उत्तर भारत के कई राज्यों में हालिया बारिश से मौसम का मिजाज बदल गया है। दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, और राजस्थान में मानसून की सक्रियता ने भारी बारिश और बाढ़ जैसी स्थितियां पैदा कर दी हैं। इस बारिश ने कई क्षेत्रों में तापमान कम किया, जिससे मौसम सुहावना हो गया, लेकिन कुछ जगहों पर जलभराव और बाढ़ के कारण जनजीवन प्रभावित हुआ हैं।
मौसम: उत्तर भारत के विभिन्न राज्यों में भारी बारिश के कारण मौसम का मिजाज बदल गया है। दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में लगातार बारिश से कहीं मौसम सुहावना हो गया, तो कहीं पर जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। मानसून की फिर से सक्रियता ने बाढ़ जैसी स्थितियों और जलभराव को जन्म दिया, जिससे आम जनजीवन और यातायात पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा हैं।
मौसम विभाग ने भी उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, और दिल्ली सहित कई राज्यों के लिए बारिश की संभावना जताते हुए अलर्ट जारी किया है। इस दौरान, बंगाल और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में भारी बारिश की आशंका है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति और खराब हो सकती है। लोगों को सतर्क रहने और आवश्यक कदम उठाने की सलाह दी गई हैं।
14 साल के बाद सितंबर महीने में सबसे कम तापमान
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हाल ही में रुक-रुक कर हो रही बारिश ने मौसम को सुहावना बना दिया है, जिससे तापमान में भी गिरावट आई है। गुरुवार को न्यूनतम तापमान 21.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से चार डिग्री कम है। यह तापमान पिछले 14 वर्षों में सितंबर माह का सबसे कम न्यूनतम तापमान है। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, इसने 13 सितंबर को दर्ज किए गए 21.4 डिग्री सेल्सियस के पिछले रिकॉर्ड को भी पार कर लिया है। दिल्ली में इस प्रकार की ठंडक और सुहावना मौसम आमतौर पर सितंबर में कम ही देखने को मिलता है, लेकिन लगातार बारिश और मानसून की सक्रियता के कारण तापमान में यह गिरावट आई है, जिससे लोगों को गर्मी से राहत मिली हैं।
बंगाल में बाढ़ से स्थिति बेहाल
पश्चिम बंगाल में लगातार हो रही बारिश ने नदियों के जलस्तर को खतरनाक रूप से बढ़ा दिया है, जिससे कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) द्वारा बुधवार सुबह मैथन डैम से 40,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिसके कारण हावड़ा, हुगली, पूर्व और पश्चिम बर्धमान जिलों सहित कई अन्य क्षेत्रों में बाढ़ आ गई है। खासतौर पर हुगली जिले के खानाकुल और आरामबाग क्षेत्रों में पानी भरने से ग्रामीणों का जनजीवन प्रभावित हुआ हैं।
बाढ़ से नदियों के आसपास के गांव डूब गए हैं, जिससे फसलें नष्ट हो रही हैं और लोग अपने घरों से सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं। राहत और बचाव कार्य जारी है, लेकिन जलस्तर में वृद्धि के कारण स्थिति चुनौतीपूर्ण बनी हुई है। प्रशासन ने प्रभावित इलाकों में लोगों को सतर्क रहने और ऊंचे स्थानों पर शरण लेने की सलाह दी हैं।
ओडिशा में बारिश का कहर
ओडिशा में लगातार हो रही भारी बारिश के बाद अब बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है, जिससे हजारों लोगों को बाढ़ की विभीषिका का सामना करना पड़ रहा है। हजारों एकड़ खेत जलमग्न हो गए हैं, जिससे किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं, और सैकड़ों गांव पानी में डूब गए हैं। लगभग 11,632 लोग अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर शरण ले चुके हैं, जहां उन्हें सरकार द्वारा भोजन और पानी उपलब्ध कराया जा रहा हैं।
बाढ़ से 33 इलाकों के 264 गांव और दो नगरपालिका क्षेत्रों के लगभग 40,000 लोग प्रभावित हुए हैं। सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में बालेश्वर शामिल है, जहां स्थिति बेहद गंभीर बनी हुई है। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने हालात का जायजा लेने के लिए बालेश्वर जिले का हवाई सर्वेक्षण किया और प्रभावित लोगों तक तत्काल राहत पहुंचाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। प्रशासन ने बचाव कार्यों को तेज कर दिया है और प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री पहुंचाई जा रही हैं।