2023 में 220 मिलियन टन से अधिक के अनुमानित उत्पादन के साथ, भारत यूरोपीय संघ को पीछे छोड़ते हुए दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक बन गया है।
भारत के डेयरी उद्योग की वृद्धि का श्रेय इसके सहकारी मॉडल को दिया जाता है, जो विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में लाखों किसानों को सशक्त बनाता है। अमूल जैसे संगठनों ने किसानों के लिए उचित मूल्य सुनिश्चित करके और गुणवत्ता नियंत्रण बनाए रखकर डेयरी क्षेत्र में क्रांति ला दी है। बदलती आहार प्राथमिकताओं और बढ़ते शहरीकरण के कारण पनीर, दही और मक्खन जैसे डेयरी उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ रही है। भारत सरकार ने भी बेहतर पशु चिकित्सा सेवाओं, पशुपालन और प्रजनन कार्यक्रमों सहित दूध उत्पादन बढ़ाने के उद्देश्य से पहल के माध्यम से इस क्षेत्र का समर्थन किया है। यह परिवर्तन न केवल ग्रामीण आजीविका का समर्थन करता है बल्कि राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में भी महत्वपूर्ण हैं।
भारत की सफलता के प्रमुख कारण
सहकारी मॉडल: भारत के डेयरी उद्योग की वृद्धि का श्रेय इसके सहकारी मॉडल को दिया जाता है, जो विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में लाखों किसानों को सशक्त बनाता है। अमूल जैसे संगठनों ने किसानों के लिए उचित मूल्य सुनिश्चित करके और गुणवत्ता नियंत्रण बनाए रखकर डेयरी क्षेत्र में क्रांति ला दी है।
बदलती आहार प्राथमिकताएँ: बदलती आहार प्राथमिकताओं और बढ़ते शहरीकरण के कारण पनीर, दही और मक्खन जैसे डेयरी उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ रही है।
सरकारी पहल: भारत सरकार ने बेहतर पशु चिकित्सा सेवाओं, पशुपालन और प्रजनन कार्यक्रमों सहित दूध उत्पादन बढ़ाने के उद्देश्य से विभिन्न पहलों के माध्यम से इस क्षेत्र का समर्थन किया है।
ग्रामीण आजीविका: यह परिवर्तन न केवल ग्रामीण आजीविका का समर्थन करता है, बल्कि राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में भी महत्वपूर्ण योगदान देता हैं।
निष्कर्ष
भारत का यह विकास न केवल देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, बल्कि यह वैश्विक स्तर पर डेयरी उद्योग में एक महत्वपूर्ण बदलाव को भी दर्शाता हैं।