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कृषि और ऊर्जा क्षेत्र में सरकार की बड़ी पहल, जानिए क्या है 50 हजार करोड़ का प्लान

कृषि और ऊर्जा क्षेत्र में सरकार की बड़ी पहल, जानिए क्या है 50 हजार करोड़ का प्लान

देश के कृषि और ऊर्जा क्षेत्र को मजबूती देने के लिए केंद्र सरकार ने बुधवार को ऐतिहासिक फैसला लिया है। केंद्र सरकार ने 50 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के बजट के साथ तीन बड़ी योजनाओं को मंजूरी दी है। इसमें सबसे बड़ी योजना प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना (PMDDKY) है, जो खेती-किसानी को नए मुकाम पर ले जाने की दिशा में तैयार की गई है। इसके साथ ही दो बड़ी योजनाएं नवीकरणीय ऊर्जा सेक्टर को लेकर लाई गई हैं, जिनमें एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी और एनएलसी इंडिया रिन्यूएबल्स लिमिटेड को भारी फंडिंग दी जाएगी।

प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना क्या है

प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना को वित्त वर्ष 2025-26 के केंद्रीय बजट में घोषित किया गया था। बुधवार को इस योजना को कैबिनेट से मंजूरी मिल गई। योजना का लक्ष्य 100 चयनित जिलों को कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है। इसके तहत 11 मंत्रालयों की 36 अलग-अलग योजनाओं को एकीकृत कर लागू किया जाएगा। इन जिलों का चयन कृषि उत्पादकता में कमी, फसल घनत्व और क्रेडिट की उपलब्धता जैसे मानकों के आधार पर किया गया है।

हर राज्य से कम से कम एक जिला

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि हर राज्य से कम से कम एक जिला योजना में शामिल किया जाएगा। इसका उद्देश्य स्थानीय स्तर पर कृषि ढांचे को मजबूत करना और किसानों की आमदनी में सुधार लाना है।

छह साल तक हर साल होगा 24,000 करोड़ का खर्च

इस योजना के तहत सरकार अगले छह सालों तक हर साल करीब 24,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी। इससे 1.7 करोड़ से ज्यादा किसानों को सीधे फायदा मिलने की उम्मीद है। योजना का मुख्य फोकस फसल उत्पादन, सिंचाई, भंडारण, कृषि ऋण और टिकाऊ खेती पर रहेगा।

योजना का मकसद क्या है

  • कृषि उत्पादकता को बढ़ाना
  • फसलों में विविधता लाना
  • सिंचाई सुविधाओं का विस्तार
  • कटाई के बाद की सुविधाओं को मजबूत करना
  • किसानों को ऋण की आसान उपलब्धता
  • टिकाऊ खेती को बढ़ावा देना

एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी को मिलेगा 20,000 करोड़ का निवेश

सरकार ने एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (NGEL) को 20,000 करोड़ रुपये के निवेश की मंजूरी दी है। यह कंपनी भारत की सबसे बड़ी पावर प्रोड्यूसर एनटीपीसी की ग्रीन एनर्जी शाखा है। इस निवेश से सोलर, विंड और ग्रीन हाइड्रोजन जैसे रिन्यूएबल प्रोजेक्ट्स को बढ़ावा मिलेगा।

NIRL की मौजूदा स्थिति और लक्ष्य

NIRL वर्तमान में 1,400 मेगावॉट की क्षमता वाले सात प्रोजेक्ट्स का संचालन कर रही है। कंपनी का लक्ष्य 2030 तक 10 गीगावॉट की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल करना है। अब यह कंपनी NLC की स्वतंत्र ग्रीन एनर्जी यूनिट के रूप में काम करेगी।

NGEL की मौजूदा क्षमता और लक्ष्य

फिलहाल NGEL के पास 6 गीगावॉट की ऑपरेशनल क्षमता है और 26 गीगावॉट के प्रोजेक्ट्स पाइपलाइन में हैं। सरकार का लक्ष्य 2032 तक 60 गीगावॉट की क्षमता तक पहुंचना है। यह निवेश एनटीपीसी की ग्रीन एनर्जी में लीडरशिप को और मजबूत करेगा।

NLC इंडिया रिन्यूएबल्स लिमिटेड को मिलेगा 7,000 करोड़

सरकार ने NLC इंडिया लिमिटेड की रिन्यूएबल शाखा NIRL को भी बड़ा फंड देने का फैसला किया है। इसके तहत 7,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। इनमें से 6,263 करोड़ रुपये की परियोजनाएं NIRL में ट्रांसफर की जाएंगी और 700 करोड़ रुपये नए प्रोजेक्ट्स के लिए दिए जाएंगे।

भारत पहले ही पार कर चुका है ग्रीन एनर्जी का 50% लक्ष्य

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी कि भारत ने अपनी कुल स्थापित विद्युत क्षमता में नवीकरणीय स्रोतों की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत से ज्यादा कर ली है। यह लक्ष्य 2030 के लिए तय किया गया था, जिसे देश ने पहले ही हासिल कर लिया है।

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