तेजस्वी यादव को चुनाव आयोग ने दो वोटर ID नंबरों पर नोटिस भेजा है। एक EPIC नंबर रिकॉर्ड में नहीं मिला जबकि दूसरे नंबर से वे पहले चुनाव लड़ चुके हैं। आयोग ने उनसे मूल दस्तावेज मांगे हैं।
Bihar News: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले आरजेडी नेता तेजस्वी यादव एक नए विवाद में फंसते नजर आ रहे हैं। चुनाव आयोग ने तेजस्वी यादव को नोटिस भेजा है और उनसे दो EPIC नंबर यानी वोटर आईडी कार्ड के मामले में जवाब मांगा है। आयोग का कहना है कि तेजस्वी ने एक ऐसा EPIC नंबर दिखाया है जो रिकॉर्ड में नहीं है। इस पर चुनाव आयोग ने कार्रवाई करते हुए उन्हें नोटिस भेजा है और मूल दस्तावेज उपलब्ध कराने को कहा है।
क्या है EPIC नंबर विवाद?
EPIC नंबर यानी Electors Photo Identity Card नंबर, हर मतदाता को अलग से जारी किया जाता है। इस पर नाम, पता और एक विशिष्ट नंबर होता है जिससे मतदाता की पहचान होती है।
तेजस्वी यादव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया था कि उनका EPIC नंबर RAB2916120 है, लेकिन जब उन्होंने इसे चुनाव आयोग की वेबसाइट पर जांचा, तो "No Record Found" लिखा आया। उन्होंने इस आधार पर चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे और कहा था कि उनका नाम ड्राफ्ट वोटर लिस्ट से गायब कर दिया गया है।
चुनाव आयोग ने क्या कहा?
तेजस्वी यादव के दावों के बाद चुनाव आयोग ने उनके बयानों को खारिज कर दिया। आयोग के अनुसार, तेजस्वी यादव का नाम वोटर लिस्ट में मौजूद है और उनका वैध EPIC नंबर RAB0456228 है। चुनाव आयोग ने साफ किया कि तेजस्वी इसी नंबर से 2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं और यही EPIC नंबर आधिकारिक रिकॉर्ड में दर्ज है। आयोग के अनुसार, जो दूसरा EPIC नंबर तेजस्वी ने दिखाया, वो पिछले 10 वर्षों के किसी भी रिकॉर्ड में मौजूद नहीं है।
आयोग की कार्रवाई: नोटिस और जांच
इस पूरे विवाद को गंभीरता से लेते हुए चुनाव आयोग ने तेजस्वी यादव को औपचारिक नोटिस भेजा है। इसमें उनसे उस EPIC नंबर की मूल प्रति मांगी गई है जो उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिखाया था। आयोग का कहना है कि जब तक संबंधित दस्तावेज और प्रमाण नहीं मिल जाते, तब तक यह स्पष्ट नहीं हो सकता कि EPIC नंबर RAB2916120 असली है या नकली।
क्या तेजस्वी ने गलती से नंबर बताया?
तेजस्वी यादव की तरफ से अभी तक यह सफाई नहीं दी गई है कि उन्होंने गलती से गलत EPIC नंबर बताया या जानबूझकर। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि अगर यह तकनीकी भूल है, तो मामला जल्द सुलझ सकता है। लेकिन अगर यह जानबूझकर किया गया है, तो इसके गंभीर नतीजे हो सकते हैं।
विपक्ष ने उठाए सवाल
भाजपा सहित कई दलों ने इस पूरे मामले को लेकर तेजस्वी यादव पर हमला बोला है। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि “अगर विपक्ष के नेता के पास दो EPIC नंबर हैं, तो आम कार्यकर्ताओं का क्या होगा?” उन्होंने इस विवाद को "भारत को बदनाम करने की साजिश" तक बता दिया।
EPIC नंबर से जुड़ी प्रक्रिया क्या है?
भारत में चुनाव आयोग मतदाता सूची तैयार करता है और हर व्यक्ति को एक यूनिक EPIC नंबर देता है। कोई भी व्यक्ति एक समय में सिर्फ एक EPIC नंबर रख सकता है। दो EPIC नंबर होना नियमों का उल्लंघन है और इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
चुनाव आयोग का सख्त रुख
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि इस मामले की गहन जांच की जाएगी। अगर पाया जाता है कि EPIC नंबर RAB2916120 फर्जी है, तो तेजस्वी यादव के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है। आयोग इस मामले को सिर्फ तकनीकी नहीं, बल्कि नैतिक और संवैधानिक जिम्मेदारी से जोड़कर देख रहा है, क्योंकि यह मामला एक वरिष्ठ नेता से जुड़ा है।