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World Snake Day: जानिए इनका पर्यावरणीय महत्व और  इतिहास

World Snake Day: जानिए इनका पर्यावरणीय महत्व और  इतिहास

साँपों का नाम सुनते ही अक्सर शरीर में सिहरन दौड़ जाती है। फिल्मों, कहानियों और पौराणिक कथाओं ने भी साँपों की छवि को खतरनाक और चालाक प्राणी के रूप में गढ़ा है। लेकिन क्या हम कभी यह सोचते हैं कि ये साँप वास्तव में हमारे पारिस्थितिकी तंत्र के कितने ज़रूरी हिस्से हैं?

हर साल 16 जुलाई को ‘वर्ल्ड स्नेक डे’ यानी ‘विश्व साँप दिवस’ मनाया जाता है, ताकि हम इस अद्भुत जीव के प्रति फैली भ्रांतियों को दूर कर सकें और इसके महत्व को समझ सकें। आइए आज के दिन हम साँपों को एक नए नज़रिए से जानें।

साँपों की दुनिया: जानिए कितनी प्रजातियाँ होती हैं

दुनिया भर में लगभग 3,500 से भी अधिक साँपों की प्रजातियाँ पाई जाती हैं। इनमें से केवल 600 साँप ही ज़हरीले होते हैं और उनमें से भी केवल 200 साँप ही इंसानों के लिए गंभीर खतरा बनते हैं। यानी ज़्यादातर साँप हमारे लिए नुकसानदायक नहीं होते। साँप हर तरह के वातावरण में पाए जाते हैं – चाहे वो घने जंगल हों, रेगिस्तान, समुद्र या फिर बर्फीले इलाके।

साँपों का इतिहास: प्राचीन काल से आज तक

साँपों का ज़िक्र पौराणिक कथाओं से लेकर धर्मग्रंथों में मिलता है। भारत में भगवान शिव के गले में नाग, श्रीविष्णु की शेषनाग शैय्या या फिर भगवान कृष्ण का कालिया नाग पर नृत्य – ये सभी सांपों को सम्मान और रहस्य से जोड़ते हैं। हीं पश्चिमी कथाओं में साँपों को कई बार नकारात्मक भूमिका में दर्शाया गया, जैसे बाइबिल में ईव को सेब देने वाला साँप। लेकिन वास्तविकता इससे बहुत अलग है। साँप लाखों वर्षों से धरती पर मौजूद हैं और डायनासोर के जमाने से इनके पूर्वज जीवित हैं। इनका अस्तित्व आज भी हमें उस प्राचीन समय की याद दिलाता है।

साँप कैसे होते हैं? – व्यवहार, भोजन और रक्षा

  • भोजन: साँप छोटे कीड़े-मकोड़ों, मेंढकों, चूहों, पक्षियों से लेकर बड़े जानवर जैसे हिरण और सूअर तक को खा सकते हैं। वे अपने शिकार को पूरा निगल जाते हैं क्योंकि उनकी जबड़े की हड्डियाँ खुल जाती हैं।
  • व्यवहार: साँप आमतौर पर शांत रहते हैं और तभी आक्रामक होते हैं जब उन्हें खतरा महसूस होता है।
  • रक्षा प्रणाली: वे खुद को बचाने के लिए ज़हरीले दाँत, रंग-बिरंगा शरीर (कैमोफ्लाज), फुफकार या अपनी पूंछ से आवाज़ निकालने जैसी तकनीकों का उपयोग करते हैं।

विश्व साँप दिवस कैसे मनाएं?

  • साँपों से जुड़ी किताबें पढ़ें या डॉक्यूमेंट्री देखें
  • जंगल सफारी या रेस्क्यू सेंटर का दौरा करें
  • बच्चों और परिवार को साँपों के बारे में सिखाएँ
  • सोशल मीडिया पर साँपों के प्रति जागरूकता फैलाएँ
  • साँपों की तस्वीरों की प्रदर्शनी लगाएँ या फोटोग्राफी करें

कुछ प्रसिद्ध साँप जिनके बारे में जानना ज़रूरी है

  • किंग कोबरा: दुनिया का सबसे बड़ा ज़हरीला साँप। भारत में आम तौर पर पाया जाता है।
  • रैटलस्नेक: अमेरिका में पाया जाने वाला यह साँप अपनी पूंछ से आवाज़ करके चेतावनी देता है।
  • रेटिकुलेटेड पाइथन: दुनिया का सबसे लंबा साँप, जो अपने शिकार को दबाकर मारता है।
  • ग्रीन एनाकोंडा: दुनिया का सबसे भारी साँप, जो अमेजन वर्षावनों में पाया जाता है।
  • बारबाडोस थ्रेड स्नेक: यह दुनिया का सबसे छोटा साँप है, जिसकी लंबाई सिर्फ 4 इंच होती है।

साँप और पर्यावरण का रिश्ता

साँप पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते हैं। वे चूहों और अन्य छोटे जीवों की जनसंख्या को नियंत्रित करते हैं, जिससे फसलें सुरक्षित रहती हैं। इसके अलावा, सांपों का जहर कई दवाओं और चिकित्सा अनुसंधानों में काम आता है। लेकिन अफ़सोस की बात है कि वनों की कटाई, जलवायु परिवर्तन और इंसानों की अज्ञानता के कारण कई साँपों की प्रजातियाँ आज खतरे में हैं।

साँप हमारे पर्यावरण का अनमोल हिस्सा हैं। इनसे डरने की जगह हमें इन्हें समझने और संरक्षित करने की जरूरत है। विश्व साँप दिवस हमें यही सिखाता है कि ज्ञान और जागरूकता से हम अंधविश्वास को मिटाकर प्रकृति के इन रहस्यमयी जीवों के साथ सह-अस्तित्व को अपना सकते हैं।

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