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उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार पर फैसला मोदी-नड्डा को सौंपा, रिजिजू ने राहुल गांधी पर किया राजनीतिक हमला

उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार पर फैसला मोदी-नड्डा को सौंपा, रिजिजू ने राहुल गांधी पर किया राजनीतिक हमला

एनडीए ने उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के चयन की जिम्मेदारी पीएम मोदी और जे.पी. नड्डा को सौंपी। किरेन रिजिजू ने सांसदों को सही तरीके से वोट डालने की ट्रेनिंग देने की बात कही। साथ ही राहुल गांधी पर संवैधानिक संस्थाओं पर हमला करने का आरोप लगाया। 

नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने अपनी तैयारियां तेज़ कर दी हैं। गुरुवार को संसद भवन परिसर में एनडीए के फ्लोर लीडर्स की एक अहम बैठक हुई, जिसमें सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के चयन का अधिकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा को दिया जाएगा।

बैठक के बाद केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि उम्मीदवार के नाम को लेकर अंतिम निर्णय एनडीए की शीर्ष नेतृत्व द्वारा जल्द ही लिया जाएगा। साथ ही उन्होंने विपक्ष, विशेष रूप से कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला।

बैठक में शामिल हुए NDA के प्रमुख नेता

इस रणनीतिक बैठक में एनडीए के प्रमुख नेताओं ने भाग लिया, जिनमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू, शिवसेना के श्रीकांत शिंदे, प्रफुल्ल पटेल, चिराग पासवान, रामदास अठावले, अनुप्रिया पटेल, लल्लन सिंह, उपेंद्र कुशवाहा समेत कई अन्य सहयोगी दलों के नेता मौजूद रहे।

बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि प्रधानमंत्री मोदी और नड्डा को उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के चयन की पूरी जिम्मेदारी दी जाए। इसके पीछे मंशा है कि एक सर्वस्वीकार्य और रणनीतिक उम्मीदवार को मैदान में उतारा जाए, जो गठबंधन की एकता को दर्शाए।

सांसदों को सिखाया जाएगा मतदान का सही तरीका

रिजिजू ने बताया कि उपराष्ट्रपति चुनाव में गुप्त मतदान की प्रक्रिया अपनाई जाती है और इस दौरान कोई पार्टी व्हिप जारी नहीं कर सकती। इसी कारण यह ज़रूरी हो गया है कि सांसदों को वोटिंग प्रक्रिया की सही जानकारी दी जाए, ताकि कोई वोट अमान्य न हो।

इस विषय पर चर्चा के दौरान तय किया गया कि सभी सांसदों को ट्रेनिंग या डेमो सत्रों के माध्यम से मतदान प्रक्रिया सिखाई जाएगी, ताकि एक भी वोट निरस्त न हो और चुनाव निष्पक्ष व सुव्यवस्थित ढंग से हो।

SIR पर उठे सवालों को बताया बेबुनियाद

बिहार में चल रहे Special Intensive Revision (SIR) को लेकर विपक्ष के विरोध पर रिजिजू ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि SIR कोई नई प्रक्रिया नहीं है। स्वतंत्रता के बाद से यह प्रक्रिया कई राज्यों में अपनाई गई है, जिसमें महाराष्ट्र का उदाहरण भी शामिल है।

उन्होंने कहा कि जब लोकसभा चुनावों के नतीजे आए थे, तब विपक्षी दलों ने SIR की तारीफ की थी, लेकिन अब विधानसभा नतीजों के संदर्भ में उस पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं, जो दोहरे मापदंडों को दर्शाता है।

SIR पर संसद में चर्चा क्यों नहीं हो सकती?

रिजिजू ने स्पष्ट किया कि लोकसभा के नियम और प्रक्रियाएं यह कहती हैं कि अदालत में विचाराधीन विषयों पर चर्चा नहीं की जा सकती। SIR फिलहाल सुप्रीम कोर्ट के विचाराधीन है, इसलिए संसद में इस पर कोई आधिकारिक बहस संभव नहीं है। उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वे जानबूझकर लोकतंत्र की मर्यादाओं का उल्लंघन करने की कोशिश कर रहे हैं और संसद को राजनीतिक अखाड़ा बनाना चाहते हैं।

राहुल गांधी पर सीधा हमला

रिजिजू ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि राहुल गांधी संवैधानिक संस्थाओं पर हमला कर रहे हैं, जो सीधे लोकतंत्र पर प्रहार के समान है। उन्होंने कहा, 'आज राहुल गांधी चुनाव आयोग पर निशाना साध रहे हैं, कल सुप्रीम कोर्ट पर हमला किया था। वह एक NGO की रिपोर्ट का सहारा ले रहे हैं, जो पूरी तरह पक्षपातपूर्ण है।' रिजिजू ने यह भी कहा कि राहुल गांधी द्वारा कर्नाटक को लेकर किए गए बयान को वहां के स्थानीय नेताओं ने भी ‘बकवास’ करार दिया है।

'चुनाव हारने पर सवाल उठाना विपक्ष की आदत'

संसदीय कार्य मंत्री ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि जब चुनावों के नतीजे उनके पक्ष में आते हैं तो वे उनकी सराहना करते हैं, लेकिन जब परिणाम प्रतिकूल होते हैं तो वे मतदान प्रक्रिया और संवैधानिक संस्थाओं पर सवाल उठाते हैं।

उन्होंने विपक्ष से संसद की कार्यप्रणाली और नियमों का सम्मान करने की अपील की और कहा कि देश की लोकतांत्रिक परंपराओं को बनाए रखना हर पार्टी की जिम्मेदारी है।

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