तपतपाती गर्मी के बीच जहां लोग अपने घरों में कूलर AC के निचे बैठे रहते है और जरुरी काम होने पर ही घर से बाहर निकल रहे हैं. लेकिन ट्रैफिक पुलिस की जॉब ऐसी है जिन्हें हर हाल में सड़कों पर मुस्तैद होकर ड्यूटी करनी पड़ती है। ट्रैफिक के जवानों की इस परेशानी को देखते हुए गुरुग्राम पुलिस के जवानों के लिए एसी जैकेट उपलब्ध कराया जाएगा।
गुरुग्राम: तपतपाती भीषण गर्मी में चौराहों पर ड्यूटी कर रहे यातायात पुलिस के 13 जोनल अधिकारियों को गर्मी से राहत देने के लिए एयर कूलिंग जैकेट प्रदान की जाएगी। अभी इस जैकेट का ट्रायल रन चल रहा हैं. अधिकारी ने Subkuz.com को बताया कि कूलिंग जैकेट में ठंडक के लिए बर्फ के पैड डाले गए हैं और साथ में दो पंखे भी लगाए गए हैं। इस जैकेट से भयंकर गर्मी में भी पुलिसकर्मियों को राहत मिलने का अनुमान है। इस जैकेट वजन तकरीबन सवा तीन किलो है। ट्रैफिक डीसीपी (डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस) विरेंद्र कुमार विज ने बताया कि 13 जोनल अधिकारियों को प्रचंड गर्मी में राहत देने के लिए एयर कूलिंग जैकेट ट्रायल के तौर पर ट्रेफिक पुलिस जो वितरित की गई हैं।
जैकेट का ट्रायल सफल होने पर
जानकारी के मुताबिक सभी जोनल अधिकारी अपने-अपने चेकिंग प्वाइंट्स पर इन एसी जैकेटों को पहन कर ड्यूटी पर तैनात हैं। सभी अधिकारी एक सप्ताह तक इन जैकेट का इस्तेमाल करेंगे। उसके बाद सभी पुलिसकर्मी से सुझाव भी लिया जाएगा। अधिकारी ने कहां कि अगर इस जैकेट का ट्रायल सफल रहा तो अन्य सभी यातायात पुलिसकर्मियों को जल्द ही जैकेट दी जाएगी।
ऐसे काम करती है ये जैकेट
असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस (एसीपी) ट्रैफिक मुख्यालय सुखबीर कुमार सिंह ने मिडीया को बताया कि एयर कूलिंग जैकेट का वजन तक़रीबन सवा तीन किलो के है। इस जैकेट में दो अलग-अलग पार्ट हैं। एक अंदर की तरफ और दूसरा बाहरकी और।जैकेट के अंदर वाले हिस्से में बर्फ के पैड लगे हुए हैं। इन्हें जमाने के लिए फ्रीजर में रखा जाता है। तथा बाहर वाले हिस्से में सी टाइप चार्जर के साथ दो पंखे लगे हुए हैं, इन्हे पावर बैंक से कनेक्ट करके चलाया जाता हैं। कुछ जोनल अधिकारियों ने जैकेट का उपयोग करने के बाद बताया कि इसको पहनकर जब वह भीषण गर्मी में रोड पर ड्यूटी करने गए तो उनको अंदर से ठंडक महसूस हुई। जोनल अधिकारी मनफूल कुमार ने बताया कि गुरुग्राम पुलिस की ये शानदार पहल है। इस भयंकर गर्मी में सुबह से शाम तक ड्यूटी के दौरान शरीर पूरी तरह झुलस जाता है। इस जैकेट को पहनने से कुछ राहत की अनुभूति हुई हैं।
हीट स्ट्रोक से होगी सुरक्षा
जोनल के कुछ अधिकारियों ने बताया कि ट्रायल के तौर पर दी गई जैकेट में बजन ज्यादा है। बर्फ की पैड ढाई घंटे में ही पिघल रही है। ऐसे में पेड़ को फिर से जमाने के लिए फ्रिजर की आवश्यकता पड़ेगी। ड्यूटी करते समय इन पेड़ को कहां जमाया जाएगा। फारेंसिक विशेषज्ञ डॉ. दीपक माथुर ने बताया कि यातायात पुलिस की यह बहुत अच्छी पहल है। इस जैकेट से हीट स्ट्रोक होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है। इससे शरीर का तापमान संतुलित बना रहेगा। बताया कि इस जैकेट के पहनने से स्वास्थ्य संबंधी कोई भी प्रकार की समस्या नहीं होगी