विंबलडन महिला डबल्स के फाइनल में दर्शकों को रोमांच और उत्साह से भर देने वाला मुकाबला देखने को मिला। रूस की वेरोनिका और बेल्जियम की एलिस मेर्टेंस की जोड़ी ने ताइवान की हसीह सु-वेई और लातविया की येलेना की अनुभवी जोड़ी को 3-6, 6-2, 6-4 से हराकर खिताब अपने नाम कर लिया।
Wimbledon 2025 Women's Doubles Final: रूस की वेरोनिका कुदेरमेटोवा (Veronika Kudermetova) और बेल्जियम की एलिस मेर्टेंस (Elise Mertens) ने विंबलडन 2025 में महिला डबल्स का खिताब जीतकर इतिहास रच दिया है। दोनों खिलाड़ियों ने शानदार जुझारूपन और दमदार खेल का प्रदर्शन करते हुए ताइवान की हसीह सु-वेई और लातविया की येलेना ओस्टापेंको की मजबूत और अनुभवी जोड़ी को तीन सेट तक चले मुकाबले में हराया।
इस खिताबी जीत के साथ कुदेरमेटोवा के करियर का यह पहला ग्रैंड स्लैम खिताब है, जबकि एलिस मेर्टेंस के करियर की यह पांचवीं ग्रैंड स्लैम डबल्स ट्रॉफी है। एलिस ने विंबलडन में दूसरी बार महिला डबल्स का खिताब अपने नाम किया है।
फाइनल का रोमांच: हार के बाद शानदार वापसी
विंबलडन महिला डबल्स के फाइनल में दर्शकों को बेहद रोमांचक और संघर्षपूर्ण मुकाबला देखने को मिला। फाइनल की शुरुआत कुदेरमेटोवा और मेर्टेंस के लिए अच्छी नहीं रही। पहला सेट उन्होंने 3-6 से गंवा दिया, लेकिन इसके बाद दोनों ने जबरदस्त वापसी की और दूसरा सेट 6-2 से जीतकर मुकाबले को बराबरी पर ला दिया।
निर्णायक तीसरे सेट में भी वे 2-4 से पीछे चल रही थीं, लेकिन वहां से उन्होंने बेहतरीन संयम और धैर्य के साथ खेलते हुए लगातार चार गेम अपने नाम किए और तीसरा सेट 6-4 से जीतकर विंबलडन 2025 महिला डबल्स चैंपियन बन गईं।
कुदेरमेटोवा के लिए खास लम्हा, मेर्टेंस ने रचा नया इतिहास
इस ऐतिहासिक जीत के साथ वेरोनिका कुदेरमेटोवा ने अपने करियर का पहला ग्रैंड स्लैम खिताब जीत लिया। 2021 के विंबलडन फाइनल में हार के बाद यह खिताब उनके लिए और भी खास बन गया। वहीं, एलिस मेर्टेंस के लिए यह उपलब्धि उनके शानदार डबल्स करियर में एक और सुनहरा अध्याय जोड़ती है। इससे पहले मेर्टेंस चार बार ग्रैंड स्लैम डबल्स खिताब जीत चुकी हैं और विंबलडन में यह उनका दूसरा डबल्स खिताब है।
दिलचस्प बात यह रही कि 2021 के फाइनल में ये दोनों खिलाड़ी एक-दूसरे के खिलाफ खेल चुकी थीं, लेकिन इस बार पहली बार साथ में जोड़ी बनाकर खेलीं और चैंपियन बनीं।
हसीह सु-वेई और येलेना ओस्टापेंको का टूटा सपना
दूसरी ओर, हसीह सु-वेई और येलेना ओस्टापेंको की जोड़ी फाइनल में जीत की प्रबल दावेदार मानी जा रही थी। हसीह सु-वेई के विंबलडन में डबल्स में चार खिताब का शानदार रिकॉर्ड है, जिन्हें उन्होंने तीन अलग-अलग जोड़ीदारों के साथ जीता था। वहीं, ओस्टापेंको 2017 में फ्रेंच ओपन सिंगल्स की चैंपियन रह चुकी हैं और उन्होंने 2023 में यूएस ओपन डबल्स खिताब भी अपने नाम किया था।
ओस्टापेंको इस बार अपने करियर का दूसरा बड़ा डबल्स खिताब हासिल करने के इरादे से उतरी थीं, लेकिन फाइनल में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। हालांकि दोनों ने संघर्ष किया, लेकिन निर्णायक क्षणों में कुदेरमेटोवा और मेर्टेंस की जोड़ी ने बेहतर खेल दिखाया।