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Women's Cricket World Cup 2025: ICC ने घोषित की 'टीम ऑफ द टूर्नामेंट', हरमनप्रीत कौर को नहीं मिली जगह

Women's Cricket World Cup 2025: ICC ने घोषित की 'टीम ऑफ द टूर्नामेंट', हरमनप्रीत कौर को नहीं मिली जगह

आईसीसी ने महिला वर्ल्ड कप 2025 के लिए टीम ऑफ द टूर्नामेंट की घोषणा कर दी है। इस सूची में खिताब जीतने वाली भारतीय महिला टीम की तीन खिलाड़ियों को जगह मिली है, जिन्होंने पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया। 

स्पोर्ट्स न्यूज़: आईसीसी (ICC) ने महिला क्रिकेट विश्व कप 2025 की ‘टीम ऑफ द टूर्नामेंट’ (Team of the Tournament) की घोषणा कर दी है। इस चयन में कई नाम उम्मीद के मुताबिक हैं, लेकिन भारतीय टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर को बाहर रखे जाने से क्रिकेट जगत में चर्चा तेज हो गई है। विजेता भारत की ओर से तीन खिलाड़ियों ने इस प्रतिष्ठित सूची में जगह बनाई है, जबकि रनर-अप दक्षिण अफ्रीका की भी तीन खिलाड़ी इस टीम में शामिल हुई हैं। इंग्लैंड की नेट साइवर-ब्रंट को 12वें खिलाड़ी के रूप में चुना गया है।

भारत ने 2 नवंबर 2025 को नवी मुंबई में खेले गए फाइनल मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका को 52 रन से हराकर इतिहास रचते हुए पहली बार महिला वनडे विश्व कप खिताब अपने नाम किया था। इस ऐतिहासिक जीत के बाद आईसीसी द्वारा घोषित यह टीम चर्चा का विषय बन गई है।

भारत की तीन नायिकाएं – मंधाना, जेमिमा और दीप्ति

  • स्मृति मंधाना (भारत): भारतीय ओपनर स्मृति मंधाना टूर्नामेंट में भारत की रन मशीन साबित हुईं। उन्होंने पूरे टूर्नामेंट में 434 रन बनाए, औसत 54 रहा। मंधाना ने न्यूजीलैंड के खिलाफ नवी मुंबई में 109 रनों की शानदार शतकीय पारी खेली थी। उन्होंने एक शतक और दो अर्धशतक के साथ भारत को कई मजबूत शुरुआतें दीं।
  • जेमिमा रोड्रिग्स (भारत): मिडिल ऑर्डर की भरोसेमंद बल्लेबाज जेमिमा रोड्रिग्स ने इस विश्व कप में भारत के लिए कई निर्णायक पारियां खेलीं। उन्होंने कुल 292 रन बनाए, जिसमें एक शतक और एक अर्धशतक शामिल था। सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 127* की नाबाद पारी ने भारत को फाइनल में पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • दीप्ति शर्मा (भारत): ऑलराउंडर दीप्ति शर्मा को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया। उन्होंने बल्ले से 215 रन बनाए (एक शतक, तीन फिफ्टी) और गेंदबाजी में 22 विकेट लेकर टूर्नामेंट की सबसे घातक गेंदबाज साबित हुईं। दीप्ति ने भारत की ऐतिहासिक जीत में निर्णायक योगदान दिया।

दक्षिण अफ्रीका की दमदार तिकड़ी

  • लौरा वोल्वार्ड्ट (साउथ अफ्रीका, कप्तान): साउथ अफ्रीका की कप्तान लौरा वोल्वार्ड्ट ने इस टूर्नामेंट में सर्वाधिक रन बनाए — 571 रन, औसत 71। उनके बल्ले से दो शतक और तीन अर्धशतक निकले। फाइनल में भारत के खिलाफ उन्होंने शानदार 101 रन बनाए, हालांकि उनकी टीम खिताब जीतने से चूक गई।
  • मारिजैन कैप (साउथ अफ्रीका): अनुभवी ऑलराउंडर मारिजैन कैप ने 208 रन बनाए और 12 विकेट हासिल किए। यह उनका पांचवां विश्व कप था, और उन्होंने फाइनल में भी 42 रन की महत्वपूर्ण पारी खेली।
  • नैडिन डी क्लार्क (साउथ अफ्रीका): डी क्लार्क ने बल्ले से 208 रन बनाए और गेंदबाजी में 9 विकेट लिए। उन्होंने कई अहम मौकों पर टीम को संतुलन प्रदान किया और ऑलराउंड प्रदर्शन से प्रभावित किया।

ऑस्ट्रेलिया की दो स्टार्स

  • एश्ले गार्डनर (ऑस्ट्रेलिया): गार्डनर ने टूर्नामेंट में दो शतक और एक अर्धशतक के साथ 328 रन बनाए। साथ ही, गेंद से उन्होंने 7 विकेट झटके। वह इस विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया की सबसे भरोसेमंद ऑलराउंडर रहीं।
  • एनाबेल सदरलैंड (ऑस्ट्रेलिया): एनाबेल सदरलैंड ने 117 रन बनाए और 17 विकेट हासिल किए। उनकी लगातार सटीक गेंदबाजी ने ऑस्ट्रेलिया को कई मैचों में जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई।
  • एलाना किंग (ऑस्ट्रेलिया): एलाना किंग ने टूर्नामेंट का सबसे शानदार गेंदबाजी प्रदर्शन किया — दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 7 विकेट मात्र 18 रन देकर। यह महिला विश्व कप इतिहास का सर्वश्रेष्ठ बॉलिंग फिगर बन गया।

इंग्लैंड और पाकिस्तान की प्रतिनिधि खिलाड़ी

  • सोफी एक्लेस्टोन (इंग्लैंड): इंग्लैंड की स्पिनर सोफी एक्लेस्टोन ने 16 विकेट चटकाए। साउथ अफ्रीका के खिलाफ सेमीफाइनल में उनका प्रदर्शन (4/44) यादगार रहा।
  • सिद्रा नवाज (पाकिस्तान): विकेटकीपर-बल्लेबाज सिद्रा नवाज ने टूर्नामेंट में कुल 8 डिसमिसल किए (4 कैच, 4 स्टंपिंग) और टीम के लिए 62 रन जोड़े। उनकी विकेटकीपिंग तकनीक की सराहना हर ओर हुई।
  • नेट साइवर-ब्रंट (इंग्लैंड, 12वीं खिलाड़ी): इंग्लैंड की ऑलराउंडर नेट साइवर-ब्रंट को 12वें खिलाड़ी के रूप में चुना गया। उन्होंने 262 रन बनाए, जिनमें एक शतक और एक फिफ्टी शामिल थी। वह दुनिया की सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर्स में से एक बार फिर साबित हुईं।

हालांकि भारत ने पहली बार विश्व कप जीता, लेकिन कप्तान हरमनप्रीत कौर को इस टीम में जगह न मिलना सभी को चौंकाता है। उन्होंने पूरे टूर्नामेंट में नेतृत्व के साथ कई अहम पारियां भी खेलीं। क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि कप्तानी में उनकी रणनीति और टीम स्पिरिट को देखते हुए उन्हें जगह मिलनी चाहिए थी।

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