पश्चिम बंगाल स्कूल भर्ती घोटाले में ED ने TMC विधायक जीवन कृष्ण साहा के खिलाफ 80 पृष्ठों का आरोपपत्र दाखिल किया। जांच में परीक्षा में हेरफेर, रिश्वत और पदों के बंटवारे में गड़बड़ी के सबूत शामिल हैं।
West Bengal: पश्चिम बंगाल में स्कूल नौकरी घोटाले (school recruitment scam) की जांच के दौरान केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने तृणमूल कांग्रेस (TMC) के विधायक जीवन कृष्ण साहा के खिलाफ शनिवार को आरोपपत्र (chargesheet) दाखिल किया। अधिकारियों के अनुसार यह आरोपपत्र 80 पृष्ठों का है और इसमें साहा की कथित संलिप्तता के सभी पहलुओं का विवरण शामिल है।
साहा पर लगे आरोप
आरोपपत्र में बताया गया है कि जीवन कृष्ण साहा पश्चिम बंगाल माध्यमिक विद्यालय प्रमाणपत्र (WBSSC) परीक्षा प्रक्रिया में अनियमितताओं में शामिल थे। इसमें प्रश्नपत्रों में हेरफेर, रिश्वतखोरी और पदों के बंटवारे में गड़बड़ी जैसी गंभीर बातें शामिल हैं। ईडी ने बताया कि साहा को इन आरोपों के तहत अगस्त में गिरफ्तार किया गया था।
गिरफ्तारी और कानूनी प्रक्रिया
जीवन कृष्ण साहा की गिरफ्तारी के 60 दिन बाद बैंकशाल अदालत (Bankshall Court) में यह आरोपपत्र दाखिल किया गया। अधिकारियों के अनुसार, आरोपपत्र में सभी महत्वपूर्ण दस्तावेज और जांच के दौरान जुटाई गई साक्ष्य सामग्री शामिल हैं। यह कदम ईडी की जांच प्रक्रिया का महत्वपूर्ण हिस्सा है और अदालत अब इस पर आगे की सुनवाई करेगी।
घोटाले की पृष्ठभूमि
पश्चिम बंगाल स्कूल भर्ती घोटाले ने पिछले कुछ वर्षों में राज्य की शिक्षा व्यवस्था और सरकारी भर्ती प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाए हैं। जांच में सामने आया कि परीक्षा प्रक्रिया में हेरफेर किया गया और कुछ उम्मीदवारों को असामान्य तरीके से नौकरी दिलाई गई। इस मामले ने राजनीतिक हलकों में भी हलचल मचाई है क्योंकि इसमें बड़े स्तर पर राजनीतिक हस्तक्षेप की आशंका जताई जा रही है।
ईडी की जांच की दिशा
प्रवर्तन निदेशालय ने इस घोटाले की जांच के दौरान साहा के बैंक खाते, लेन-देन और अन्य वित्तीय गतिविधियों की जांच की है। एजेंसी का दावा है कि साहा ने परीक्षा प्रक्रिया में अपनी राजनीतिक शक्ति का इस्तेमाल कर अवैध लाभ लिया। आरोपपत्र में यह सबूत भी शामिल हैं जो यह दिखाते हैं कि किस तरह से भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं को अंजाम दिया गया।