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वक्फ संपत्ति रजिस्ट्रेशन में बड़ा बदलाव: केंद्र सरकार ने लॉन्च की नई वेबसाइट और नियम!

वक्फ संपत्ति रजिस्ट्रेशन में बड़ा बदलाव: केंद्र सरकार ने लॉन्च की नई वेबसाइट और नियम!

केंद्र सरकार जल्द ही वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण और प्रबंधन के लिए एक नई वेबसाइट लॉन्च करने जा रही है। इस पोर्टल के माध्यम से देशभर की वक्फ संपत्तियों का डिजिटल विवरण उपलब्ध होगा, जिससे पारदर्शिता और निगरानी में सुधार होगा।

Waqf Property Registration: केंद्र सरकार वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और रजिस्ट्रेशन को लेकर एक बड़ी पहल करने जा रही है। सूत्रों की मानें तो सरकार जल्द ही देशभर की वक्फ संपत्तियों का विवरण रखने वाली एक नई वेबसाइट लॉन्च करने की योजना बना रही है। यह कदम वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण को आसान, पारदर्शी और त्वरित बनाने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है। साथ ही, सरकार वक्फ अधिनियम 2025 के तहत नियमों के निर्माण के लिए राज्यों के साथ व्यापक विचार-विमर्श की तैयारी में है।

वक्फ संपत्तियों के लिए डिजिटल समाधान का आगाज

वक्फ संपत्तियों का पंजीकरण और उनका प्रबंधन देश के कई हिस्सों में अभी भी कागजी कार्रवाई और जटिल प्रक्रियाओं से जूझ रहा है। इस स्थिति को सुधारने के लिए केंद्र सरकार ने एक डिजिटल पहल का निर्णय लिया है। आगामी नई वेबसाइट पर देशभर की वक्फ संपत्तियों की विस्तृत जानकारी उपलब्ध होगी, जिसमें उनकी लोकेशन, स्वामित्व, उपयोग और उससे जुड़ी अन्य कानूनी जानकारी शामिल होगी। इस वेबसाइट के माध्यम से न केवल पंजीकरण प्रक्रिया में तेजी आएगी, बल्कि वक्फ संपत्तियों की निगरानी और उनके दुरुपयोग को रोकने में भी मदद मिलेगी।

संसद में पारित हुआ वक्फ (संशोधन) विधेयक

इस साल अप्रैल में संसद ने वक्फ (संशोधन) विधेयक पारित किया था, जिसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रशासन को आधुनिक बनाना, कानूनी विवादों को कम करना और दक्षता बढ़ाना है। यह संशोधन 1995 के मूल अधिनियम और 2013 के संशोधनों में आई कमियों को दूर करने का प्रयास करता है। हालांकि विधेयक पारित हो चुका है, इसके सफल क्रियान्वयन के लिए अब नियमों का निर्माण आवश्यक है।

केंद्र सरकार ने इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए कहा है कि वह जल्द ही वक्फ अधिनियम 2025 के अंतर्गत नियम बनाएगी। इन नियमों में वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण, प्रबंधन, और उनकी देखरेख से जुड़ी विस्तृत व्यवस्था होगी। खास बात यह है कि वक्फ बोर्डों के राज्य स्तर पर संचालन को प्रभावी बनाने के लिए केंद्र सरकार राज्यों के साथ भी विचार-विमर्श करेगी।

राज्यों के साथ सहयोग से बनेगा समग्र फ्रेमवर्क

वक्फ बोर्डों का संचालन मूल रूप से राज्य सरकारों के अधिकार क्षेत्र में आता है। इसलिए, केंद्र सरकार राज्यों के साथ संवाद और समन्वय से नियम बनाने की योजना पर काम कर रही है। इस प्रक्रिया में राज्यों के हितों, उनके अनुभवों और स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखा जाएगा ताकि नियम प्रभावी, व्यावहारिक और समावेशी बन सकें।

इस पहल से राज्य स्तर पर वक्फ संपत्तियों के रख-रखाव और प्रशासन में पारदर्शिता बढ़ेगी, जिससे लंबित विवादों और कागजी जटिलताओं में कमी आएगी। साथ ही, राज्य सरकारों को भी अधिक अधिकार और जिम्मेदारी मिलेगी, जिससे वक्फ बोर्ड बेहतर तरीके से अपनी भूमिकाएं निभा सकेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ अधिनियम पर याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रखा

वहीं, वक्फ अधिनियम के संशोधन को लेकर कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं, जिनमें इस अधिनियम पर रोक लगाने की मांग की गई थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने अभी तक कोई अंतिम फैसला नहीं सुनाया है और अपना निर्णय सुरक्षित रखा हुआ है। यह मामला अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

केंद्र सरकार का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का पूरी तरह सम्मान किया जाएगा और उनके निर्देशों के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी। इस बीच, सरकार की योजना है कि छह महीने की निर्धारित अवधि के भीतर वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण के लिए नई वेबसाइट चालू कर दी जाए, जिससे इस क्षेत्र में सुधार की दिशा में ठोस कदम उठाए जा सकें।

नई वेबसाइट से क्या होगा लाभ?

पंजीकरण में पारदर्शिता: अब वक्फ संपत्तियों का डिजिटल रिकॉर्ड सभी के लिए उपलब्ध होगा जिससे किसी भी संपत्ति की स्थिति की जांच आसानी से की जा सकेगी।

  • कानूनी विवादों में कमी: संपत्ति के स्पष्ट रजिस्ट्रेशन से टकराव और विवाद कम होंगे।
  • प्रबंधन की दक्षता: वक्फ बोर्ड और प्रशासन को संपत्तियों के प्रबंधन में सहूलियत होगी।
  • दुरुपयोग की रोकथाम: संपत्ति के दुरुपयोग और अवैध कब्जे पर नजर रखी जा सकेगी।

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