रहे हैं। वे हर जिले और गांव में जन सुराज का विजन और प्लान लोगों तक पहुंचा रहे हैं।

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