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WCL 2025 विवाद: PCB ने पक्षपात का लगाया आरोप, हार के बाद टूर्नामेंट से बाहर होने का फैसला

WCL 2025 विवाद: PCB ने पक्षपात का लगाया आरोप, हार के बाद टूर्नामेंट से बाहर होने का फैसला

WCL 2025 फाइनल में साउथ अफ्रीका से हारने के बाद PCB ने टूर्नामेंट पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए भविष्य में भाग न लेने का निर्णय लिया। भारत से मुकाबले रद्द होने और अंक मिलने पर पीसीबी नाराज़ हुआ। यह निर्णय हार की हताशा और खेल भावना की अनदेखी के रूप में देखा जा रहा है।

WCL: वर्ल्ड चैंपियनशिप ऑफ लीजेंड्स (WCL) 2025 के दूसरे सीज़न का अंत एकतरफा फाइनल और उससे भी अधिक विवादित फैसलों के साथ हुआ। पाकिस्तान चैंपियंस टीम को फाइनल मुकाबले में साउथ अफ्रीका चैंपियंस के हाथों करारी शिकस्त झेलनी पड़ी। इसके तुरंत बाद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने WCL से अपनी टीम को भविष्य में हटाने का बड़ा निर्णय लेते हुए आयोजकों पर 'पक्षपा' के गंभीर आरोप लगाए। हालांकि यह फैसला सोशल मीडिया और क्रिकेट समुदाय में 'घड़ियाली आंसू' कहकर ट्रोल हो रहा है क्योंकि हार पचाना शायद PCB के लिए इस बार बेहद मुश्किल साबित हुआ है।

हार की हताशा या सच में साज़िश?

WCL 2025 के फाइनल में पाकिस्तान चैंपियंस ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में 195 रन का चुनौतीपूर्ण स्कोर खड़ा किया। लेकिन साउथ अफ्रीका के लिए खेलने उतरे पूर्व दिग्गज बल्लेबाज एबी डिविलियर्स ने इस लक्ष्य को मजाक बना दिया। उन्होंने महज 65 गेंदों में नाबाद 120 रनों की पारी खेली और सिर्फ 16.5 ओवर में टीम को जीत दिला दी। पाकिस्तान की उम्मीदें टूट गईं और लगातार दूसरे सीजन उन्हें उपविजेता बनकर ही संतोष करना पड़ा। लेकिन फाइनल हार से भी ज्यादा सुर्खियों में रहा पीसीबी का टूर्नामेंट पर लगाया गया “पक्षपात” का आरोप।

PCB का आरोप: टूर्नामेंट था 'प्री-स्क्रिप्टेड'

पीसीबी ने अपनी 79वीं बोर्ड ऑफ गवर्नर्स (BoG) बैठक के बाद एक आधिकारिक बयान जारी किया जिसमें उन्होंने आयोजकों पर कई आरोप लगाए। सबसे बड़ा विवाद उस फैसले को लेकर था जिसमें इंडिया चैंपियंस टीम ने लीग और सेमीफाइनल दोनों में पाकिस्तान के खिलाफ खेलने से इनकार किया और इसके बावजूद भी उन्हें अंक दिए गए। पीसीबी का कहना है कि जानबूझकर मैच न खेलने वाली टीम को अंक देने का फैसला क्रिकेट की खेल भावना के विरुद्ध है। बयान में कहा गया: 'टूर्नामेंट में जिस तरह के फैसले हुए, उससे निष्पक्षता पर सवाल उठते हैं। बाहरी दबाव साफ नजर आ रहा था, और यह खेल की आत्मा के खिलाफ था।'

टूर्नामेंट से बहिष्कार: खेल या राजनीति?

पीसीबी ने इस घटना के बाद WCL जैसे आयोजनों से पाकिस्तान टीम को भविष्य में हटाने का फैसला लिया। उन्होंने कहा कि जब तक आयोजनों में पारदर्शिता नहीं होगी और समान अवसर नहीं दिए जाएंगे, तब तक वह ऐसे टूर्नामेंट्स में भाग नहीं लेंगे। हालांकि क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला अधिकतर हार की हताशा से प्रेरित है। भारत-पाक मैच रद्द होने के बावजूद पाकिस्तान को फाइनल तक पहुंचने का मौका मिला, लेकिन निर्णायक मुकाबले में उनकी रणनीति और गेंदबाज़ी दोनों विफल रहीं। ऐसे में हार के बाद टूर्नामेंट को ही पक्षपाती ठहराना खेल भावना पर चोट है।

इंडिया-पाक मुकाबला न होना भी विवाद का कारण

WCL 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच दो मुकाबले होने थे – एक लीग स्टेज और दूसरा सेमीफाइनल में। लेकिन इंडिया चैंपियंस टीम ने दोनों बार खेलने से इनकार कर दिया, जिसके पीछे सुरक्षा और लॉजिस्टिक कारण बताए गए। आयोजकों ने नियमों के तहत भारत को वॉकओवर दिया, जिससे पाकिस्तान की टीम आक्रोशित हो गई। हालांकि टूर्नामेंट की शुरुआत में ही सभी टीमें नियमों पर सहमत थीं, फिर भी पाकिस्तान को यह फैसला एकतरफा और पक्षपाती लगा।

खेल की आत्मा पर सवाल

WCL जैसे टूर्नामेंट्स का उद्देश्य पूर्व दिग्गज क्रिकेटर्स को फिर से एक मंच पर लाना और खेल प्रेमियों को रोमांचित करना होता है। लेकिन अगर हार के बाद इस तरह के गंभीर आरोप लगाए जाएं और भागीदारी ही रद्द कर दी जाए, तो यह खेल की आत्मा और उद्देश्य दोनों को ठेस पहुंचाता है। क्रिकेट में हार-जीत खेल का हिस्सा है, लेकिन हार को साजिश बता देना खेल की गरिमा को गिराता है।

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