Vishwakarma Puja 2024: भगवान विश्वकर्मा कौन थे? जिन्हें कहा जाता है ब्रह्मांड का दिव्य वास्तुकार

Vishwakarma Puja 2024: भगवान विश्वकर्मा कौन थे? जिन्हें कहा जाता है ब्रह्मांड का दिव्य वास्तुकार
Last Updated: 2 दिन पहले

विश्वकर्मा जयंती सनातन धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो निर्माण, शिल्प और औद्योगिक कार्यों के देवता भगवान विश्वकर्मा को समर्पित है। इस दिन भगवान विश्वकर्मा की पूजा विधिपूर्वक की जाती है, साथ ही औजारों और मशीनों का भी पूजन होता है, क्योंकि इन्हें उनके कार्यों से जोड़ा जाता है। आइए विस्तार से जानते हैं भगवान विश्वकर्मा और इस पर्व के बारे में-

Vishwakarma 2024: हर वर्ष विश्वकर्मा जयंती का उत्सव कन्या संक्रांति के दिन मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि भगवान विश्वकर्मा का अवतरण इसी दिन हुआ था, इसलिए इसे विश्वकर्मा जयंती (Vishwakarma Puja 2024) के रूप में मनाने की परंपरा है। भगवान विश्वकर्मा को सृष्टि के पहले शिल्पकार के रूप में सम्मानित किया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन यदि श्रद्धापूर्वक भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जाए, तो भक्त को अपने कार्यक्षेत्र में रही बाधाओं से मुक्ति मिलती है और आर्थिक विकास का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

भगवान विश्वकर्मा कौन हैं?

भगवान विश्वकर्मा को स्वर्ग लोक, पुष्पक विमान और कुबेरपुरी जैसे सभी देवताओं के नगरों का निर्माता माना जाता है। उन्हें सृष्टि के रचयिता भगवान ब्रह्मा की सातवीं संतान के रूप में माना जाता है। कुछ धार्मिक ग्रंथों में भगवान विश्वकर्मा को महादेव का अवतार भी कहा गया है।

मान्यता के अनुसार, विश्वकर्मा जी ने भगवान श्रीकृष्ण के लिए द्वारका नगरी का निर्माण किया था और उन्होंने सोने की लंका का भी निर्माण किया था। इसके साथ ही, भगवान विश्वकर्मा ने जगत के पालनहार भगवान विष्णु के लिए सुदर्शन चक्र, यमराज का कालदंड, पुष्पक विमान और महादेव का त्रिशूल सहित कई प्रकार के अस्त्र-शस्त्र का निर्माण किया।

विश्वकर्मा पूजा का धार्मिक महत्व

विश्वकर्मा पूजा का विशेष महत्व कारखानों, कार्यस्थलों, और निर्माण स्थलों में माना जाता है। इस दिन भगवान विश्वकर्मा, जो शिल्पकला, वास्तुकला, और निर्माण के देवता माने जाते हैं, की पूजा विधिपूर्वक की जाती है। पूजा के दौरान औजारों, मशीनों और उपकरणों की पूजा की जाती है ताकि कार्य में प्रगति हो और आने वाली बाधाओं का निवारण हो सके।

व्यापार में बढ़ोतरी- मान्यता है कि भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने से व्यापार में उन्नति होती है, और नए अवसर प्राप्त होते हैं।

सुख-समृद्धि का आशीर्वाद- इस दिन पूजा करने से कार्यस्थल पर सुख-समृद्धि का वास होता है, जिससे कर्मचारियों और मालिकों दोनों को लाभ होता है।

काम में बाधा से मुक्ति- पूजा से कार्यक्षेत्र में आने वाली परेशानियाँ और चुनौतियाँ दूर होती हैं, और नया जोश और ऊर्जा मिलती है।

औजारों और मशीनों का संरक्षण- विश्वकर्मा पूजा के दौरान जिन औजारों और मशीनों की पूजा की जाती है, उनकी कार्यक्षमता बढ़ती है और वे लंबे समय तक अच्छी स्थिति में रहते हैं।

पारिवारिक सुख- इस दिन घर-परिवार में भी शांति और समृद्धि की प्राप्ति के लिए पूजा की जाती है।

विश्वकर्मा पूजा मुख्य रूप से उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है, जो निर्माण, इंजीनियरिंग, और तकनीकी कार्यों से जुड़े होते हैं। पूजा के माध्यम से वे अपने कार्यों में सफलता और सुरक्षा की कामना करते हैं।

विश्वकर्मा पूजा के दिन मंत्र जाप का विशेष महत्व होता है। इस दिन विधिपूर्वक पूजा और मंत्रों का जाप करके भगवान विश्वकर्मा का आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है। इस दिन का पूजन कार्यक्षेत्र में सफलता, समृद्धि, और उन्नति के लिए किया जाता है।

विश्वकर्मा पूजा मंत्र जाप-

विश्वकर्मा पूजा के दिन इस मंत्र का जाप करने से कार्य में सफलता प्राप्त होती है और जीवन में समृद्धि आती है।

" आधार शक्तपे नमः,

कूमयि नमः,

अनन्तम नमः,

पृथिव्यै नमः।"

 

 

 

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