राजस्थान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने नकली खाद और बीजों के बढ़ते मामलों पर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि केवल छापेमारी से इस समस्या का समाधान नहीं हो सकता। किसानों को भ्रमित करने की बजाय सरकार को व्यवस्था की नींव मजबूत करनी होगी।
मंडावा: राजस्थान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने नकली खाद और बीजों के बढ़ते मामलों पर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि केवल छापेमारी से इस समस्या का समाधान नहीं हो सकता। किसानों को भ्रमित करने की बजाय सरकार को व्यवस्था की नींव मजबूत करनी होगी।
कृषि संकट के मूल में ‘मुनाफाखोरी
डोटासरा ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान समय में राज्य के कई हिस्सों से नकली खाद, बीज और कीटनाशकों की शिकायतें सामने आ रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सब कुछ एक संगठित व्यापारिक गिरोह द्वारा किया जा रहा है, जिसमें कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से किसान ठगे जा रहे हैं।
उन्होंने कहा, किसानों को भरोसा चाहिए, डर नहीं। हर दिन छापों की खबरें आ रही हैं, लेकिन किसान को यह पता नहीं चल पा रहा कि असली खाद और बीज कहां उपलब्ध है।
व्यवस्था को सुधारने की अपील
डोटासरा ने प्रशासन और कृषि विभाग से आग्रह किया कि वे स्थायी और पारदर्शी तंत्र बनाएं, जिससे किसानों को मिलावटी उत्पादों से बचाया जा सके। उन्होंने सुझाव दिया कि:
- हर जिले में प्रमाणित विक्रेताओं की सूची सार्वजनिक की जाए।
- खाद-बीज की बिक्री पर डिजिटल निगरानी प्रणाली विकसित की जाए।
- किसान संगठनों को जागरूकता अभियान में जोड़ा जाए।
- उन्होंने यह भी कहा कि जब तक नकली माल बनाने वालों पर कड़ी सज़ा और उनकी जड़ तक पहुँचने वाली जांच नहीं होती, तब तक ऐसी छापेमारी केवल एक मीडिया शो बनकर रह जाएगी।
व्यवस्था को सुधारने की अपील
डोटासरा ने कहा कि नकली खाद और बीज से सबसे अधिक नुकसान सीधे खेत में पसीना बहाने वाले किसानों को होता है। वे अपने संसाधन, समय और मेहनत बर्बाद कर देते हैं, लेकिन जब फसल खराब होती है, तो न तो मुआवजा मिलता है और न ही न्याय। उन्होंने कहा, एक किसान के लिए बीज सिर्फ अनाज नहीं, उसका सपना होता है। जब वो सपना नकली माल से बर्बाद होता है, तो उसकी उम्मीदें भी टूट जाती हैं।
राजनीति से ऊपर उठकर समाधान की जरूरत
डोटासरा ने स्पष्ट किया कि यह विषय राजनीति का नहीं, बल्कि जनहित और किसानहित का है। उन्होंने सरकार से अपील की कि वह विपक्ष की बातों को आलोचना नहीं, सुझाव के रूप में देखे। उन्होंने कहा, अगर आज हमने इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया, तो कल देश का अन्नदाता ही सबसे असुरक्षित नागरिक बन जाएगा।
डोटासरा ने दावा किया कि कांग्रेस सरकार के समय किसानों के लिए कई पारदर्शी योजनाएं लागू की गई थीं, जिनमें सहकारी समितियों के माध्यम से बीज वितरण, ऑनलाइन शिकायत प्रणाली और बाजार मूल्य निगरानी शामिल थीं। उन्होंने वर्तमान सरकार से अपेक्षा जताई कि वह इन योजनाओं को फिर से लागू कर, और बेहतर बनाए।