India-Bangladesh: शेख हसीना की विदाई से बढ़ी भारत की टेंशन, बांग्लादेश के साथ कितने बदल जाएंगे देश के रिश्ते? जानिए पूरी जानकारी

India-Bangladesh: शेख हसीना की विदाई से बढ़ी भारत की टेंशन, बांग्लादेश के साथ कितने बदल जाएंगे देश के रिश्ते? जानिए पूरी जानकारी
Last Updated: 06 अगस्त 2024

India-Bangladesh: शेख हसीना की विदाई से बढ़ी भारत की टेंशन, बांग्लादेश के साथ कितने बदल जाएंगे देश के रिश्ते? जानिए पूरी जानकारी 

बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी हिंसक प्रदर्शन के बीच सोमवार को राजनीति में भूचाल गया। प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ दिया है। अब देश में नई सरकार का गठन होगा। इस कारण भारत की चिंता बढ़ गई है। पीएम शेख हसीना और भारत के संबंध बहुत अच्छे थे।

नई दिल्ली: बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद नोबेल विजेता मुहम्मद यूनुस की अगुवाई में अंतरिम सरकार बनना तय है। नई सरकार के सत्ता में आने के बाद विदेशी कूटनीति में भी बदलाव देखने को मिलेगा। शेख हसीना सरकार की विदाई ने भारत की भी चिंता काफी ज्यादा बढ़ा दी है। माना जा रहा है कि बांग्लादेश नेशनल पार्टी (बीएनपी) और जमात--इस्लामी जैसी पार्टियां सत्ता में आए वाली है और  इन पार्टियों का झुकाव चीन और पाकिस्तान देश की ओर हैं। ऐसे में भारत का सिरदर्द बढ़ गया हैं। आइए जानते है, इससे भारत पर क्या असर पड़ सकता हैं।

सीमा सुरक्षा सबसे बड़ी चिंता

भारत और बांग्लादेश के बीच 4096 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा लगती है। देश के पांच राज्य बांग्लादेश की सीमा से सटे हुए है। इस पूरे क्षेत्र में मैदानी, जल, पहाड़ी और जंगली क्षेत्र का विशाल भूभाग स्थापित है और यहां की जनसंख्या भी काफी अधिक है। पड़ोसी देश में मौजूदा हालात को देखकर बड़ी तादाद में लोग भारत सकते हैं। इससे बांग्लादेश से शरणार्थियों का देश में आगमन काफी ज्यादा बढ़ सकता है, जो देश की सुरक्षा के लिए बहुत बड़ा खतरा हैं।

लटक सकता हैं तीस्ता नदी कंजर्वेशन प्रोजेक्ट

बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना और भारत के प्रधानमंत्री के रिश्ते बहुत अच्छे रहे  है। उनके कार्यकाल के दौरान दोनों देशों के बीच, ऊर्जा, कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे - जैसे क्षेत्रों में काफी ज्यादा विकास हुआ है। तीस्ता सिंचाई परियोजना को लेकर दोनों देश के बीच पिछले कुछ सालों से बातचीत चल रही है। पीएम नरेंद्र मोदी और शेख हसीना के बीच  तीस्ता नदी कंजर्वेशन प्रोजेक्ट पर वार्तालाप आखरी चरण पर थी। बता दें इस परियोजना पर चीन भी बुरी नजर गड़ाए हुए है। अब बांग्लादेश में नई सरकार के गठन के बाद इस परियोजना पर भी बुरा असर पड़ सकता हैं।

भारत-बांग्लादेश के बीच होने वाले व्यापार पर असर

1. भारत में आने वाली वास्तु               

* आरएमजी कपास                       

* सूती कपड़े                                 

* आरएमजी मानव निर्मित फाइबर   

* मसाले                                             

2. भारत से जाने वाली वास्तु                                     

* कपास धागा

* पेट्रोलियम उत्पाद

* अनाज

* सूती कपड़े

 

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