SIP और लंपसम निवेश के बीच चयन निवेशक की वित्तीय स्थिति और लक्ष्यों पर निर्भर करता है। SIP लंबी अवधि में बेहतर है क्योंकि यह बाजार के उतार-चढ़ाव का लाभ उठाता है, जबकि लंपसम एकमुश्त बड़ा निवेश देता है।
SIP vs Lump Sum: म्यूचुअल फंड में निवेश को लेकर रिटेल निवेशकों का उत्साह बरकरार है, और खासकर सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए निवेशकों ने पिछले कुछ समय में अच्छा पैसा निवेश किया है। दिसंबर 2024 में SIP के जरिए रिकॉर्ड 26,459.5 करोड़ रुपये का निवेश दर्ज किया गया है, जो SIP की बढ़ती लोकप्रियता को दर्शाता है। अब सवाल उठता है कि म्यूचुअल फंड में लंबी अवधि के लिए SIP करना बेहतर है या एकमुश्त (लंपसम) निवेश करना?
SIP क्यों है लंबी अवधि के लिए बेहतर विकल्प?
विशेषज्ञों का मानना है कि SIP लंबी अवधि के निवेश के लिए सबसे बेहतर विकल्प हो सकता है। बीपीएन फिनकैप के डायरेक्टर एके निगम के मुताबिक, SIP का सबसे बड़ा फायदा रुपी कॉस्ट एवरेजिंग है, जो निवेशकों को बाजार के उतार-चढ़ाव का फायदा उठाने का अवसर देता है। जब बाजार गिरता है, तो निवेशक अधिक यूनिट्स खरीद सकते हैं, और जब बाजार बढ़ता है, तो इन यूनिट्स की वैल्यू भी बढ़ जाती है। इसके अलावा, SIP के जरिए निवेशक कंपाउंडिंग का फायदा भी उठाते हैं, जिससे लंबी अवधि में निवेश कई गुना बढ़ सकता है।
SIP का अनुशासन और फ्लेक्सिबिलिटी
SIP का एक और बड़ा फायदा यह है कि यह निवेश को अनुशासित और आसान बनाता है। हर महीने तय राशि बैंक से कट जाती है, जिससे निवेशकों को यह चिंता नहीं रहती कि कब और कितना निवेश करना है। इसके साथ ही, SIP फ्लेक्सिबल भी है, यानी निवेशक अपनी जरूरत और बजट के अनुसार राशि बढ़ा सकते हैं।
SIP को मैनेज करने के टिप्स
SIP को सही तरीके से मैनेज करना जरूरी है, ताकि निवेशक अपने वित्तीय लक्ष्यों को आसानी से हासिल कर सकें। एके निगम के मुताबिक, SIP का नियमित रूप से समीक्षा करना जरूरी है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि निवेश सही दिशा में हो रहा है। साथ ही, SIP के तहत राशि बढ़ाने से निवेशक अपने लक्ष्य को जल्दी प्राप्त कर सकते हैं। निगम ने यह भी कहा कि निवेश को डाइवर्सिफाई करने से जोखिम को कम किया जा सकता है, और SIP को वित्तीय लक्ष्यों से जोड़ने से यह और प्रभावी हो सकता है।
SIP में निवेश कौन करें?
Personal CFO कंसल्टेंट्स के सीईओ सुशील जैन का मानना है कि SIP उन निवेशकों के लिए बेहतर विकल्प है जिनके पास एकमुश्त पैसा नहीं है, लेकिन वे भविष्य में बड़ा फंड बनाना चाहते हैं। जिनकी रेगुलर इनकम है और जो उस आय से एक निश्चित हिस्सा बचाकर नियमित अंतराल पर निवेश करने के लिए तैयार हैं, उनके लिए SIP एक बेहतर ऑप्शन हो सकता है।
SIP और लंपसम निवेश के रिटर्न की तुलना
मान लीजिए, अगर आप 10,000 रुपये का मंथली SIP शुरू करते हैं और 10 साल तक इसमें निवेश करते हैं, तो अनुमानित 12% वार्षिक रिटर्न पर आपका कुल निवेश 23,23,391 रुपये होगा, जिसमें 11,23,391 रुपये का अनुमानित रिटर्न शामिल होगा। वहीं, अगर आपके पास 12 लाख रुपये हैं और आप उसे एकमुश्त लंपसम निवेश के रूप में म्यूचुअल फंड की इक्विटी स्कीम में निवेश करते हैं, तो आपका कुल कोर्पस 37,27,018 रुपये का होगा, जिसमें 25,27,018 रुपये का अनुमानित रिटर्न होगा।
SIP और लंपसम में कौन सा तरीका है बेहतर?
SIP और लंपसम दोनों निवेश के अपने फायदे हैं, लेकिन कंपाउंडिंग का फायदा और बाजार के उतार-चढ़ाव का फायदा उठाने के कारण SIP लंबी अवधि में बेहतर विकल्प हो सकता है। हालांकि, एकमुश्त निवेश में तुरंत बड़ा फंड बनाने का अवसर मिलता है, परंतु दोनों तरीकों में निवेश करते समय बाजार के उतार-चढ़ाव को ध्यान में रखना जरूरी है।