स्पेशलाइज्ड इन्वेस्टमेंट फंड (SIF) एक नया एसेट क्लास है, जो म्यूचुअल फंड और PMS के बीच आता है। इसमें 10 लाख रुपये न्यूनतम निवेश और 25% तक संभावित रिटर्न मिलता है।
SIF vs Mutual Funds: भारतीय बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने पिछले साल स्पेशलाइज्ड इन्वेस्टमेंट फंड (SIF) को मंजूरी दी थी। यह उन निवेशकों के लिए डिजाइन किया गया है जो उच्च जोखिम उठा सकते हैं और एडवांस इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजी (Advanced Investment Strategy) का लाभ लेना चाहते हैं। SIF म्यूचुअल फंड और पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज (PMS) के बीच का एक विकल्प है, जो निवेशकों को अधिक विविध और रणनीतिक निवेश विकल्प प्रदान करता है।
SIF और म्यूचुअल फंड में अंतर
SIF की इन्वेस्टमेंट रणनीति और एप्रोच पारंपरिक म्यूचुअल फंड्स से अलग होती है। इसमें निवेशकों को अनुमानित 25% तक का रिटर्न मिल सकता है, हालांकि यह पूरी तरह से बाजार की स्थितियों पर निर्भर करता है। इसके अलावा, SIF में न्यूनतम निवेश राशि 10 लाख रुपये निर्धारित की गई है, जबकि म्यूचुअल फंड्स में निवेश सिर्फ 100 रुपये से भी शुरू किया जा सकता है।
वहीं, PMS में न्यूनतम निवेश 50 लाख रुपये और अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड्स (AIF) में 1 करोड़ रुपये तक होता है। इस प्रकार, SIF उन निवेशकों के लिए एक बेहतर विकल्प बन सकता है जो PMS से कम लेकिन म्यूचुअल फंड्स से अधिक निवेश करना चाहते हैं।
सेबी ने क्यों किया SIF को पेश?
सेबी ने महसूस किया कि निवेशकों के पास म्यूचुअल फंड्स और PMS के बीच कोई उपयुक्त निवेश विकल्प नहीं था। अधिकांश निवेशक या तो कम निवेश वाले म्यूचुअल फंड्स चुनते थे या अधिक जोखिम वाले PMS और AIF में निवेश करने को मजबूर होते थे। इस कमी को पूरा करने के लिए SIF को पेश किया गया, ताकि निवेशकों को मध्यम स्तर का एक नया विकल्प मिल सके।
SIF के तहत उपलब्ध फंड्स के विकल्प
SIF में निवेशकों को तीन प्रकार के फंड्स की सुविधा दी जाती है:
शॉर्ट फंड: इसमें 80% तक निवेश इक्विटी में और 25% तक शॉर्ट पोजीशन में किया जा सकता है। यह फंड उन निवेशकों के लिए है जो अल्पकालिक रणनीति अपनाना चाहते हैं।
एक्स-टॉप 100 लॉन्ग-शॉर्ट फंड: इस फंड के तहत निवेशकों का 65% पैसा टॉप 100 कंपनियों के बाहर की कंपनियों में लगाया जाता है, जबकि 25% तक शॉर्ट पोजीशन ली जाती है।
सेक्टर रोटेशन लॉन्ग-शॉर्ट फंड: इस फंड के तहत निवेशकों का पैसा चार प्रमुख सेक्टर्स में लगाया जाता है। इसमें भी 80% तक का निवेश संभव है, जबकि 25% तक शॉर्ट पोजीशन का विकल्प मिलता है।
SIF क्यों हो सकता है एक बेहतर विकल्प?
उच्च रिटर्न की संभावना: यह फंड म्यूचुअल फंड्स से ज्यादा और PMS से कम जोखिम वाला विकल्प प्रदान करता है।
एडवांस इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजी: इसमें निवेशकों को शॉर्ट सेलिंग, सेक्टर-विशेष रणनीति और लॉन्ग-शॉर्ट पोजीशन का लाभ मिलता है।
मध्यम निवेश सीमा: यह उन निवेशकों के लिए बेहतर विकल्प है जो 10 लाख रुपये तक का निवेश करने के इच्छुक हैं।