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यूरोप में डीजल की मांग में उछाल, जानिए भारत ने कैसे बढ़ाई निर्यात गति?

यूरोप में डीजल की मांग में उछाल, जानिए भारत ने कैसे बढ़ाई निर्यात गति?

जनवरी 2026 से ईयू भारतीय रिफाइनरीज पर रूस का तेल खरीदने को लेकर बैन लगाने की तैयारी कर रहा है, जिससे यूरोप ने डीजल खरीद में तेजी बढ़ा दी है। अगस्त में भारत ने रिकॉर्ड 2.42 लाख बैरल डीजल प्रतिदिन यूरोप को निर्यात किया, सालाना 137% और महीने-दर-महीने 73% की बढ़ोतरी दर्ज हुई। यह वृद्धि रिफाइनरी रखरखाव, सर्दियों की मांग और ईयू प्रतिबंध की आशंका के कारण हुई है। 

EU oil ban: भारत का डीजल निर्यात अगस्त 2025 में रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया, जब यूरोप ने जनवरी 2026 से भारतीय रिफाइनरीज पर संभावित बैन के मद्देनजर तेजी से स्टॉक भरना शुरू किया। केप्लर और वोर्टेक्सा के अनुसार भारत ने औसतन 2.42 लाख बैरल प्रतिदिन डीजल यूरोप को भेजा, जो सालाना 137% और जुलाई 2025 की तुलना में 36% ज्यादा है। विशेषज्ञों के अनुसार यह बढ़ोतरी अप्रत्याशित रिफाइनरी रखरखाव और सर्दियों में बढ़ती मांग का नतीजा है, जबकि अमेरिका ने भारत की रूसी तेल खरीद पर आलोचना की है।

केप्लर और वोर्टेक्सा के आंकड़े

वैश्विक डेटा और एनालिटिक्स प्रदाता केप्लर के अनुसार, अगस्त में यूरोप को डीजल निर्यात महीने-दर-महीने 73 प्रतिशत बढ़ा और पिछले 12 महीनों के औसत से 124 प्रतिशत अधिक रहा। ऊर्जा कार्गो ट्रैकर वोर्टेक्सा ने अनुमान लगाया कि अगस्त में भारत का यूरोप को डीजल निर्यात प्रतिदिन 2,28,316 बैरल रहा। यह पिछले साल की तुलना में 166 प्रतिशत और जुलाई की तुलना में 36 प्रतिशत अधिक है। विशेषज्ञों के अनुसार, शिपिंग डेटा ट्रैकर्स के आंकड़े अलग हो सकते हैं लेकिन रुझान स्पष्ट रूप से बढ़ोतरी की ओर है।

निर्यात में तेजी के कारण

एक्सपर्टों का कहना है कि निर्यात में तेजी के पीछे कई कारण हैं। पहला कारण यह है कि एक प्रमुख रिफाइनरी ने अपने रखरखाव को समय से पहले पूरा कर लिया। इसके अलावा सर्दियों में डीजल की बढ़ती मांग और यूरोपीय संघ द्वारा आने वाले बैन की संभावना ने निर्यातकों को आपूर्ति बढ़ाने के लिए प्रेरित किया। विशेषज्ञों का अनुमान है कि 2025 के बाकी समय तक यूरोप में भारतीय डीजल की मांग मजबूत बनी रहेगी।

केप्लर के रिफाइनिंग और मॉडलिंग प्रमुख सुमित रिटोलिया ने कहा कि अगस्त के अंत में विशेष रूप से रॉटरडैम में अप्रत्याशित रिफाइनरी रखरखाव के कारण हुई कमी की भरपाई हो रही है। उन्होंने कहा कि शेल की पर्निस रिफाइनरी ने 2026 में अपने नियोजित रखरखाव को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसके चलते भारतीय डीजल का निर्यात तेजी से बढ़ा।

अमेरिका का आरोप, भारत का जवाब

अमेरिकी वरिष्ठ अधिकारियों ने भारत की रिफाइनरियों पर आरोप लगाया कि उन्होंने रूस से कच्चा तेल खरीदकर रिफाइनिंग के बाद उसे पश्चिमी देशों को बेचकर मुनाफा कमाया। भारत ने इस आरोप को खारिज करते हुए कहा कि अगर पश्चिम को आपत्ति है तो वे भारतीय ईंधन खरीदना बंद कर सकते हैं।

यूरोप में भारत के तेल निर्यात की बढ़ती मांग

विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय निर्यातकों को इस साल यूरोप से लगातार मजबूत मांग देखने को मिलेगी। अक्टूबर और नवंबर में मध्य पूर्वी रिफाइनरियों के रखरखाव में तेजी आने के कारण यूरोपीय खरीदार भारत से तेल उठाव में तेजी ला सकते हैं। इससे फरवरी 2023 में रूस पर लगाए गए प्रतिबंध से पहले यूरोपीय संघ द्वारा किए गए स्टॉकिंग की याद ताजा हो जाएगी।

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