उत्तराखंड में पावन कांवड़ यात्रा इन दिनों पूरे जोश और आस्था के साथ जारी है। हर साल की तरह इस बार भी शिव भक्तों की भारी भीड़ हरिद्वार, ऋषिकेश और आसपास के क्षेत्रों में देखने को मिल रही है।
Shravan 2025 Kanwar Yatra: उत्तराखंड के हरिद्वार में इस बार कांवड़ यात्रा में आस्था का ऐसा सैलाब उमड़ा है, जिसने बीते वर्षों के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। सावन के पहले सप्ताह में ही हरिद्वार में पांच दिन के भीतर 80 लाख 90 हजार से अधिक शिव भक्तों ने गंगाजल भरा और अपने-अपने गंतव्यों के लिए रवाना हो चुके हैं।
हर साल की तरह इस बार भी श्रावण मास में भगवान शिव के भक्तों का जनसैलाब हरिद्वार में उमड़ा हुआ है। हरिद्वार से लेकर गंगनहर पटरी मार्ग और हाईवे तक चारों ओर शिव भक्त ही नजर आ रहे हैं। पूरा हरिद्वार इस समय भगवा रंग में रंगा नजर आ रहा है और फिजाओं में 'हर हर महादेव' के जयकारों की गूंज सुनाई दे रही है।
कांवड़ यात्रा में रिकॉर्ड तोड़ संख्या, 80 लाख 90 हजार श्रद्धालु पहुंचे हरिद्वार
उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा की शुरुआत आधिकारिक तौर पर 11 जुलाई 2025 से हुई थी, लेकिन उससे पहले ही देश के कोने-कोने से शिवभक्त हरिद्वार पहुंचना शुरू हो गए थे। प्रशासन ने 10 जुलाई से श्रद्धालुओं की गिनती शुरू की थी और अब तक के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। 10 जुलाई से लेकर मंगलवार शाम 6 बजे तक उत्तराखंड पुलिस प्रशासन के मुताबिक कुल 80 लाख 90 हजार कांवड़िए गंगा जल लेकर अपने गंतव्य की ओर रवाना हो चुके हैं।
श्रावण मास के पहले सोमवार को ही हरिद्वार में 31 लाख श्रद्धालुओं ने हर की पैड़ी सहित अन्य घाटों पर गंगाजल भरा। केवल 12 घंटे के भीतर इतनी बड़ी संख्या में शिव भक्तों का गंगाजल भरना एक नया कीर्तिमान है। हरिद्वार की सड़कों, गंगानहर के किनारे, पटरी मार्ग, और हाइवे हर ओर इस वक्त भगवा झंडों और 'बोल बम' के नारों से गूंज रहे हैं। शिव भक्तों का हुजूम हर ओर नजर आ रहा है।
हरिद्वार में भगवा रंग का बोलबाला, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
हरिद्वार इस समय पूरी तरह से भगवा रंग में रंगा हुआ नजर आ रहा है। चाहे सड़क हो, घाट हो या हाईवे — हर जगह कांवड़िए 'हर हर महादेव' और 'बोल बम' के जयकारे लगाते हुए नजर आ रहे हैं। श्रद्धालुओं की इस रिकॉर्ड तोड़ भीड़ को देखते हुए प्रशासन और पुलिस ने सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किए हैं। हर जगह पुलिसकर्मी तैनात हैं ताकि किसी भी कांवड़िए को कोई असुविधा ना हो। CCTV कैमरों से हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है।
उत्तराखंड पुलिस के साथ-साथ अन्य राज्य से भी सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके और यात्रा पूरी तरह शांतिपूर्ण और सुरक्षित ढंग से संपन्न हो। हरिद्वार से गंगाजल लेकर उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, मध्यप्रदेश, हरियाणा, पंजाब सहित देश के अन्य राज्यों के कांवड़िए अपने-अपने गंतव्य की ओर रवाना हो चुके हैं। कांवड़ यात्रा का ये सिलसिला श्रावण के पूरे महीने चलेगा।
हर दिन बढ़ती श्रद्धालुओं की संख्या इस बात का संकेत है कि इस बार कांवड़ यात्रा का आंकड़ा पिछले वर्षों के रिकॉर्ड को पार कर सकता है। प्रशासन ने अनुमान जताया है कि श्रावण मास के अंत तक यह आंकड़ा 2 करोड़ से अधिक तक पहुंच सकता है।
कांवड़ यात्रा में श्रद्धा और आस्था का संगम
कांवड़ यात्रा केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि श्रद्धा, आस्था और समर्पण का पर्व है। शिवभक्त सैकड़ों किलोमीटर की पदयात्रा कर हरिद्वार पहुंचते हैं, गंगा से जल लेकर अपने-अपने क्षेत्र के शिव मंदिरों में जलाभिषेक करते हैं। यह यात्रा न सिर्फ शरीर की परीक्षा लेती है, बल्कि मन, संयम और आस्था की भी कसौटी होती है।