रूस से सस्ता तेल खरीदने पर भारत का कदम, हरदीप सिंह पुरी ने आलोचकों को दिया करारा जवाब, जानें पूरी जानकारी

रूस से सस्ता तेल खरीदने पर भारत का कदम, हरदीप सिंह पुरी ने आलोचकों को दिया करारा जवाब, जानें पूरी जानकारी
Last Updated: 08 नवंबर 2024

केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि हम उन सभी से ऊर्जा खरीदारी करते रहेंगे, जो हमारी कंपनियों को सबसे कम दरें प्रदान कर रहे हैं। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व क्षमता पर विश्वास का प्रतीक है।

भारत ने रूस से तेल खरीदकर वैश्विक स्तर पर एक महत्वपूर्ण योगदान दिया है, ऐसा केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट के माध्यम से अपनी बात रखी। पुरी ने उल्लेख किया, भारत ने रूस से तेल खरीदकर पूरी दुनिया का भला किया है। यदि हमने ऐसा नहीं किया होता, तो वैश्विक तेल कीमतें 200 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकती थीं।

इस बयान के जरिए उन्होंने उन आलोचकों को प्रभावी उत्तर दिया है जो भारत द्वारा सस्ते रूसी तेल की खरीदारी की आलोचना कर रहे हैं। उन्होंने अपनी पोस्ट में एक वीडियो भी साझा किया, जिसमें वे एक इंटरव्यू देते हुए देखे जा रहे हैं।

रूसी तेल पर नहीं था कोई प्रतिबंध

केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया कि रूसी तेल पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया था, बल्कि इसके लिए एक प्राइस कैप लागू किया गया था। उन्होंने यह भी बताया कि भारतीय संस्थाओं ने इस प्राइस कैप का पालन किया है।

पुरी ने कहा, कुछ अज्ञानी टिप्पणीकारों ने भारत पर रूसी तेल खरीदने के लिए प्रतिबंध लगाने का आरोप लगाया था, जबकि कई यूरोपीय और एशियाई देशों ने भी रूस से अरबों डॉलर का कच्चा तेल, डीजल, एलएनजी और अन्य महत्वपूर्ण खनिज खरीदे हैं।

जो सस्ती एनर्जी देगा, उससे खरीदेंगे

पुरी पुरी ने कहा कि हम उन सभी से एनर्जी खरीदने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो हमारी कंपनियों को सबसे कम कीमत पर ऑफर कर रहे हैं। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व क्षमता पर हमारा विश्वास है। उन्होंने आगे कहा, 'हम अपने 7 करोड़ नागरिकों के लिए एनर्जी की स्थायी उपलब्धता, सस्ती कीमत और टिकाऊपन सुनिश्चित करेंगे, जो रोज़ पेट्रोल पंप पर जाते हैं। यह हमारी प्रमुख प्राथमिकता है।'

भारत में घटे दाम

हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि भारत एकमात्र ऐसा बड़ा तेल उपभोक्ता है, जहाँ पिछले 3 वर्षों में तेल की कीमतों में महत्वपूर्ण गिरावट देखी गई है, जबकि अन्य देशों में कीमतें आसमान छू रही हैं। दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता भारत, अपनी 80% से अधिक तेल की जरूरतों के लिए आयात पर निर्भर है। शुक्रवार को, क्रूड ऑयल WTI फ्यूचर्स 71.87 डॉलर प्रति बैरल और ब्रेंट क्रूड 75.19 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर ट्रेड करते नजर आए।

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