वाराणसी जिले में हृदयाघात (हार्ट अटैक) के इलाज को बेहतर बनाने के लिए Indian Council of medical Research (ICMR) की सहयोगीय परियोजना के अंतर्गत ईसीजी (Electro-Cardiography) और थ्रॉम्बोलिसिस (रक्त थक्के घोलने की प्रक्रिया) की सुविधा सरकारी अस्पतालों तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में उपलब्ध कराई जा रही है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी संदीप चौधरी ने बताया कि इस तरह मरीजों को “गोल्डन आवर्स” में समय पर इलाज मिलने से जान बचने की संभावना बढ़ गई है।
इस प्रोजेक्ट के तहत विभिन्न अस्पताल-और स्वास्थ्य केंद्रों में ईसीजी मशीनें स्थापित की गई हैं, जिससे मरीज का हृदय चेक-अप तुरंत किया जा सके।
थ्रॉम्बोलिसिस प्रक्रिया में विशेष इंजेक्शन/उपचार द्वारा हृदयाघात के समय रक्त में बने थक्कों को घोला जाता है, जिससे हृदय को पहुंचने वाले नुकसान को कम किया जा सके।
वाराणसी जिले को प्रदेश में इस तरह के पायलट प्रोजेक्ट के लिए चुना गया था, एवं अब तक कई मरीजों की जान बच चुकी है।
इस पहल से यह उम्मीद है कि हार्ट अटैक के बाद मरने वालों की संख्या में कमी आएगी क्योंकि इलाज अब मरीज के नजदीकी केंद्र पर जल्दी हो पा रहा है।
इसके साथ-साथ, अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्रों में स्टाफ को प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि इमरजेंसी में तेजी से कार्रवाई हो सके।
 
                                                                        
                                                                             
                                                











