दिल्ली की नई सरकार में मुकेश अहलावत को समाज कल्याण मंत्री के तौर पर शामिल किया जाएगा, और वह शनिवार को मुख्यमंत्री आतिशी के साथ शपथ लेंगे। मुकेश अहलावत को अनुसूचित जाति का प्रतिनिधि बनाकर पेश किया जाएगा, जिससे दिल्ली की सरकार में सामाजिक संतुलन को बनाए रखने की कोशिश की जा रही है। राजकुमार आनंद के इस्तीफे के बाद से समाज कल्याण मंत्री का पद खाली था, जिसे अब मुकेश अहलावत द्वारा भरा जाएगा।
नई दिल्ली: सुल्तानपुर माजरा से पहली बार विधायक बने मुकेश अहलावत को दिल्ली सरकार में एक नया चेहरा के रूप में शामिल किया जा रहा है। वह शनिवार को मुख्यमंत्री आतिशी के साथ राजनिवास में मंत्री पद की शपथ लेंगे और समाज कल्याण मंत्रालय का कार्यभार संभालेंगे। मुकेश अहलावत अनुसूचित जाति से आते हैं और उन्हें इस समुदाय के प्रमुख प्रतिनिधि के रूप में पेश किया जा रहा है। आम आदमी पार्टी (आप) उन्हें समाज कल्याण मंत्री बनाकर पार्टी के भीतर और बाहर डैमेज कंट्रोल की कोशिश कर रही हैं।
राजकुमार आनंद के इस्तीफे के बाद से समाज कल्याण मंत्री का पद खाली था, जिसे अब मुकेश अहलावत द्वारा भरा जाएगा। चार मौजूदा मंत्री अपने पद पर बने रहेंगे, जबकि एक और मंत्री की नियुक्ति के लिए अब तक किसी नए नाम की घोषणा नहीं की गई हैं।
राजकुमार आनंद समाज कल्याण मंत्री के पद पर होंगे नियुक्त
राजकुमार आनंद द्वारा अनुसूचित जाति की उपेक्षा का आरोप लगाकर दिए गए इस्तीफे के बाद, दिल्ली सरकार की कैबिनेट में बदलाव हो रहे हैं। कैबिनेट में मुख्यमंत्री समेत कुल सात सदस्य होते हैं, और मौजूदा सरकार का कार्यकाल फरवरी 2025 तक सीमित है, जिससे नए मुख्यमंत्री और नए सदस्यों का कार्यकाल छोटा होगा।
कैबिनेट में चार मौजूदा मंत्री गोपाल राय, कैलाश गहलोत, सौरभ भारद्वाज और इमरान हुसैन अपने पदों पर बने रहेंगे। मुकेश अहलावत, जिन्हें अनुसूचित जाति के प्रतिनिधि के रूप में पेश किया जा रहा है, समाज कल्याण मंत्री के रूप में शामिल होंगे। यह परिवर्तन पार्टी की तरफ से अनुसूचित जाति समुदाय को और अधिक समायोजित करने की दिशा में एक प्रयास के रूप में देखा जा रहा हैं।
कौन हैं मुकेश अहलावत?
जानकारी के मुताबिक 48 वर्षीय दलित नेता मुकेश अहलावत, जो सुल्तानपुर माजरा के आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं, उनको दिल्ली की कैबिनेट में समाज कल्याण मंत्री के रूप में शामिल किया गया है। यह नियुक्ति राज कुमार आनंद के इस्तीफे से खाली हुए पद को भरने के लिए की गई है। आनंद ने अप्रैल 2024 में केजरीवाल सरकार और आम आदमी पार्टी (आप) से इस्तीफा दे दिया था, और बाद में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए थे।
यह नियुक्ति ऐसे समय पर हो रही है जब 2025 के विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं और आप पार्टी अनुसूचित जाति समुदाय का समर्थन बनाए रखने के प्रयास कर रही है। मुकेश अहलावत को अनुसूचित जाति के एक प्रमुख नेता के रूप में पेश किया जा रहा है, जिससे पार्टी की छवि को मजबूत करने का प्रयास किया जा रहा हैं।
मुकेश अहलावत को 2013 के चुनाव में मिली थी हार
मुकेश अहलावत वर्तमान में आम आदमी पार्टी (आप) की राजस्थान इकाई के सह-प्रभारी हैं। 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में, उन्होंने भाजपा के राम चंद्र चावरिया को 48,042 मतों के अंतर से हराकर सुल्तानपुर माजरा निर्वाचन क्षेत्र में आप को महत्वपूर्ण जीत दिलाई थी। पेशे से एक व्यवसायी होने के नाते, अहलावत ने 9 नवंबर 1975 को जन्म लिया और 1994 में रवींद्र पब्लिक स्कूल से 12वीं तक की शिक्षा प्राप्त की।
आप में शामिल होने से पहले, उन्होंने 2013 में बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन कांग्रेस के जय किशन से हार गए थे। उपनगरीय विधानसभा सीट सुल्तानपुर माजरा उत्तर पश्चिमी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है। आतिशी और उनकी नई कैबिनेट 21 सितंबर को पद की शपथ लेने वाली है, लेकिन उनका कार्यकाल संक्षिप्त होगा, क्योंकि अगले साल फरवरी में दिल्ली विधानसभा चुनाव होने हैं। यह परिवर्तन पार्टी की रणनीति और राजनीतिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए महत्वपूर्ण माना जा रहा हैं।