दिवाली पर मिला बोनस या गिफ्ट? खुश होने से पहले जानिए ये दिल को दुखाने वाली सचाई

दिवाली पर मिला बोनस या गिफ्ट? खुश होने से पहले जानिए ये दिल को दुखाने वाली सचाई
Last Updated: 2 दिन पहले

दिवाली बोनस पर कर अगर आपको दिवाली के अवसर पर आपकी कंपनी से बोनस या उपहार मिला है, तो यह आयकर के दायरे में आ सकता है। आयकर के नियमों के अनुसार, केवल एक निश्चित राशि तक का उपहार आयकर मुक्त होता है। इसके विपरीत, यदि आपको बोनस मिला है, तो यह पूरी राशि आयकर के अंतर्गत आएगी।

नई दिल्ली: दिवाली पर कई कंपनियां अपने कर्मचारियों को बोनस के रूप में अच्छी-खासी रकम देती हैं, जबकि कुछ गाड़ी, फ्लैट आदि जैसे उपहार भी देती हैं।

क्या आपको पता है कि ये बोनस और गिफ्ट भी इनकम टैक्स के दायरे में आते हैं? यह जानकर शायद आपको थोड़ा झटका लगे। किसी भी कंपनी द्वारा अपने कर्मचारियों को दिवाली या अन्य विशेष अवसरों पर दिए गए बोनस या गिफ्ट पर कर्मचारी को इनकम टैक्स चुकाना पड़ सकता है। हालांकि, अच्छी खबर यह है कि हर बोनस या गिफ्ट टैक्स के दायरे में नहीं आता; इसके लिए कुछ नियम बनाए गए हैं।

हर अवसर पर मिलने वाला गिफ्ट भी टैक्स के दायरे में

यह जरूरी नहीं है कि सिर्फ दिवाली पर कंपनी की ओर से दिया जाने वाला बोनस या गिफ्ट ही इनकम टैक्स के दायरे में आए। इकनॉमिक टाइम्स के अनुसार, अगर आपको जन्मदिन, शादी की सालगिरह या किसी अन्य विशेष मौके पर भी कोई गिफ्ट मिलता है, तो वह भी इनकम टैक्स के दायरे में आ सकता है।

अगर कंपनी की ओर से आपको गिफ्ट कार्ड, कंपनी के प्रोडक्ट, वाउचर या प्रीपेड कार्ड मिलते हैं, तो उनके लिए भी टैक्स का भुगतान करना पड़ सकता है।

कितनी मिलती है छूट?

इनकम टैक्स के नियमों के अनुसार, एक वित्तीय वर्ष में एक निश्चित राशि तक के उपहार आदि टैक्स फ्री होते हैं। यह राशि 4999 रुपये है। यदि किसी व्यक्ति को किसी कंपनी या अन्य स्रोत से (जन्मदिन, शादी, वर्षगांठ आदि) एक वित्तीय वर्ष में 4999 रुपये से अधिक के उपहार प्राप्त हुए हैं, तो उसे इनकम टैक्स चुकाना होगा।

यदि किसी कर्मचारी को उपहार के अतिरिक्त ई-वाउचर, गिफ्ट कार्ड, प्रीपेड कार्ड आदि प्राप्त होते हैं, तो इनकी सीमा भी 4999 रुपये ही होती है। इस सीमा से अधिक की राशि पर इनकम टैक्स का भुगतान करना आवश्यक है।

...तो संपूर्ण राशि पर लागू होगा टैक्स

जैसा कि बताया गया है, कंपनी की ओर से मिले गिफ्ट में एक वित्तीय वर्ष में 4999 रुपये तक के गिफ्ट इनकम टैक्स के दायरे में नहीं आते। लेकिन यदि आपको 5000 रुपये या उससे अधिक के गिफ्ट मिलते हैं, तो पूरी रकम पर टैक्स लगेगा।

मान लीजिए, किसी व्यक्ति को एक वित्तीय वर्ष में 4000 रुपये और 3000 रुपये का गिफ्ट मिला है। दोनों गिफ्ट की अलग-अलग कीमत 4999 रुपये से कम है, लेकिन उनकी कुल कीमत 7000 रुपये है, जो 4999 रुपये से अधिक है। ऐसे में, पूरे 7000 रुपये के गिफ्ट पर इनकम टैक्स देना होगा।

1 रुपये का भी बोनस पड़ेगा भारी

यदि कंपनी की ओर से आपको गिफ्ट के रूप में बोनस प्राप्त हुआ है, तो यह पूरी तरह से आयकर के दायरे में आता है। इस पर कोई छूट नहीं मिलती। बोनस के रूप में मिली राशि को नियमित वेतन के रूप में माना जाता है, जिससे यह आयकर योग्य हो जाती है।

यहां तक कि यदि दिवाली के अवसर पर आपको एक रुपये का भी नकद गिफ्ट मिलता है, तो वह भी आयकर के दायरे में शामिल होगा।

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