PMAY: मोदी सरकार का ऐतिहासिक कदम, महिलाओं को मिलेगा पीएम आवास योजना में घर का पूरा मालिकाना हक

PMAY: मोदी सरकार का ऐतिहासिक कदम, महिलाओं को मिलेगा पीएम आवास योजना में घर का पूरा मालिकाना हक
Last Updated: 17 घंटा पहले

PMAY-G: वर्तमान में, प्रधान मंत्री आवास योजना (ग्रामीण क्षेत्र) में बने 74 प्रतिशत घरों का स्वामित्व महिलाओं के पास व्यक्तिगत या संयुक्त रूप से है।

प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-G) के तहत केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिसमें ग्रामीण इलाकों में रहने वाली महिलाओं को घर का 100 फीसदी मालिकाना हक दिया जाएगा। यह कदम महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक और बड़ा प्रयास है। योजना के दूसरे चरण के तहत अब रजिस्टर्ड मकानों के स्वामित्व का रजिस्ट्रेशन लाभार्थी परिवारों की महिला सदस्य के नाम पर किया जाएगा।

इस नई पहल के साथ सरकार ने आवास-प्लस 2024 सर्वे की शुरुआत की है, जो लाभार्थियों को अपडेटेड मानदंडों के तहत सर्वेक्षण से गुजरने की अनुमति देगा। इस सर्वे के माध्यम से पहली बार योजना में एनरोलमेंट के इच्छुक लोगों को 'सेल्फ सर्वे' की सुविधा भी दी जाएगी, जिससे वे अपनी पात्रता का खुद आंकलन कर सकेंगे।

केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत 2 करोड़ घरों के निर्माण को मंजूरी दी थी, और अब इसके दूसरे चरण के लिए तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।

मौजूदा पहले चरण में महिलाओं की भागीदारी

प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-G) के पहले चरण में महिलाओं की भागीदारी महत्वपूर्ण रही है। वर्तमान में इस योजना के तहत बनाए जा रहे घरों में 74 फीसदी घरों का मालिकाना हक महिलाओं के पास है, जो या तो अकेले या संयुक्त रूप से है। यह संख्या इस बात का संकेत है कि सरकार ने ग्रामीण इलाकों में महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और उन्हें घरों के मालिकाना हक में भागीदार बनाने के लिए ठोस कदम उठाए हैं। अब दूसरे चरण में इस पहल को और भी मजबूत किया जाएगा, जिसमें महिलाओं को 100 फीसदी घरों का मालिकाना हक देने का लक्ष्य रखा गया है।

क्या होगा दूसरे चरण में खास

प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-G) के दूसरे चरण में कई महत्वपूर्ण बदलाव और नई सुविधाएं पेश की जाएंगी।

फेस रिकॉग्निशन तकनीक का इस्तेमाल: इस बार पारदर्शिता बनाए रखने के लिए सर्वेक्षण में चेहरे की पहचान (फेस रिकॉग्निशन) तकनीक का उपयोग किया जाएगा। इससे न केवल सर्वेक्षण करने वालों को सही तरीके से पहचानने में मदद मिलेगी, बल्कि लाभार्थियों की पहचान भी सही तरीके से सुनिश्चित होगी।

पात्रता के क्राइटेरिया में ढील: दूसरे चरण में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के पात्रता के मानदंडों में कुछ बदलाव किए गए हैं। कुछ लिमिटेशन को हटा दिया गया है, जिससे और अधिक लोगों को योजना का लाभ मिल सकेगा।

'आवास प्लस ऐप' का उपयोग: इस बार नए सर्वेक्षण के लिए 'आवास प्लस ऐप' का इस्तेमाल किया जाएगा। इस ऐप के जरिए लाभार्थियों का सर्वेक्षण और डेटा संकलन किया जाएगा, जिससे प्रक्रिया और भी आसान और पारदर्शी हो सकेगी।

प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के दूसरे चरण के लिए टाइमलाइन

देश के कई राज्यों को 30 नवंबर तक आवास-प्लस 2024 सर्वेक्षण पूरा करने और 31 दिसंबर तक योग्य परिवारों के लिए घरों को मंजूरी देने का निर्देश दिया गया है। इन घरों का निर्माण एक साल के भीतर पूरा होने की उम्मीद है।

ग्रामीण विकास मंत्रालय के अनुसार, 2016 में योजना की शुरूआत के बाद से पीएमएवाई-जी के तहत 2.67 करोड़ घरों का निर्माण किया जा चुका है। वहीं, इंदिरा गांधी आवास योजना के तहत लगभग 77 लाख पेंडिंग घरों का निर्माण भी पूरा किया जा चुका है। पीएमएवाई-जी 2016 में शुरू की गई थी और इसका लक्ष्य पांच सालों में 2.95 करोड़ पक्के मकानों का निर्माण करना था।

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