आजकल हार्ट अटैक केवल बुजुर्गों तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि युवाओं में भी इसके मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। यह एक गंभीर चेतावनी है कि हमें अपनी जीवनशैली पर ध्यान देने की आवश्यकता है। हालांकि हार्ट अटैक को पूरी तरह से रोका जा सकता है, इसके लिए यह जरूरी है कि हम इसके कारणों को समझें और उनसे बचने के उपायों को अपनाएं। डॉक्टरों के अनुसार, हार्ट अटैक की बढ़ती घटनाओं के पीछे कुछ प्रमुख कारण हैं। आइए जानते हैं कि युवाओं में हार्ट अटैक के मामलों का कारण क्या है और इसे कैसे रोका जा सकता है।
हार्ट अटैक के बढ़ते मामले और उनके कारण
दिल्ली के फोर्टिस एस्कोर्ट हार्ट इंस्टीट्यूट के चेयरमैन डॉक्टर अशोक सेठ ने युवाओं में हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि हाल के वर्षों में हमारे जीवनशैली में बहुत से हानिकारक बदलाव हुए हैं, जो दिल की बीमारियों को बढ़ावा दे रहे हैं। खासतौर पर, युवाओं में शारीरिक गतिविधियों की कमी, गलत खानपान, और मानसिक तनाव के कारण हार्ट अटैक के मामले बढ़े हैं।
क्यों बढ़ रहे हैं हार्ट अटैक के मामले?
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में, शारीरिक सक्रियता की कमी, अत्यधिक तनाव, और अनहेल्दी खानपान की आदतें युवाओं के दिल की सेहत को खतरे में डाल रही हैं। डॉक्टर अशोक सेठ का कहना है कि आजकल युवाओं में सेंडेंटरी लाइफस्टाइल यानी शारीरिक श्रम की कमी बढ़ गई है। लोग ज्यादा समय बैठे रहते हैं, मसलन, ऑफिस में या फिर घर में। इस स्थिति में, शारीरिक श्रम की कमी से ओबेसिटी यानी मोटापा बढ़ रहा है, जो दिल के लिए हानिकारक है।
इसके अलावा, स्मोकिंग और शराब का सेवन भी युवाओं में बढ़ते हार्ट अटैक के मामलों का प्रमुख कारण हैं। डॉक्टर के अनुसार, तनाव और खराब आहार भी दिल की बीमारियों के कारण बन रहे हैं।
हार्ट अटैक के मुख्य कारण
1. फैमिली हिस्ट्री (परिवार का इतिहास) – अगर आपके परिवार में किसी को हार्ट डिजीज या हार्ट अटैक हो चुका है, तो आपके लिए भी इसका खतरा बढ़ सकता है। यही कारण है कि परिवारों में हार्ट अटैक की समस्या का इतिहास होने वाले व्यक्तियों को सतर्क रहने की जरूरत है।
2. डायबिटीज – यदि आपको डायबिटीज है, तो यह आपकी रक्तवाहिनियों को प्रभावित करता है और दिल की बीमारियों का जोखिम बढ़ाता है।
3. हाइपरटेंशन (हाई ब्लड प्रेशर) – रक्तचाप का बढ़ना भी हार्ट अटैक का एक प्रमुख कारण है। लंबे समय तक उच्च रक्तचाप रहने से रक्तवाहिनियों पर दबाव पड़ता है, जिससे दिल की कार्यक्षमता प्रभावित होती है।
4. हाई कोलेस्ट्रॉल – अगर आपके रक्त में कोलेस्ट्रॉल का स्तर अधिक है, तो यह आपकी रक्तवाहिनियों को संकुचित कर देता है, जिससे रक्त प्रवाह में रुकावट आती है और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ता है।
हार्ट अटैक से बचने के उपाय
अब सवाल यह उठता है कि हम हार्ट अटैक से कैसे बच सकते हैं? डॉक्टर अशोक सेठ का कहना है कि इसका उत्तर बहुत सरल है – शारीरिक गतिविधियों में वृद्धि और स्वस्थ जीवनशैली।
1. वॉकिंग और एक्सरसाइज – हर दिन कुछ समय के लिए पैदल चलने या हल्की-फुलकी एक्सरसाइज करने से आपका दिल स्वस्थ रहता है। यदि आप रोजाना व्यायाम करते हैं, तो आपका रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल और वजन नियंत्रित रहते हैं। इसके साथ ही, यह शारीरिक श्रम आपके दिल को मजबूत बनाता है।
2. स्वस्थ आहार – स्वस्थ आहार आपके दिल के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। आपको ताजे फल, सब्जियां, और ओमेगा-3 फैटी ऐसिड से भरपूर आहार खाना चाहिए। साथ ही, वसा और शक्कर की अधिकता से बचने की कोशिश करें। यह आपको दिल की बीमारियों से बचा सकता है।
3. धूम्रपान और शराब से बचाव – यदि आप स्मोकिंग करते हैं या शराब पीते हैं, तो आपको इन्हें छोड़ने पर विचार करना चाहिए। ये दोनों आदतें दिल के लिए बहुत खतरनाक हैं और हार्ट अटैक के जोखिम को कई गुना बढ़ा देती हैं।
4. स्ट्रेस कम करें – मानसिक तनाव भी हार्ट अटैक का एक बड़ा कारण है। इसलिए, तनाव को कम करने के लिए योग, ध्यान, और आरामदायक गतिविधियों को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। यह न केवल आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा है, बल्कि यह आपके दिल को भी स्वस्थ रखता है।
स्मोकिंग, शराब और मानसिक तनाव से बचाव के उपाय
हमेशा ध्यान रखें कि दिल की बीमारियों को रोकने के लिए व्यायाम और स्वस्थ जीवनशैली का पालन करना बेहद जरूरी है। इसके अलावा, यदि आप मानसिक तनाव से जूझ रहे हैं, तो योग और ध्यान जैसी तकनीकों का अभ्यास करें। इससे आपका मानसिक स्वास्थ्य सुधरेगा और आपके दिल पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
युवाओं में हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों के पीछे जीवनशैली के गलत बदलाव हैं, जिन्हें हम सुधार सकते हैं। सही आहार, शारीरिक सक्रियता, मानसिक शांति, और खराब आदतों से छुटकारा पाकर हम अपनी दिल की सेहत को बेहतर बना सकते हैं।