अगले सप्ताह बाजार को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक होंगे भारत के Q2 GDP आंकड़े, ऑटो बिक्री, FII की बिक्री, RBI की मौद्रिक नीति बैठक और निफ्टी का तकनीकी दृष्टिकोण, जो बाजार की दिशा को प्रभावित करेंगे।
Share-Bazaar: भारतीय शेयर बाजारों ने इस सप्ताह लगभग 1% की वृद्धि दर्ज की, जो लगातार दूसरे सप्ताह की बढ़त है। हालांकि, यह वृद्धि मिश्रित संकेतों के बीच आई है। सेंसेक्स और निफ्टी सूचकांक को समर्थन वैश्विक भू-राजनीतिक तनावों में कमी, राज्य चुनावों के सकारात्मक परिणाम और MSCI रिबैलेंसिंग से मिला। हालांकि, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की बिक्री ने बाजार की ऊपर की दिशा को सीमित किया।
बाजार में तेजी की वजह और अनिश्चितता
मेहता इक्विटी के शोध प्रमुख, प्रशांत तपसे ने कहा कि भारतीय बाजार में अब तेज़ उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है, क्योंकि सकारात्मक और नकारात्मक क्षेत्र में तेज़ी से बदलाव हो रहा है। इसका मुख्य कारण मूल्यांकन संबंधी चिंताएं और विदेशी निवेशकों द्वारा लगातार बिकवाली है। हाल की रिकवरी के बावजूद, कोई स्पष्ट प्रवृत्ति दिखाई नहीं दे रही है, क्योंकि ताजे सकारात्मक संकेतों की कमी बनी हुई है। विश्लेषकों का मानना है कि अगले 6-12 महीनों में बाजार साइडवेज़ मूवमेंट में रह सकता है ताकि कमाई (अर्निंग्स) और वैल्यूएशन के बीच मेल बैठ सके।
अगले हफ्ते बाजार को प्रभावित करने वाले प्रमुख 8 फैक्टर
1. Q2 GDP डेटा:
बाजार अगले सप्ताह भारत के Q2 GDP आंकड़ों पर प्रतिक्रिया करेगा। GDP वृद्धि 5.4% रही, जबकि अनुमान 6.5% था। हालांकि यह आंकड़ा अपेक्षाओं से कम था, फिर भी इस धीमी वृद्धि को पहले ही बाजार में शामिल किया जा चुका है। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि यह कमजोर डेटा भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को दरों में कटौती पर विचार करने के लिए प्रेरित कर सकता है।
2. ऑटो बिक्री आंकड़े:
सोमवार को ऑटो कंपनियां अपनी मासिक बिक्री रिपोर्ट जारी करेंगी, और इस बार त्योहारी और शादी के मौसम के चलते उच्च बिक्री की उम्मीद है। अगर बिक्री के आंकड़े उम्मीदों से बेहतर आते हैं तो ऑटो स्टॉक्स पर इसका सकारात्मक असर पड़ सकता है।
3. FII की बिक्री:
कमजोर Q2 इनकम सीज़न के बीच, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने नवंबर में लगभग ₹26,000 करोड़ की बिक्री की, लेकिन अक्टूबर के मुकाबले बिकवाली की गति धीमी पाई गई, जब FIIs ने ₹94,000 करोड़ की बिक्री की थी। डेरिवेटिव्स बाजार में, FIIs ने दिसंबर श्रृंखला की शुरुआत 67% शॉर्ट पोजीशन के साथ की है, जिससे शॉर्ट-कवरिंग रैली की संभावना पैदा हो सकती है। ऐतिहासिक रूप से दिसंबर का महीना बाजार के लिए सकारात्मक साबित हुआ है, जो एक सहायक पृष्ठभूमि प्रदान कर सकता है।
4. RBI की मौद्रिक नीति बैठक:
6 दिसंबर को RBI की नीति बैठक अहम होगी, क्योंकि निवेशक दरों में कटौती की संभावना को लेकर स्पष्टता का इंतजार कर रहे हैं। विशेष रूप से, H1FY25 में वृद्धि में मंदी आने के बावजूद, मुद्रास्फीति पिछले कुछ महीनों में बढ़ी है, जिससे दरों में बदलाव की उम्मीद बढ़ी है।
5. निफ्टी का तकनीकी दृष्टिकोण:
निफ्टी पिछले कुछ दिनों से 24,350 के स्तर के आसपास मजबूत रेजिस्टेंस का सामना कर रहा है, और तुरंत 24,000 और 23,750-800 के स्तरों पर सपोर्ट देखा जा रहा है। यदि निफ्टी 24,350 के स्तर को पार करता है तो और मजबूती की संभावना है, अन्यथा, इस स्तर पर समेकन (कंसॉलिडेशन) जारी रहने की संभावना है।
6. वैश्विक संकेत:
वैश्विक मोर्चे पर, रूस-यूक्रेन स्थिति जैसे भू-राजनीतिक तनावों को लेकर चिंता बनी हुई है। हालांकि, डॉलर इंडेक्स और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड्स में हाल ही में आई गिरावट उभरते बाजारों के लिए सकारात्मक मानी जा रही है, जो भारत के लिए भी अनुकूल हो सकती है।
7. आर्थिक आंकड़े:
अगले सप्ताह बाजार की दिशा पर महत्वपूर्ण घरेलू और वैश्विक आर्थिक आंकड़े प्रभाव डालेंगे। इनमें भारत के निक्की मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज PMI (नवंबर), US के विभिन्न PMI, जॉब डेटा और अन्य महत्वपूर्ण आर्थिक आंकड़े शामिल हैं।
8. क्रूड ऑयल की कीमतें:
ब्रेंट क्रूड की कीमतें पिछले सप्ताह 4% गिर गईं, जिससे मध्य पूर्व में तनावों में कमी की उम्मीद बढ़ी है। तेल की कीमतों में गिरावट भारतीय कंपनियों के परिचालन लाभ को अगले कुछ महीनों में बेहतर बनाने में मदद कर सकती है।
निवेश से संबंधित सलाह
(इस लेख में निवेश विशेषज्ञों और ब्रोकिंग कंपनियों द्वारा दी गई जानकारी है, जो subkuz.com का प्रतिनिधित्व नहीं करती। निवेश से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से पहले सर्टीफाइड एक्सपर्ट से सलाह लें।)