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RBI का बड़ा फैसला! इंपीरियल अर्बन बैंक का लाइसेंस रद्द, 97% ग्राहकों को मिलेगा पूरा पैसा

RBI का बड़ा फैसला! इंपीरियल अर्बन बैंक का लाइसेंस रद्द, 97% ग्राहकों को मिलेगा पूरा पैसा
अंतिम अपडेट: 8 घंटा पहले

RBI ने इंपीरियल अर्बन कोऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द किया, ग्राहकों को 5 लाख तक की जमा राशि मिल सकेगी। बैंक अब कोई वित्तीय सेवा नहीं प्रदान करेगा।

RBI News: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 24 अप्रैल 2025 को जालंधर स्थित इंपीरियल अर्बन कोऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है। बैंक के पास पर्याप्त पूंजी नहीं होने के कारण और आगे बैंकिंग गतिविधियों के संचालन की कोई संभावना न होने के चलते यह फैसला लिया गया। इसके बाद, बैंक के ग्राहक आशंका में हैं कि उनके जमा किए गए पैसे का क्या होगा।

इंपीरियल अर्बन कोऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द

आरबीआई का कहना है कि बैंक का लाइसेंस रद्द करना ग्राहकों के हित में है, क्योंकि बैंक को वित्तीय मजबूती प्राप्त नहीं थी। केंद्रीय बैंक के अनुसार, बैंक के पास आवश्यक पूंजी नहीं थी, और इसकी कोई संभावना नहीं थी कि यह बैंकिंग गतिविधियां आगे जारी रख सकेगा। इसके बाद, इस बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है।

ग्राहकों के पैसे का क्या होगा?

इंपीरियल अर्बन कोऑपरेटिव बैंक के ग्राहकों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। बैंक के आंकड़ों के अनुसार, लगभग 97.79% ग्राहकों को उनकी पूरी जमा राशि मिल जाएगी।

बैंक की विफलता के बावजूद, ग्राहकों को जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (DICGC) से 5 लाख रुपये तक की बीमित राशि मिल जाएगी।

DICGC की ओर से की गई व्यवस्था

DICGC ने पहले ही बैंक के बीमित जमा राशि में से 5.41 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। इसका मतलब यह है कि यदि आपने बैंक में 5 लाख रुपये तक की जमा राशि रखी है, तो आपको पूरी राशि वापस मिल जाएगी। हालांकि, जिन ग्राहकों ने इससे अधिक राशि जमा की है, उन्हें भुगतान में समस्या आ सकती है, क्योंकि DICGC केवल 5 लाख रुपये तक का बीमा करती है।

बैंक का कारोबार बंद, आगे क्या होगा?

इंपीरियल अर्बन कोऑपरेटिव बैंक का कारोबार 24 अप्रैल 2025 के बाद पूरी तरह से बंद हो गया है। इसका मतलब यह है कि बैंक न तो नई जमा राशि स्वीकार करेगा और न ही किसी के खाते से भुगतान करेगा।

अन्य बैंकों का उदाहरण

आरबीआई ने इस कदम से पहले भी कुछ अन्य बैंकों के लाइसेंस रद्द किए हैं। हाल ही में, दुर्गा को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक, विजयवाड़ा और अन्य बैंकों के लाइसेंस भी इसी कारण से रद्द किए गए थे। इन बैंकों को भी वित्तीय रूप से अस्थिर पाया गया था, जिससे ग्राहकों के लिए यह जरूरी हो गया कि उनकी जमा राशि सुरक्षित नहीं रहेगी।

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