महानगर गैस लिमिटेड (MGL) ने महाराष्ट्र में सीएनजी की कीमतों में 2 रुपये प्रति किलोग्राम की बढ़ोतरी का ऐलान किया है। अब सीएनजी की कीमत 75 रुपये से बढ़कर 77 रुपये प्रति किलोग्राम हो जाएगी। हालांकि, पाइपलाइन गैस की कीमत में कोई बदलाव नहीं किया गया है और यह पहले की तरह 48 रुपये प्रति यूनिट पर बनी रहेगी।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणामों के बाद एक और अहम आर्थिक खबर सामने आई है। महानगर गैस लिमिटेड (MGL) ने सीएनजी की कीमतों में 2 रुपये प्रति किलोग्राम की बढ़ोतरी का ऐलान किया है। इसके बाद, अब मुंबई और आसपास के क्षेत्रों में सीएनजी की कीमत 75 रुपये से बढ़कर 77 रुपये प्रति किलोग्राम हो जाएगी। हालांकि, पाइपलाइन गैस के दाम में कोई बदलाव नहीं किया गया है और यह पहले की तरह 48 रुपये प्रति यूनिट पर मिलेगा।
यह बढ़ोतरी पंपों पर लागू होगी और इसका सीधा असर उन लोगों पर पड़ेगा जो सीएनजी का इस्तेमाल अपने वाहनों के लिए करते हैं। मुंबई मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र में जहां ऑटो, टैक्सी और बस जैसे पब्लिक ट्रांसपोर्ट सीएनजी का इस्तेमाल करते हैं, इस कीमत बढ़ोतरी के बाद किराए में इजाफे की संभावना जताई जा रही है।
ऑटो किराया भी बढ़ाने की मांग
मुंबई मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र में एक बड़ी संख्या में ऑटो रिक्शा और टैक्सी सीएनजी का इस्तेमाल करती हैं, और सीएनजी की कीमतों में बढ़ोतरी के बाद, इन वाहनों के किराए में भी वृद्धि की संभावना है। मुंबई रिक्शा मेंस यूनियन के नेता थम्पी कुरीन ने इस बढ़ोतरी के बाद किराए में कम से कम 2 रुपये की बढ़ोतरी की मांग की है। उनका कहना है कि, "हमने पहले सरकार के लीविंग इंडेक्स के आधार पर, फ्यूल, मेंटनेंस और अन्य खर्चों पर विचार किया है। सीएनजी के दाम बढ़ने के बाद हमें मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र में ऑटो रिक्शा के किराए में भी 2 रुपये की बढ़ोतरी करने की मांग करनी चाहिए। सरकार के इस हाइक कैलकुलेशन फॉर्मूले के अनुसार, इस क्षेत्र में ऑटो किराया एक किलोमीटर के लिए 2.50 रुपये तक बढ़ सकता है।"
MGL की ओर से दी गई जानकारी
महानगर गैस लिमिटेड (MGL) ने सीएनजी की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर बयान जारी करते हुए बताया कि घरेलू गैस की कमी को पूरा करने के लिए कंपनी अतिरिक्त बाजार मूल्य पर नेचुरल गैस खरीद रही है, जिससे गैस पर लागत बढ़ गई है। एमजीएल के एक सीनियर अधिकारी के अनुसार, सीएनजी की कीमतों में यह बढ़ोतरी गैस की लागत में हुई वृद्धि को संतुलित करने के लिए की गई है।
यह कदम उस स्थिति में उठाया गया है जब गैस की बढ़ती कीमतों के चलते कंपनी के लिए लागत को पूरा करना चुनौतीपूर्ण हो गया था। इस वृद्धि के बाद, MGL के लिए लागत की भरपाई हो सकेगी और यह कदम ग्राहकों पर सीधे असर डालने वाला है, विशेष रूप से उन उपयोगकर्ताओं पर जो सीएनजी का नियमित रूप से उपयोग करते हैं।