प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस महीने के अंत में होने वाले संयुक्त राष्ट्र महासभा के वार्षिक उच्च-स्तरीय सत्र की आम बहस को संबोधित नहीं करेंगे। संयुक्त राष्ट्र महासभा का 80वां सत्र 9 सितंबर से शुरू हो रहा है, जबकि उच्च-स्तरीय आम बहस 23 से 29 सितंबर तक आयोजित होगी।
नई दिल्ली: इस साल सितंबर में होने वाले संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के वार्षिक उच्च-स्तरीय सत्र में भारत का प्रतिनिधित्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नहीं करेंगे। उनकी जगह विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर न्यूयॉर्क में भारत की ओर से शिरकत करेंगे और वैश्विक नेताओं को संबोधित करेंगे। संयुक्त राष्ट्र महासभा का 80वां सत्र 9 सितंबर से शुरू हो रहा है, जबकि उच्च-स्तरीय आम बहस 23 से 29 सितंबर तक चलेगी।
संयुक्त राष्ट्र महासभा का यह वार्षिक सत्र विश्व कूटनीति का सबसे बड़ा मंच माना जाता है, जहां विभिन्न देशों के राष्ट्राध्यक्ष और शासनाध्यक्ष वैश्विक मुद्दों पर अपनी बात रखते हैं। इस बार का सत्र विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने मौजूद कई गंभीर चुनौतियों जैसे इस्राइल-हमास युद्ध, यूक्रेन संघर्ष, जलवायु परिवर्तन और वैश्विक आर्थिक अस्थिरता के बीच आयोजित हो रहा है।
पीएम मोदी नहीं जाएंगे अमेरिका
शुक्रवार को जारी संयुक्त राष्ट्र महासभा की संशोधित अनंतिम सूची के अनुसार, भारत का प्रतिनिधित्व इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बजाय विदेश मंत्री जयशंकर करेंगे। वे 27 सितंबर को आम बहस को संबोधित करेंगे। गौरतलब है कि पहले जारी वक्ताओं की सूची में पीएम मोदी का नाम 26 सितंबर को दर्ज था। उस दिन इस्राइल, चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश के शासनाध्यक्ष भी मंच पर भाषण देने वाले हैं।
हालांकि, संयुक्त राष्ट्र की परंपरा के अनुसार यह सूची हमेशा अनंतिम (provisional) रहती है और उच्च-स्तरीय सप्ताह से पहले वक्ताओं और कार्यक्रमों में बदलाव की संभावना बनी रहती है।
अमेरिका-भारत संबंधों में खटास
प्रधानमंत्री मोदी इस साल की शुरुआत में फरवरी में अमेरिका के दौरे पर गए थे, जहां उन्होंने व्हाइट हाउस में तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ द्विपक्षीय बैठक की थी। उस समय व्यापार और ऊर्जा के क्षेत्र में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई थी। हालांकि, अमेरिका ने भारत पर कुल 50 प्रतिशत टैरिफ लगाए हुए हैं, जिसमें रूसी तेल की खरीद पर 25 प्रतिशत दंडात्मक शुल्क भी शामिल है। ऐसे में अमेरिका-भारत के बीच व्यापारिक रिश्तों में जटिलता बनी हुई है। यही कारण है कि इस बार प्रधानमंत्री मोदी का संयुक्त राष्ट्र महासभा में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित न होना कई स्तरों पर कूटनीतिक महत्व रखता है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र का विषय है: एक साथ बेहतर: शांति, विकास और मानवाधिकारों के लिए 80 वर्ष और उससे भी अधिक। इस वर्ष का आयोजन कई ऐतिहासिक अवसरों के साथ मेल खाता है। 22 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र की स्थापना की 80वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी। इसी दिन महिलाओं पर चौथे विश्व सम्मेलन की 30वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में एक उच्च-स्तरीय बैठक भी आयोजित होगी, जिसमें 1995 के बीजिंग सम्मेलन के बाद से हुई प्रगति पर चर्चा की जाएगी।
24 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस एक जलवायु शिखर सम्मेलन बुलाएंगे, जिसमें सदस्य राष्ट्र अपनी नई राष्ट्रीय जलवायु कार्य योजनाएं प्रस्तुत करेंगे।