सनातन धर्म में आश्विन माह का विशेष महत्व है। यह महीना भारतीय संस्कृति और धार्मिक परंपराओं से भरा हुआ है। आश्विन माह के दौरान शारदीय नवरात्र मनाया जाता है, जो भारत में विशेष रूप से पूजा और आराधना का समय होता है। इस नौ दिवसीय पर्व के दौरान, मां दुर्गा का स्वागत किया जाता है, जो मान्यता के अनुसार इस अवधि में धरती पर वास करती हैं।
Upay: पितृ पक्ष पितरों को समर्पित एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो हर वर्ष आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से लेकर अमावस्या तिथि तक मनाया जाता है। इस वर्ष, पितृ पक्ष 18 सितंबर से 2 अक्टूबर तक रहेगा, और इसके बाद शारदीय नवरात्र की शुरुआत होगी। इस अवधि के दौरान लोग अपने पितरों के प्रति श्रद्धा व्यक्त करते हैं और उनके लिए श्राद्ध एवं तर्पण का आयोजन करते हैं।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पितृ पक्ष के दौरान कुछ विशेष उपाय करने का विधान है। मान्यता है कि इन उपायों को करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और इससे पितृ दोष से भी मुक्ति मिलती है। अगर आप भी पितृ दोष से मुक्ति पाना चाहते हैं, तो निम्नलिखित उपाय अवश्य करें:
पितृ दोष पर करें ये उपाय
पितृ पक्ष के दौरान पितृ दोष से मुक्ति और पितरों की प्रसन्नता प्राप्त करने के लिए कई उपाय किए जा सकते हैं। यहाँ पर दिए गए उपाय आपको इस अवधि के दौरान विशेष लाभ दे सकते हैं -
1. काले तिल और बेलपत्र का अभिषेक
- उपाय: रोजाना स्नान-ध्यान करने के बाद गंगाजल या दुग्ध में काले तिल और बेलपत्र मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें।
- लाभ: यह उपाय पितृ दोष को दूर करता है और पितरों की आत्मा की शांति के लिए लाभकारी है।
2. काले तिल का दान
- उपाय: पितृ पक्ष के दौरान काले तिल का दान करें। आप इसे मंदिर में दान कर सकते हैं।
- लाभ: काले तिल का दान पितरों को प्रसन्न करता है और उनके आशीर्वाद को प्राप्त करने में मदद करता है।
3. बेलपत्र पर राम लिखकर अर्पित करें
- उपाय: पितृ पक्ष के दौरान स्नान-ध्यान के बाद बेलपत्र पर 'राम' लिखकर भगवान शिव को अर्पित करें।
- लाभ: यह उपाय कुंडली में अशुभ ग्रहों के प्रभाव को समाप्त करने में मदद करता है और पितृ दोष से मुक्ति दिलाता है।
4. पितरों का तर्पण और पिंडदान
- उपाय: पितृ पक्ष के दौरान पितरों का तर्पण और पिंडदान करें। इसके साथ ही घर में बड़े-बुजुर्गों की सेवा और सम्मान करें।
- लाभ: पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और पारिवारिक संबंधों में सुधार होता है।
5. काले तिल और जौ का अर्घ्य
- उपाय: अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से अमावस्या तक रोजाना स्नान-ध्यान के बाद जल में काले तिल और जौ मिलाकर पितरों को अर्घ्य दें।
- लाभ: यह उपाय पितृ दोष से मुक्ति दिलाने और पितरों को संतुष्ट करने में सहायक होता है।
इन उपायों को नियमित रूप से करने से पितृ दोष कम होता है और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है। पितृ पक्ष के दौरान इन विशेष उपायों को अपनाकर आप अपने जीवन को भी सकारात्मक दिशा में ले जा सकते हैं और पितरों की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।