India-Bangladesh Relation: द्विपक्षीय संबंधों का शुरू हुआ स्वर्णिम दौर: नरेंद्र मोदी और शेख हसीना ने पड़ोसी देशों के आदर्शों को किया दोबारा जीवित

India-Bangladesh Relation: द्विपक्षीय संबंधों का शुरू हुआ स्वर्णिम दौर: नरेंद्र मोदी और शेख हसीना ने पड़ोसी देशों के आदर्शों को किया दोबारा जीवित
Last Updated: 28 जून 2024

भारत और बांग्लादेश के संबंध अपने हितों एवं समझ के कारण इन दिनों काफी ज्यादा मजबूत हो रहे हैं। दोनों देशों की अपनी उपयोगिता एवं अहमियत है। इसी महत्व को समझते हुए भारत के पीएम मोदी और बांग्लादेश की पीएम हसीना ने अपने-अपने देशों की जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए ठोस कदम उठाने का निर्णय लिया हैं।

देश-विदेश: भारत और बांग्लादेश के संबंधों के इस दौर को यदि स्वर्णिम काल कहा जाए तो यह गलत नहीं होगा। बता दें कि इस महीने की शुरुआत में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के तीसरी बार पीएम शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के कुछ दिन बाद ही बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना भारत के दौरे पर आईं थी। नई सरकार का कार्यकाल शुरू होने के बाद किसी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष का भारत में यह पहला दौरा हैं।

राजधानी दिल्ली और राजधानी ढाका के मधुर रिश्ते

जानकारी के मुताबिक बीते दस वर्षों के दौरान दिल्ली और बांग्लादेश की राजधानी ढाका के रिश्ते मधुर एवं सहज हुए हैं और कई बार मुश्किल परिस्थितियों में भी दोनों ने एक-दूसरे पर आंच भी नहीं पड़ने दी। तीस्ता जल समझौतेके लिए मोदी को बंगाल सरकार के विरोध से काफी जूझना पड़ा था, वहीं बांग्लादेश में हसीना को भारत-विरोधी तत्वों का बहुत सामना करना पड़ा। इतना सबकुछ हो जाने के बावजूद दोनों नेताओं ने अपनी साझेदारी को आगे बढ़ाया, जो द्विपक्षीय और क्षेत्रीय दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण रही हैं।

शेख हसीना पीएम मोदी जी के तीसरे कार्यकाल की पहली विदेशी मेहमान

Subkuz.com ने बताया कि इस वर्ष जनवरी 2024 में जब शेख हसीना को एक बार फिर से बांग्लादेश की प्रधानमंत्री चुना गया तो उन्होंने अपने पहले विदेशी दौरे के लिए भारत का नाम घोषित किया। तब उन्होंने कहां था किभारत हमारे लिए एक प्रमुख पड़ोसी, भरोसेमंद साथी और क्षेत्रीय साझेदार देश है। भारत-बांग्लादेश के रिश्ते बहुत तेजी से मजबूत हुए हैं। उनके हालिया दौरे की महत्ता को बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहां किवह हमारी सरकार के तीसरे कार्यकाल के शुरू होने के बाद भारत आने वाली पहली विदेशी मेहमान हैं। इस दौरे के दौरान दोनों बड़े नेताओं के बीच दस सहमति पत्रों (एमओयू) पर हस्ताक्षर हुए।

बता दें कि द्विपक्षीय संबंधों को नया आयाम देने और उन्हें मजबूती प्रदान करने के लिए कुछ नई पहल की गई हैं। इनमे बांग्लादेश से इलाज के लिए भारत आने वाले मरीजों को -वीजा, नई रेल एवं बस सेवा उपलब्ध करवाना, गंगा जल समझौते के लिए संयुक्त तकनीकी समिति का गठन, तीस्ता नदी के संरक्षण एवं प्रबंधन से जुड़ी एक बड़ी परियोजना के लिए एक भारतीय तकनीकी टीम को बांग्लादेश भेजने का प्रस्ताव, नेपाल से भारतीय ग्रिड के जरिये 40 मेगावाट बिजली बांग्लादेश को पहुंचाना तथा बांग्लादेशी पुलिस अधिकारियों के प्रशिक्षण की व्यवस्था करना जैसी पहल शामिल की गई हैं।

जुलाई में चीन का दौरा करेगी शेख हसीना

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना जुलाई महीने में चीन का दौरा करेंगी। उससे पहले उनका हालिया भारत दौरा द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की नै दिशा की और अग्रसर हुआ हैं। चीन को लेकर भारत की कुछ चिंताएं रही हैं, जिनका हसीना ने हमेशा काफी ज्यादा ख्याल रखा है। चीन तीस्ता नदी से जुड़ी विकास परियोजना सन्दर्भ में मनमोहन सिंह की सरकार ने 2011 में एक समझौता भी किया था, लेकिन वह बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विरोध के कारण आगे नहीं बढ़ पाया था।

भारत और बांग्लादेश के संबंध अपने हितों एवं समझ के कारण सशक्त और ज्यादा मजबूत हो रहे हैं। इसकी महत्ता को समझते हुए मोदी और हसीना ने अपने-अपने देशों की जनता के हितों को ध्यान में रखकर नै पहल करके ठोस कदम उठाना सुनिश्चित किया है। पड़ोसी देशों के बीच आदर्श साझेदारी को दोनों नेताओं ने पुन: परिभाषित किया है। परस्पर सम्मान, हित और संवेदनशीलता ने इस साझेदारी ने अन्य देशों के लिए एक आदर्श भावना को प्रस्तुत किया हैं

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