भारतीय शेयर बाजार में आज एक बड़ी गिरावट देखने को मिली, जिससे निवेशकों के लाखों करोड़ रुपये डूब गए। बीएसई सेंसेक्स 1390.41 अंक टूटकर 76,024.51 अंक पर बंद हुआ, जबकि एनएसई निफ्टी भी 353.65 अंक लुड़ककर 23,165.70 अंक पर बंद हुआ। बाजार में लगातार बिकवाली का माहौल रहा और निवेशकों के मार्केट कैप में भारी गिरावट आई।
बिज़नेस न्यूज़: भारतीय शेयर बाजार में आज फिर से भारी गिरावट देखने को मिली, जिसके चलते निवेशकों के अरबों रुपये डूब गए। बीएसई सेंसेक्स 1,390.41 अंक टूटकर 76,024.51 अंक पर बंद हुआ, जबकि एनएसई निफ्टी भी 353.65 अंक गिरकर 23,165.70 अंक पर बंद हुआ। बाजार में चौतरफा बिकवाली का माहौल था, जिससे निवेशकों को भारी नुकसान हुआ।
28 मार्च को जब बाजार बंद हुआ था, तो बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप 4,12,87,646 करोड़ रुपये था। लेकिन आज की बिकवाली में यह घटकर 4,09,64,821.65 लाख करोड़ रुपये रह गया। इस गिरावट के कारण निवेशकों के 3.49 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
गिरावट के प्रमुख कारण
1. ट्रंप का टैरिफ बढ़ाने का डर
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत समेत कई देशों पर 2 अप्रैल से टैरिफ बढ़ाने की घोषणा ने निवेशकों के बीच डर पैदा कर दिया है। इससे विदेशी बाजारों में भी तनाव बढ़ा है, और इसका असर भारतीय शेयर बाजार पर भी पड़ा है। निवेशक इस फैसले से होने वाले आर्थिक प्रभाव को लेकर चिंतित हैं।
2. आईटी सेक्टर पर दबाव
अमेरिकी बाजार पर निर्भर भारतीय आईटी कंपनियों के शेयरों में आज 1.8% की गिरावट आई। टैरिफ बढ़ने से आर्थिक सुस्ती और कमजोर मांग की आशंका ने इस सेक्टर को प्रभावित किया है। मार्च तिमाही में पहले ही इस सेक्टर में 15% की गिरावट आई थी, जिससे आज बाजार में और अधिक दबाव देखा गया।
3. तेल की कीमतों में उछाल
कच्चे तेल की कीमतों में लगातार वृद्धि हो रही है, जो आर्थिक दबाव को बढ़ा रही है। ब्रेंट क्रूड की कीमतें 74.67 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गईं, जबकि यू.एस. वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) 71.37 डॉलर पर कारोबार कर रहा था। तेल की कीमतों में वृद्धि से महंगाई और वित्तीय घाटे की चिंताएं भी बढ़ गई हैं, जो बाजार में नकारात्मक प्रभाव डाल रही हैं।
4. रैली के बाद मुनाफावसूली
हाल ही में निफ्टी और सेंसेक्स ने लगभग 5.4% की बढ़त हासिल की थी, जिससे निवेशकों के बीच सकारात्मक माहौल था। लेकिन अब, इस रैली के बाद निवेशक मुनाफावसूली कर रहे हैं, जिससे बड़े शेयरों में बिकवाली का दबाव बढ़ गया है। मूल्यांकन में तेज वृद्धि ने कुछ व्यापारियों को सतर्क कर दिया है, और इस कारण बाजार में गिरावट आई।